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बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक ने गंगा में नहीं बहाए मेडल, नरेश टिकैत को सौंपे, सरकार को 5 दिन का अल्टीमेटम

Wrestlers Protest: बजंरग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट ने किसान नेता नरेश टिकैत की समझाइश के बाद अपने मेडल गंगा नदी में बहाने का फैसला टाल दिया.

बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक ने गंगा में नहीं बहाए मेडल, नरेश टिकैत को सौंपे, सरकार को 5 दिन का अल्टीमेटम
authorSportsTak
Tue, 30 May 08:06 PM

Wrestlers Protest: बजंरग पूनिया (Bajrang Punia), साक्षी मलिक (Sakshi Malik) और विनेश फोगाट ने किसान नेता नरेश टिकैत (Naresh Tikait) की समझाइश के बाद अपने मेडल गंगा नदी में बहाने का फैसला टाल दिया. नरेश टिकैत ने उनके मेडल ले लिए और सरकार को पांच दिन का अल्टीमेटम दिया. पहलवान रेसलिंग फेडरेशन के मुखिया और बीजेपी सांसद ब्रज भूषण शरण सिंह की यौन उत्पीड़न के मामले में गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं. मामले में कार्रवाई नहीं होने और 28 मई को दिल्ली पुलिस द्वारा उन्हें घसीटे जाने के चलते उन्होंने विरोधस्वरूप मेडल गंगा में बहाने का ऐलान किया था. इसके तहत पहलवान सैकड़ों समर्थकों के साथ हरिद्वार में ‘हर की पौड़ी’ पहुंचे जहां पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी.

 

प्रदर्शन कर रहे पहलवान जैसे अपने विश्व और ओलिंपिक पदक गंगा नदी में बहाने को तैयार हुए वैसे ही ‘हर की पौड़ी’ पर काफी भीड़ इकट्ठा हो गई. साक्षी, विनेश और उनकी चचेरी बहन संगीता सुबकती दिखायी दीं और उनके पति उन्हें सांत्वना देने की कोशिश कर रहे थे. उनके समर्थकों ने उनके चारों ओर घेरा बनाया हुआ था. पहलवान ‘हर की पौड़ी’ पहुंचकर करीब 20 मिनट तक चुपचाप खड़े रहे. फिर वे गंगा नदी के किनारे अपने पदक हाथ में लेकर बैठ गए.

 

दिल्ली पुलिस द्वारा 28 मई को हिरासत में लिए गए और जंतर-मंतर में धरना स्थल से हटाए गए देश के शीर्ष पहलवानों ने मंगलवार को कहा कि वे कड़ी मेहनत से जीते अपने पदक गंगा नदी में बहा देंगे और इंडिया गेट पर ‘आमरण अनशन’ पर बैठेंगे. हालांकि दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को कहा कि वे इंडिया गेट पर उन्हें प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं देंगे क्योंकि यह राष्ट्रीय स्मारक है, प्रदर्शन करने की जगह नहीं. इससे पहले रियो ओलिंपिक 2016 की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक बयान में कहा कि पहलवान मंगलवार को शाम छह बजे पदकों को पवित्र नदी में प्रवाहित करने के लिए हरिद्वार जाएंगे. साक्षी ने बयान में कहा, ‘पदक हमारी जान हैं, हमारी आत्मा हैं. हम इन्हें गंगा में बहाने जा रहे हैं क्योंकि वह गंगा मां है. इनके गंगा में बहने के बाद हमारे जीने का कोई मतलब नहीं रह जाएगा इसलिए हम इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे.’

 

साक्षी ने पदक बहाने पर क्या कहा था

 

साक्षी की साथी पहलवान विनेश फोगाट ने भी इस बयान को शेयर किया. साक्षी ने कहा, ‘जितना पवित्र हम गंगा को मानते हैं उतनी ही पवित्रता से हमने मेहनत करके इन पदकों को हासिल किया था. ये पदक सारे देश के लिए ही पवित्र हैं और पवित्र पदक को रखने की सही जगह पवित्र मां गंगा ही हो सकती है, ना कि हमें मुखौटा बनाकर फायदा लेने के बाद हमारे उत्पीड़क के साथ खड़ा हो जाने वाला हमारा अपवित्र तंत्र. इंडिया गेट हमारे उन शहीदों की जगह है जिन्होंने देश के लिए अपनी देह त्याग दी. हम उनके जितने तो पवित्र नहीं हैं लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलते हुए हमारी भावना भी उन सैनिकों जैसी ही थी.’

 

साक्षी ने कहा कि तंत्र ने उत्पीड़क को पकड़ने की जगह पीड़ितों को डराने और विरोध रोकने का प्रयास किया. पहलवानों को लगता है कि पदक की कोई कीमत नहीं है और इन्हें वापस करना चाहते हैं. उन्होंने इच्छा जताई कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मुद्दे का हल निकालते. साक्षी ने कहा, ‘ये पदक अब हमें नहीं चाहिए क्योंकि इन्हें पहनाकर हमें मुखौटा बनाकर यह तंत्र सिर्फ अपना प्रचार करता है और फिर हमारा शोषण करता है. हम उस शोषण के खिलाफ बोलें तो हमें जेल में डालने की तैयारी कर लेता है.’

 

28 मई को पुलिस ने पहलवानों को घसीटा था

 

रविवार को दिल्ली पुलिस ने साक्षी के साथ विश्व चैंपियनशिप की कांस्य विजेता विनेश फोगाट और एक अन्य ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया को हिरासत में लिया और बाद में उनके खिलाफ कानून और व्यवस्था के उल्लंघन के लिए प्राथमिकी दर्ज की. जंतर-मंतर पर ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप के पदक विजेताओं को दिल्ली पुलिस ने जबरदस्ती बस में डाला जब रविवार को पहलवानों और उनके सामर्थकों ने सुरक्षा घेरा तोड़कर महिला ‘महापंचायत’ के लिए नए संसद भवन की ओर बढ़ने की कोशिश की. पहलवानों को नए संसद भवन की ओर बढ़ने की अनुमति नहीं थी. इसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसका उद्घाटन करना था और पुलिस ने जब पहलवानों और उनके समर्थकों को रोका तो उनके बीच धक्का-मुक्की भी हुई.

 

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