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Manipur Violence: 'सूबे में बिखराव हुआ तो लौटा देंगे पुरस्कार', मीराबाई चानू समेत 11 मणिपुरी खिलाड़ियों की केंद्र सरकार को चेतावनी

मणिपुर के 11 खिलाड़ियों ने राज्य में चल रही हिंसा को रोकने और एकजुटता बनाए रखने के लिए केंद्र सरकार से अपील की है.

Manipur Violence: 'सूबे में बिखराव हुआ तो लौटा देंगे पुरस्कार', मीराबाई चानू समेत 11 मणिपुरी खिलाड़ियों की केंद्र सरकार को चेतावनी
authorSportsTak
Wed, 31 May 11:57 AM

Manipur Unrest: मणिपुर के 11 खिलाड़ियों ने राज्य में चल रही हिंसा को रोकने और एकजुटता बनाए रखने के लिए केंद्र सरकार से अपील की है. इन खिलाड़ियों ने चेतावनी दी है कि अगर सूबे की भौगोलिक अखंडता से कोई छेड़छाड़ हुई तो वह सरकार की ओर से मिले पुरस्कर लौटा देंगे. इसके तहत राज्य के दौरे पर आए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को मेमोरेंडम लिखा है. मेमो पर ओलिंपिक मेडलिस्ट वेटलिफ्टर मीराबाई चानू, वुशु प्लेयर संध्यारानी देवी, बॉक्सर सरिता देवी, वेटलिफ्टर एन कुंजारानी देवी, वेटलिफ्टर अनिता चानू, फुटबॉलर ओनम बेमबेम देवी, वेटलिफ्टर एन सोनिया चानू, जूडोका सुशीला देवी, बॉक्सर सुरंजय सिंह, वुशु प्लेयर सनाथोई देवी जैसे खिलाड़ियों ने साइन किए हैं.

 

अनिता चानू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया, 'अगर अमित शाह ने हमें मणिपुर की अखंडता को लेकर भरोसा नहीं दिया तो हम भारत सरकार की ओर से दिए गए अवार्ड लौटा देंगे. अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई तो वे भविष्य में भारत का प्रतिनिधित्व नहीं करेंगे और न ही किसी उभरती हुई प्रतिभा को ट्रेनिंग देंगे.' खिलाड़ियों की ओर से तैयार किया गया मेमो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर है. सभी खिलाड़ी इसे देने के लिए इंफाल गए थे मगर वहां पर अमित शाह नहीं मिले क्योंकि वे चूड़ाचंदपुर में कुकी समुदाय के पीड़ितों और संगठनों से मिलने चले गए थे.

 

चानू ने कहा, 'हमने मेमो की कॉपी मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह को जमा करा दी. उन्होंने आश्वस्त किया कि चूड़ाचंदपुर से लौटने पर वे शाह के साथ उनकी मीटिंग कराएंगे. हम यह मेमो उन्हें तब देंगे.' मेमो में खिलाड़ियों ने केंद्रीय सुरक्षा बलों के हिंसा रोकने के कदमों पर सवाल खड़े किए. उनका आरोप है कि 'कुकी आतंकी लोगों को मारकर और घरों को जलाकर मणिपुर की अखंडता को चुनौती दे रहे हैं. हम निहत्थे नागरिकों पर इस तरह के हमलों की आलोचना करते हैं.'

 

खिलाड़ियों ने कुकी उग्रवादी संगठनों के साथ सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन समझौते को वापस लेने, शांति बहाली और मणिपुर की एकता व एखंडता की मांग भी की. मेमो में लिखा गया है, 'मणिपुर को बांटने की मांग को किसी भी हालत में मंजूर नहीं किया जा सकता. मैतेयी को केवल घाटी के इलाकों में बसने की अनुमति है. घाटी मणिपुर के भौगोलिक इलाके का केवल 10 फीसदी है. अगर वर्तमान व्यवस्था आगे भी जारी रहती है तब वे लोग कहां जाएंगे. इसलिए मैतेयी को मणिपुर की पहाड़ियों में भी बसने दिया जाए.'

 

खिलाड़ियों ने नेशनल हाइवे-2 से ब्लॉकेड को हटाने की अपील भी की ताकि जरूरी सामान की आसमान छूती कीमतों को रोका जा सके. यह हाइवे असम के डिब्रूगढ़ से लेकर मिजोरम के तुइपांग तक जाता है. यह रास्ता असम, नगालैंड, मणिपुर और मिजोरम को जोड़ता है. 

 

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