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Yearender 2022: एथलेटिक्स में खूब खिला भारत का 'नीरज', साबले, ज्योति और रूपल ने भी दिखाया दम
साल 2021 में भारतीय एथलेटिक्स में जो अंगड़ाई दिखाई दी थी वो 2022 में एक क्रांति में बदलती सी दिखाई दी.
साल 2021 में भारतीय एथलेटिक्स में जो अंगड़ाई दिखाई दी थी वो 2022 में एक क्रांति में बदलती सी दिखाई दी. नीरज चोपड़ा के यश में इस साल बड़ा इजाफा हुआ तो अविनाश साबले, मुरली श्रीशंकर, एल्डॉस पॉल, अब्दुल्ला अबूबकर जैसे एथलीट्स ने भी अपना दम दिखाया. इन खिलाड़ियों ने कॉमनवेल्थ गेम्स में ऐसी स्पर्धाओं में मेडल हासिल किए जिनमें अभी तक भारत मुकाबले में भी नहीं दिखता था. ज्योति याराजी और रूपल पटेल ने खुद को एथलेटिक्स के फ्यूचर के तौर पर पेश किया है.
साल 2022 में एक तरह से एथलेटिक्स में भारत के 2024 पेरिस ओलिंपिक की उम्मीदों की नींव रखी गई है देखना दिलचस्प होगा कि दो साल बाद इनमें से कितनी उम्मीदें खुश करने का मौका बनेगी. गुजरते साल के साथ देख लेते हैं कि 2022 में भारत को एथलेटिक्स में क्या कुछ मिला, क्या ऐसा रहा जहां अभी भी काम करना है और कहां पर भारत की साख पर बट्टा लगा है.
नीरज का राज
2020 टोक्यो ओलिंपिक में भारत को जैवलिन थ्रो का गोल्ड दिलाने वाले नीरज ने साल 2022 में साबित किया कि वे अभी रुकने वाले नहीं हैं. साल के शुरुआती कुछ महीनों में वे अलग-अलग वजहों से फील्ड से दूर रहे. लेकिन जब वापसी की तो दमदार अंदाज में की. भारतीय सेना के इस सूबेदार ने फिनलैंड के पावो नूरमी गेम्स से जून के महीने में वापसी की. यहां 89.30 मीटर का थ्रो कर न केवल ओलिंपिक के अपने रिकॉर्ड को तोड़ा बल्कि नया नेशनल रिकॉर्ड भी बनाया. कुछ दिन बाद ही फिनलैंड में ही कुओर्ताने गेम्स में 86.69 मीटर थ्रो के साथ गोल्ड पर कब्जा किया. जून की समाप्ति उन्होंने अपने बेस्ट थ्रो के साथ की जिसमें उन्होंने स्टॉकहोम डायमंड लीग में 89.94 मीटर दूर भाला फेंका.
जुलाई में अमेरिका के यूजीन में वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 88.13 मीटर दूर भाला फेंककर सिल्वर मेडल के साथ इतिहास रचा. वे वर्ल्ड चैंपियनशिप में चांदी लाने वाले पहले भारतीय बने. वे अंजू बॉबी जॉर्ज के 2003 में कांस्य जीतने की उपलब्धि से एक कदम आगे पहुंचे. नीरज यहीं नहीं रुके. सितंबर में वे डायमंड लीग जीतने वाले पहले भारतीय बने. चोट के चलते वे कॉमनवेल्थ गेम्स का हिस्सा नहीं बने. पेरिस ओलिंपिक से पहले उनके सामने एशियन गेम्स एक बढ़िया मौका होगा. ये खेल 2022 में कोरोना वायरस के चलते हो नहीं पाए. 2023 में ये खेल होने हैं.
कॉमनवेल्थ गेम्स में करिश्मा
कॉमनवेल्थ गेम्स में नीरज तो नहीं गए लेकिन दूसरे एथलीट्स ने अपने खेल से भारतीय अभियान में जलवा बिखेरा. भारत को बर्मिंघम में हुए इन खेलों में एक गोल्ड, चार सिल्वर और तीन ब्रॉन्ज मेडल मिले. इनमें स्टीपलचेज में अविनाश साबले ने चांदी जीती और इतिहास रचा. उन्होंने केन्या के एथलीट्स का दबदबा तोड़ा जो इस स्पर्धा में 1998 से लगातार तीनों मेडल जीत रहे थे. वहीं मुरली श्रीशंकर ने लंबी कूद में सिल्वर मेडल जीता. वे मामूली अंतर से सोने से दूर रह गए.
पुरुषों की ट्रिपल जंप में एल्डॉज पॉल और अब्दुल्ला अबुबकर ने पहला व दूसरा स्थान हासिल किया. लंबी कानूनी लड़ाई के बाद खेलने का मौका हासिल करने वाले तेजस्विन शंकर ने हाई जंप तो संदीप कुमार ने 10000 मीटर पैदल चाल में कांसा जीता. महिलाओं में अनु रानी ने भाला फेंक में तीसरा स्थान हासिल किया. वह इस स्पर्धा में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय बनीं. महिलाओं की 10000 मीटर पैदल चाल में प्रियंका गोस्वामी ने सिल्वर जीता.
भारत को नीरज, हिमा दास जैसे एथलीट देने वाली अंडर-20 वर्ल्ड चैंपियनशिप से इस बार भी अच्छी खबर आई. भारत ने तीन मेडल जीते. रूपल चौधरी ने इनमें से दो मेडल हासिल किए. उन्होंने 4 गुणा 400 मीटर मिक्स्ड रिले में सिल्वर और 400 मीटर रेस में कांसा जीता. वह अंडर-20 वर्ल्ड चैंपियनशिप में दो मेडल जीतने वाली पहली भारतीय हैं.
एथलेटिक्स की ज्योति
हिमा दास, दुती चंद जैसे कुछ बड़े नाम इस साल अलग-अलग वजहों से कामयाबी से दूर ही रहे. लेकिन ज्योति याराजी ने साल 2022 में दिखाया कि वह भारतीय एथलेटिक्स का भविष्य बन सकती हैं. दो बार अनलकी रहने की वजह से उनका रिकॉर्ड माना नहीं गया लेकिन बेंगलुरु में उन्होंने 12.82 सैकंड में 100 मीटर हर्डल जीती और पहली भारतीय बनी जिन्होंने इस तरह की रेस 13 सैकंड से कम में जीती है. ज्योति ने नेशनल गेम्स की 100 मीटर स्पर्धा में हिमा और दुती को हराते हुए गोल्ड जीता.
डोपिंग का दाग
भारत के लिए साल 2022 डोपिंग के दाग भी लाया. टोक्यो ओलिंपिक में डिस्कस थ्रो में छठे स्थान पर रही कमलप्रीत कौर को डोपिंग के चलते तीन साल के लिए बैन कर दी गईं. जैवलिन थ्रोअर शिवपाल सिंह को स्टेरॉयड मेटैंडिओनोन लेने का दोषी पाया गया. उन पर चार साल का प्रतिबंध लगा. सेकर धनलक्ष्मी, ऐश्वर्या बाबू और 400 मीटर की एथलीट एमवी जिलना कॉमनवेल्थ गेम्स से ठीक पहले डोपिंग में पकड़ी गईं.
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