रानी रामपाल को इतिहास रचने के बाद भारतीय हॉकी टीम से क्यों किया गया बाहर? कोच ने इस्तीफे के बाद खोला पूरा राज
Rani Rampal: रानी रामपाल पिछले लंबे समय से भारतीय हॉकी टीम से बाहर हैं. पिछले साल उन्होंने अनदेखी किए जाने पर कोच यानेक शॉपमैन से जवाब भी मांगा था.
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Janneke Schopman: यानेक शॉपमैन ने भारतीय महिला हॉकी कोच पद से इस्तीफा दे दिया था
Rani Rampal: रानी रामपाल की अनदेखी पर दिया जवाब
Janneke Schopman: हॉकी इंडिया के पदाधिकारियों पर भेदभाव का आरोप लगाने के कुछ दिन बाद यानेक शॉपमैन ने भारतीय महिला हॉकी टीम की कोच पद से इस्तीफा दे दिया. बीते दिनों शॉपमैन के एक इंटरव्यू ने सनसनी मचा दी थी. उनका कहना था कि हॉकी इंडिया मैंस और वीमेंस टीम और उनके कोच के साथ भेदभाव करती है. उन्हें लगता है कि हॉकी इंडिया की नजरों में उनकी कोई वैल्यू और इज्जत नहीं है. इस आरोप के बाद शॉपमैन ने अपना पद भी छोड़ दिया. इस्तीफे के बाद अब उन्होंने रानी रामपाल को टोक्यो ओलिंपिक में इतिहास रचने के बाद से नजरअंदाज किए जाने के राज से पर्दा उठाया है.
शॉपमैन के ढाई साल के कार्यकाल के दौरान रानी रामपाल को भारतीय टीम से बाहर रखा गया था. रानी ने पिछले साल ये मुद्दा भी उठाया था. उन्होंने अनदेखी किए जाने पर कोच से जवाब भी मांगा था. अब डच कोच ने इस मामले को लेकर अपना पक्ष रखा. रानी रामपाल की कप्तानी में भारत टोक्यो ओलिंपिक में चौथे स्थान पर रहा था. ओलिंपिक के इतिहास में भारत का ये बेस्ट प्रदर्शन था. भारत 1980 के बाद दूसरी बार चौथे स्थान पर रहा था, मगर इसके बाद शॉपमैन के कोच बनने के बाद रानी को मुश्किल से ही भारतीय टीम में मौका मिला.
रानी रामपाल पर यानेक शॉपमैन का बयान
शॉपमैन ने कहा कि टोक्यो ओलिंपिक ने उन्होंने रानी को कहा था कि वो समय था. NNIS स्पोर्ट्स के अनुसार शॉपमैन ने कहा-
रानी ने मुझसे कहा कि उन्होंने चोट में टोक्यो ओलिंपिक खेला था. उन्होंने तत्कालीन कोच शोजर्ड मारिन और मुझसे नहीं कहा. इसीलिए मैंने रिकवरी के लिए उन्हें काफी समय दिया. वो लंबे समय से चोटिल थीं. वो केवल एक गेम खेल सकी, क्योंकि मेडिकल स्टाफ ने कहा कि वह प्रो लीग में लगातार मैच नहीं खेल सकती. वो बेल्जियम के खिलाफ खेली थीं और मैंने फैसला लिया कि वो हॉकी वर्ल्ड कप और कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए पूरी तरह से फिट नहीं हैं. इस मैसेज को वो सुनना नहीं चाहती थीं. उन्होंने स्वीकार नहीं किया. मैंने उनकी रिकवरी और रिहैब में सपोर्ट किया. मैंने उन्हें साई कैम्पस और टीम के साथ ना रहने की मंजूरी दी थी, क्योंकि वो इन सब चीजों के साथ डील नहीं कर पा रही थी. वो बाद में फिट हो गई थी, मगर मुझे नहीं लगता कि वो पूरी तरह से फिट थी. वो दौड़ नहीं सकती थीं.
शॉपमैन ने बीते दिनों दावा किया था कि पिछले दो सालों में उन्होंने खुद को काफी अकेला महसूस किया. उन्हें महसूस हुआ कि हॉकी इंडिया में उनका सम्मान नहीं किया जाता. उनका दावा था कि मैंस टीम के मुकाबले वीमेंस टीम को अलग तरह से ट्रीट किया जाता था.
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