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कौन है ब्रज भूषण शरण सिंह, जिनके खिलाफ पहलवानों ने छेड़ दी मुहीम

Who is Brij Bhushan Sharan Singh: दिल्ली के जंतर-मंतर पर बुधवार से भारत के ओलिंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट सहित तमाम पहलवान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

 कौन है ब्रज भूषण शरण सिंह, जिनके खिलाफ पहलवानों ने छेड़ दी मुहीम
SportsTak - Thu, 19 Jan 03:15 PM

दिल्ली के जंतर-मंतर पर बुधवार से भारत के ओलिंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट सहित तमाम पहलवान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इन पहलवानों की मांग है कि जब तक रेसलिंग फेडरेशन ऑफ़ इंडिया (WFI) के अध्यश ब्रज भूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) को उनके पद से नहीं हटाया जाता तब तक वह विरोध प्रदर्शन करना बंद नहीं करेंगे. इतना ही नहीं इसी बीच ब्रज भूषण पर पहलवानों ने महिला पहलवानों का यौन शोषण करने जैसे आरोप भी लगा डाले हैं. जिस पर ब्रज भूषण ने कहा कि ये सभी आरोप प्लान करके लगाए जा रहे हैं. जबकि यौन शोषण का मामला साबित होता है तो मैं फांसी पर भी लटकने के लिए तैयार हूं. ऐसे में चलिए जानते हैं कि कौन है ब्रज भूषण शरण सिंह और कैसे वह राजीनति में आगे बढे.

 

कौन है ब्रज भूषण शरण सिंह  - Who is Brij Bhushan Sharan Singh ?
ब्रज भूषण शरण सिंह की बात करें तो उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा के रहने वाले हैं. युवावस्था से ही उन्हें पहलवानी का काफी शौक था. जिसके चलते वह खुद को शक्तिशाली भी कहते हैं. हालांकि छात्र जीवन से ही उन्हें राजनीति में भी दिलचस्पी थी. जिसके चलते वह इन दिनों कैसरगंज लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के सांसद भी हैं. साल 1999 के बाद से अभी तक ब्रज भूषण एक भी चुनाव में हारे नहीं हैं.

 

राजनीतिक करियर 
कॉलेज के समय सबसे पहले राजनीति में उन्हें छात्र संघ का अध्यक्ष चुना गया. इसके बाद से वह सीढ़ी दर सीढ़ी आगे बढ़ते चले गए. जिसकी सबसे पहले चर्चा तब हुई जब उन्हें साल 1991 में लोकसभा के लिए चुना गया. इसके बाद 1999, 2004, 2009, 2014 और 2019 में भी उन्हें लोकसभा के लिए चुना गया. साल 1998 में ब्रज भूषण भारतीय जनता पार्टी से जुड़े और साल 1991 में पहली बार सांसद बने थे. हालांकि बाद में उनका बीजेपी से नाता टूट गया था और साल 2009 में वह समाजवादी पार्टी से सांसद बने थे. इसके बाद साल 2014 के चुनाव में फिर से वह बीजेपी में शामिल हो गए थे. इतना ही नहीं ब्रज भूषण के बेटे प्रतीक भूषण भी राजनीति में सक्रिय हैं और वह गोंडा से बीजेपी विधायक भी हैं.

 

साल 2011 में बने कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष 
साल 2011 में वह पहली बार कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बने और तबसे वह अभी तक इस पद पर विराजमान हैं. साल 2019 में ब्रज भूषण को लगातार तीसरी बार भारतीय कुश्ती का कर्ताधर्ता चुना गया.

 

कुश्ती में कॉन्ट्रैक्ट सिस्टम लाए ब्रज भूषण 
एक सफल राजनेता होने के साथ-साथ अयोध्या के अखाड़े से कुश्ती सीखने वाले ब्रज भूषण प्रशासक के तौर पर भी दमदार नजर आए हैं. ब्रज भूषण ही वह व्यक्ति हैं जो भारतीय कुश्ती में पहली बार साल 2018 में कॉन्ट्रैक्ट सिस्टम लेकर आए थे. इसके तहत खिलाड़ियों को अलग-अलग ग्रेड में रखा गया है. जिसमें ग्रेड ए में शामिल होने वाले खिलाड़ियों को 30 लाख जबकि ग्रेड बी में शामिल होने वाले खिलाड़ियों को 20 लाख रुपये और ग्रेड सी में शामिल होने वाले खिलाड़ियों को 10 लाख रुपये जबकि ग्रेड डी में शामिल होने वाले खिलाड़ियों को पांच लाख रुपये सालाना दिए जाते हैं. इन सबके अलावा ब्रज भूषण शरण सिंह अयोध्या, श्रावस्ती, गोंडा, बलरामपुर और बहराइच के करीब 50 से अधिक शिक्षा संस्थानों से जुड़े हुए हैं. 

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