बजरंग पूनिया ने वर्ल्ड चैंपियनशिप में जीता कांसा, सिर में चोट के बाद भी बढ़ाया भारत का मान
बजरंग पूनिया ने वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता है. उन्होंने पुरुषों के 65 किलो भारवर्ग में प्यूर्टो रिको के सेबेस्टियन रिवेरा को 11-9 से हराकर वर्ल्ड चैंपियनशिप में अपना चौथा मेडल जीता.
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Sun - 18 Sep 2022
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बजरंग पूनिया ने वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता है. उन्होंने पुरुषों के 65 किलो भारवर्ग में प्यूर्टो रिको के सेबेस्टियन रिवेरा को 11-9 से हराकर वर्ल्ड चैंपियनशिप में अपना चौथा मेडल जीता. कांसे के मैच में एक समय बजरंग पूनिया 0-6 से पीछे चल रहे थे. लेकिन फिर अपने अनुभव का इस्तेमाल करते हुए 11 अंक बटोरे और जीत हासिल की. सर्बिया की राजधानी बेलग्रेड में खेली गई वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत को दो ही मेडल मिले. दोनों ही कांस्य पदक रहे. बजरंग पूनिया के अलावा विनेश फोगाट ने भी कांसा जीता था.
बजरंग अपनी स्पर्धा में क्वार्टर फाइनल का मुकाबला हार गए थे. लेकिन उन्हें हराने वाले अमेरिका के 23 साल के यिआनी दियाकोमिहालिस फाइनल में पहुंच गए. ऐसे में रेपेचेज के जरिए बजरंग के पास कांस्य पदक जीतने का मौका आया. उन्होंने रेपचेज के पहले मुकाबले में 7-6 से जीत दर्ज की. इस मुकाबले में भी बजरंग पिछड़ रहे थे. लेकिन आखिरी मिनटों में वापसी के जरिए उन्हें जीत मिली. वहीं कांस्य पदक के मुकाबले में भी वे पिछड़ रहे थे. प्यूर्टो रिको के रेसलर ने एक समय 6-0 से बढ़त ले ली थी. फिर बजरंग ने वापसी की लेकिन विरोधी पहलवान 9-6 से आगे हो गया. मगर भारतीय पहलवान ने भी हार नहीं मानी और चार पॉइंट बटोरे और विरोधी को एक भी नहीं दिया.
सिर में चोट फिर भी नहीं मानी हार
बजरंग इस दौरान सिर में लगी चोट के चलते भी परेशान रहे. यह चोट उन्हें 17 सितंबर को प्री क्वार्टर फाइनल के मुकाबले में लगी थी. इसके चलते वे सिर पर बैंडेज बांधकर खेल रहे थे. बजरंग ने चौथी बार वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीता है. उन्होंने अभी तक एक सिल्वर और तीन कांस्य हासिल किए हैं. बजरंग ने सबसे पहले 2013 में कांसा जीता था. फिर 2018 में सिल्वर, 2019 में कांसा और 2022 में कांसा जीता. वे वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत के सबसे कामयाब रेसलर हैं.
बजरंग भारत के सबसे कामयाब पुरुष पहलवानों में से एक हैं. वे वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल के साथ ही ओलिंपिक में भी कांस्य जीत चुके हैं. साथ ही एशियम गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स में एक से ज्यादा मेडल उनके नाम हैं.
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