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पाकिस्‍तान का ये क्रिकेटर नहीं चाहता था हॉकी वर्ल्‍ड कप में खेले भारत, करने बैठ गया विरोध प्रदर्शन

भारत में चौथी बार हॉकी वर्ल्ड कप 2023 (Hockey World Cup 2023) का आयोजन इसी माह 13 जनवरी से होना है.

पाकिस्‍तान का ये क्रिकेटर नहीं चाहता था हॉकी वर्ल्‍ड कप में खेले भारत, करने बैठ गया विरोध प्रदर्शन
SportsTak - Sat, 07 Jan 12:03 PM

भारत में चौथी बार हॉकी वर्ल्ड कप 2023 (Hockey World Cup 2023) का आयोजन इसी माह 13 जनवरी से होना है. इसको लेकर ओडिशा में तैयारी जोरो शोरों पर है और कलिंगा स्टेडियम के अलावा इस बार राउरकेला के बिरसा मुंडा स्टेडियम में भी हॉकी वर्ल्ड कप खेला जाएगा. इस तरह साल 2018 के बाद लगातार जहां भारत दूसरी बार हॉकी वर्ल्ड कप की मेजबानी कर रहा है. वहीं एक ऐसा समय भी था जब हॉकी में पाकिस्तान की तूती बोलती थी और उसने भारत के हॉकी वर्ल्ड कप में खेलने को लेकर विरोध प्रदर्शन कर डाला था. ये विरोध प्रदर्शन किसी हॉकी खिलाड़ी नहीं बल्कि एक पाकिस्तानी क्रिकेटर ने किया था. ऐसे में जानते हैं कि क्या था मामला और फिर कैसे इसे निपटाया गया.

 

1971 में हुआ पहला वर्ल्ड कप 
दरअसल, साल 1971 में हॉकी वर्ल्ड कप के इतिहास का पहला एडिशन पाकिस्तान में खेला जाना था. इसके पीछे की वजह पाकिस्तान के ही एयर मार्शल नूर खान द्वारा हॉकी वर्ल्ड कप का आइडिया अंतरराष्ट्रीय हॉकी फेडरेशन को देना माना गया था. नूर खान ही वो पहले व्यक्ति थे, जिनके दिमाग में सबसे पहले हॉकी वर्ल्ड कप को लेकर विचार आया था. हालांकि बाद में इसे पाकिस्तान में नहीं कराया जा सका क्योंकि भारत और पाकिस्तान के बीच बांग्लादेश को आजाद कराने के लिए युद्ध छिड़ गया था.

 

बांग्लादेश की आजादी बनी वजह 
साल 1971 में पहला हॉकी वर्ल्ड कप खेला जाना था और इसी बीच अब का बांग्लादेश, जो उस समय पूर्वी पाकिस्तान के नाम से जान जाता था. उसे आजाद कराने के लिए भारत ने बांग्लादेश की मदद की थी. जिसके चलते पूर्वी पाकिस्तान में बांग्लादेश मुक्ति युद्ध चल रहा था. इस कारण साल 1965 के बाद एक बार फिर से भारत और पाकिस्तान की सेना के बीच साल 1971 में जंग जैसा माहौल हो गया था. इस तरह के टेंशन भरे माहौल के बीच पाकिस्तान के ही क्रिकेटर अब्दुल हफीज कारदार के नेतृत्व में पाकिस्तानियों ने भारत की हॉकी वर्ल्ड कप में भागीदारी का विरोध जताना शुरू कर डाला था. हालांकि इसमें वह सफल नहीं हो सके थे.

 

स्पेन में शिफ्ट हुआ वर्ल्ड कप 
हॉकी की अंतरराष्ट्रीय संस्था अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) को जब युद्ध और तनातनी के बारे में पता चला तो उसने पाकिस्तान को ही सजा दी. जिसके फलस्वरूप पाकिस्तान पहले हॉकी वर्ल्ड कप की मेजबानी से वंछित रह गया और पाकिस्तान के बजाए हॉकी वर्ल्ड कप स्पेन में कराया गया. स्पेन के बार्सिलोना शहर में भारत और पाकिस्तान ने न्यूट्रल वेन्यू को देखते हुए खेलने की हामी भर दी. ऐसे में मेजबानी जाने के बाद हालांकि पाकिस्तान की हॉकी टीम ने मैदान में दमदार प्रदर्शन किया स्पेन को ही फाइनल में हराकर पहले हॉकी वर्ल्ड कप के खिताब पर कब्जा जमा डाला. तबसे लेकर अभी तक हॉकी वर्ल्ड कप हर चार साल में आयोजित किया जा रहा है.

 

कौन थे अब्दुल हफीज कारदार
अब्दुल हफीज कारदार की बात करें तो वह उन तीन क्रिकेटर में शामिल थे. जिन्होंने भारत और पाकिस्तान दोनों देशों की टेस्ट टीम के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट खेला. अब्दुल ने आजादी से पहले भारतीय टेस्ट टीम के लिए क्रिकेट खेला जबकि उसके बाद पाकिस्तान की टेस्ट टीम के वह पहले कप्तान भी रहे. अब्दुल एक ऑलराउंडर खिलाड़ी थे और 1952 से 1958 तक उनकी कप्तानी में पाकिस्तान की टेस्ट टीम ने टेस्ट खेलने वाले हर एक देश को हराया था. वहीं अब्दुल के अलावा गुल मोहम्मद और आमिर इलाही भी भारत के अलावा पाकिस्तान से भी टेस्ट क्रिकेट खेले. 

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