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31 लाख की आबादी वाला देश जिसके खिलाड़ी हॉकी खेलने को चुकाते हैं 99 हजार रुपये, चंदा जुटाकर खेल रहा Hockey World Cup 2023

किसी भी खिलाड़ी को अपने देश के लिए खेलने पर पैसा मिलता है लेकिन वेल्स के खिलाड़ी ऐसे हैं जो अपनी राष्ट्रीय टीम के लिए खेलने के लिए हर साल 1,000 पौंड (99533 रुपये) देते हैं.

31 लाख की आबादी वाला देश जिसके खिलाड़ी हॉकी खेलने को चुकाते हैं 99 हजार रुपये, चंदा जुटाकर खेल रहा hockey world cup 2023
SportsTak - Fri, 13 Jan 03:47 PM

किसी भी खिलाड़ी को अपने देश के लिए खेलने पर पैसा मिलता है लेकिन वेल्स के खिलाड़ी ऐसे हैं जो अपनी राष्ट्रीय टीम के लिए खेलने के लिए हर साल 1,000 पौंड (99533 रुपये) देते हैं. वेल्स की टीम एफआईएच पुरुष विश्व कप 2023 में  डेब्यू कर रही है. भारत तक की यात्रा उनके लिए इतनी आसान नहीं रही है क्योंकि टीम को मेजबान देश के दो शहरों में ‘उड़ान, ठहरने और खाने-पीने’ के लिए ‘क्राउड फंडिंग’ (जनता से जुटायी गयी राशि) पर निर्भर रहना पड़ा. क्राउड फंडिंग के जरिए 25,000 पौंड (24.88 लाख रुपये) जुटाए गए. वेल्स इस वर्ल्ड कप के ग्रुप डी में भारत, इंग्लैंड और स्पेन जैसी टीमों के साथ है.

 

वेल्स के मुख्य कोच डेनियल न्यूकांबे ने इंग्लैंड के खिलाफ टीम के शुरुआती मैच से पहले कहा, ‘खिलाड़ियों का खर्चा कम करने के लिए ‘क्राउड फंडिंग’ अहम हिस्सा है. खिलाड़ी भी योगदान करते हैं, हर खिलाड़ी वेल्स के लिए खेलने के लिए हर साल 1,000 पौंड देता है. हॉकी हमारे यहां छोटा खेल है और हमारे राष्ट्रीय स्टेडियम में केवल 200 लोग ही बैठ सकते हैं जो यहां (21,000 दर्शकों की क्षमता वाले बिरसा मुंडा स्टेडियम) से काफी अलग हैं.’ वेल्स की आबादी 31.4 लाख है और यहां पर फुटबॉल को काफी फॉलो किया जाता है.

 

 

कोच ने कहा, ‘सरकार से मिलने वाली राशि काफी सीमित है इसलिए खिलाड़ी भी योगदान करते हैं. लेकिन हाल में बड़े टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई करने की सफलता से हमें ज्यादा यात्रा करनी पड़ी और हमारी सरकार भी वास्तव में काफी मददगार रही है. हमारे पास अब शर्ट का प्रायोजक है और इससे खिलाड़ियों पर से खर्चा कम हो गया है.’

 

36वें से 15वें नंबर पर आया वेल्स

वेल्स ने कार्डिफ में यूरोपियन क्वालिफाइंग इवेंट के जरिए वर्ल्ड कप में जगह बनाई. टीम ने एफआईएच रैंकिंग में 36वें से 15वें पायदान पर जगह बनाई है. कप्तान रुपर्ट शिपर्ली का कहना है कि कई बार अपने घर पर हॉकी की दशा को देखकर वे निराश हो जाते हैं. उन्होंने बताया, 'कई बार यह निराश करता है. पिछले कुछ सालों में सुधार हुआ है लेकिन अभी भी हालात वैसे नहीं हैं जैसे होने चाहिए.'

 

शिपर्ली उन चुनिंदा खिलाड़ियों में से हैं जो टोक्यो ओलिंपिक में ग्रेट ब्रिटेन के लिए खेले हैं और अब वेल्स टीम का हिस्सा हैं. लेकिन टीम के कोच डेनियल न्यूकांबे का कहना है कि जब उनकी टीम इंग्लैंड का सामना करेगी तब खिलाड़ियों का ध्यान केवल वेल्स को जीत दिलाने पर ही रहेगा. न्यूकांबे ने आगे कहा, 'हम भले ही भारत में घर-घर में न जाने जाते हो लेकिन हमें साबित करना होगा कि हम यहां पर केवल नंबर पूरे करने के लिए नहीं आए हैं.'

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