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जंतर-मंतर पर पहलवानों और महासंघ के बीच जारी 'दंगल', खेल मंत्रालय ने दिया 72 घंटे का अल्टीमेटम, जानें पूरा मामला

दिल्ली के जंतर-मंतर पर जब बुधवार को ओलिंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट सहित तमाम पहलवान धरने पर बैठे.

जंतर-मंतर पर पहलवानों और महासंघ के बीच जारी 'दंगल', खेल मंत्रालय ने दिया 72 घंटे का अल्टीमेटम, जानें पूरा मामला
SportsTak - Thu, 19 Jan 01:15 PM

दिल्ली के जंतर-मंतर पर जब बुधवार को ओलिंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया जबकि वर्ल्ड चैंपियन विनेश फोगाट सहित तमाम पहलवान धरने पर बैठे. उस समय किसी ने नहीं सोचा था कि जंतर-मंतर का धरना दंगल का मैदान बन जाएगा. भारतीय पहलवान धरने पर बैठे और उन्होंने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ़ इंडिया (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल डाला. पहलवानों की मांग है कि ब्रजभूषण को तत्काल प्रभाव से पहले तो पद से हटाया जाए. इसके आलावा उन पर यौन शोषण का आरोप भी लगा है. पहलवानों का कहना है कि अध्यक्ष ब्रज भूषण ना सिर्फ हम सबके साथ अभद्रता का व्यवहार करते हैं बल्कि हमें काफी परेशान भी किया जाता है. इस तरह पहलवानों के धरने पर खेल मंत्रालय ने बुधवार शाम को मामले पर संज्ञान लिया और 72 घंटे के भीतर जवाब देने के निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा WFI के अध्यक्ष ब्रज भूषण ने अपने उपर लगे यौन शोषण के आरोप पर कहा कि अगर ये सच है तो मैं फांसी पर लटकने को तैयार हूं. 

बुधवार को हुई शुरुआत 
दरअसल, बुधवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक सहित तमाम पहलवान एकत्र हुए. इन सभी ने धरना देकर WFI के अध्यक्ष ब्रज भूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. हालांकि शुरुआत में भारतीय पहलवान मामला ठीक से नहीं बता रहे थे. लेकिन शाम को चार बजे पहलवानों ने प्रेस कांफ्रेंस करके संगीन आरोप लगा डाले. जिस पर विनेश फोगाट ने कहा कि महिल पहलवानों के साथ यौन शोषण किया जाता है. 10 से 20 केस तो मैं खुद जानती हूं. विनेश ने कोच और रेफरी पर भी आरोप लगाए. इसके आलवा पहलवानों ने कहा कि जब हाई कोर्ट इस मामले में हमें निर्देश देगा तभी हम सबूत पेश करेंगे. हम प्रधानमंत्री को भी सबूत देंगे और जब तक सभी को सजा नहीं मिलती हम धरने से पीछे नहीं हटेंगे.

 

72 घंटे का अल्टीमेटम 
इस तरह पहलवानों की प्रेस कांफ्रेंस के बाद खेल विभाग में हलचल मच गई. जिस पर खेल मंत्रालय ने संज्ञान लिया और भारतीय कुश्ती महासंघ के कामकाज को लेकर 72 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए स्पष्टीरण मांगा है. WFI को भेजे पत्र में मंत्रालय ने कहा है कि ये मामला एथलीटों की भलाई से जुड़ा हुआ है इसलिए इसे गंभीरता से लिया जाएगा.

 

लखनऊ का नेशन कैंप हुआ रद्द 
मंत्रालय ने आगे कहा कि अगर WFI 72 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण नहीं देता है तो फिर राष्ट्रीय खेल विकास संहिता, 2011 के प्रावधानों के अनुसार महासंघ के खिलाफ मंत्रालय कार्रवाई शुरू करेगा. जबकि 18 जनवरी से लखनऊ के भारतीय खेल प्राधिकरण में शुरू होने वाले नेशनल कैंप को भी रद्द कर दिया गया है. इस कैप में 13 कोच और 41 पहलवानों को भाग लेना था.

 

लखनऊ में ही क्यों लगता है कैंप
लखनऊ में ही बार-बार कैंप लगने को लेकर बजरंग पूनिया ने कहा कि जबसे वह अध्यक्ष बने हैं. तबसे सभी कैंप लखनऊ में ही क्यों लगते आ रहे हैं. क्योंकि वहां पर अध्यक्ष का घर है और इसके चलते लड़कियों का शोषण आसानी से किया जा सके. इसलिए लखनऊ में ही कैंप लगता आ रहा है.

 

बजरंग की क्या है डिमांड और उनका क्या है कहना 
बजरंग ने कहा कि रिक्वेस्ट करके थक चुके है, टोक्यो में मेरे घुटने में इंजरी थी, मुझे ट्वीट करवाया, 6 महीने मैने खुद से ट्रेनिंग की, पर कोई मदद नहीं मिली. हमारी डिमांड ये है की रेसलिंग से जुड़ी चीज हमें दे, कोच नही देते, महिलो के साथ बुरा बर्ताव करते है, कुछ कोच शोषण करते हैं. यहां तक कि अध्यक्ष जी ने खुद शोषण किया है. हम तब तक किसी टूर्नामेंट में भाग नहीं लेंगे जब तक अध्यक्ष को पद से हटाया नहीं जाता है.

बजरंग ने आगे कहा, "हर दिन मेंटल टार्चर कर रहे है, कैंप के लिए पैसे लेकर नाम डालते है. राजू तोमर टोक्यो ओलिंपिक में गए जबकि हमारे साथ कोई कोच नही थे. कोई हमें मदद नहीं मिली, इसलिए रिजल्ट जीरो रहा. फिजियो भी नही था, कोचे मेंटली कीड़े की तरह खाते है. प्राइवेट स्पॉन्सर्स पहले फेडरेशन को खिलाते है, फिर हम तक आते हैं. पहलवानों को संभालने वाला कोई नहीं है, टाटा मोटर्स के पैसे भी नही आए. अध्यक्ष ने हमें गालियां दी हैं और मानसिक रूप में तंग किया है."

साक्षी ने कहा, "हर महीने नए टूर्नामेंट आते है, वजन बार-बार घटाना पड़ता है, रिकवरी नही होती है. जीतने के बाद सबसे हम मिल रहे होते हैं लेकिन 10 दिन बाद ट्रॉयल रख देते है, जबरदस्ती ट्रॉयल दिलवा रहे हैं.

 

फोगाट ने क्या कहा ?
फोगाट ने कहा, "कुछ नेशनल कोच हैं जो फेडरेशन के बेहद करीब हैं. ये सभी नेशनल कैंप में लड़कियों का यौन उत्पीड़न करते हैं. मैं यहां 10 से ज्यादा लड़कियों का नाम ले सकती हूं जिन्हें नेशनल कैंप के दौरान इन सब चीजों का सामना करना पड़ा. लेकिन कोई भी डर के चलते बाहर नहीं आता है. जो लड़कियां यहां धरने पर बैठी हैं, उनके साथ भी ऐसा हो चुका है. हमारे साथ WFI अध्यक्ष का ट्रैवल करना जरूरी था या फीजियो का. यहां पर हमारे साथ महिला रेसलर्स को जाना चाहिए था. लेकिन इसमें कोई भी नहीं गया. अध्यक्ष ने मुझे खोटा सिक्का कहा और ये भी कहा कि, गुस्सा बहुत आता है."

 

फांसी पर लटकने को हूं तैयार
वहीं पहलवानों के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए बृज भूषण ने कहा कि पिछले 10 सालों से क्या उन्हें फेडरेशन से कोई दिक्कत नहीं थी. दिक्कत तब आती है जब नए नियम लागू होते हैं. मेरे ऊपर लगाए गए सभी आरोप गलत हैं. कोई भी मेरे मुंह के सामने आकर ये सभी आरोप नहीं लगा सकता. अगर यह साबित होता है तो फांसी पर लटकने को तैयार हूं. खिलाड़ी न तो ट्रॉयल देना चाहते हैं और न ही नेशनल खेलना चाहते हैं. ऐसे कैसे चलेगा.

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