फुटबॉल मैच के दौरान रेफरी ने सिख युवक को पगड़ी उतारने को कहा, पूरी टीम ने इस तरह जताया विरोध
स्पेन में एक फुटबॉल मैच के दौरान कुछ ऐसा हुआ जिसको लेकर भारतीय फैंस के बीच गुस्से का माहौल है.
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Mon - 06 Feb 2023
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स्पेन में एक फुटबॉल मैच के दौरान कुछ ऐसा हुआ जिसको लेकर भारतीय फैंस के बीच गुस्से का माहौल है. 15 साल के सिख खिलाड़ी के साथ फुटबॉल रेफरी ने बुरा बर्ताव किया और उसे पगड़ी निकालने के लिए कहा. रेफरी ने कहा कि, फुटबॉल मैच के दौरान किसी भी तरह की टोपी नहीं पहनी जा सकती. इससे पहले गुरप्रीत सिंह ने जितने भी मैच खेले थे सभी पगड़ी पहनकर ही खेले थे और किसी भी रेफरी ने इसपर आपत्ति नहीं जताई थी.
इंस्टा पेज ने किया खुलासा
बता दें कि इसका खुलासा सिखएक्सपो ने अपने इंस्टाग्राम पेज पर किया है और बताया है कि गुरप्रीत अराटिया सी टीम से खेलते हैं लेकिन बीच मैच में उन्हें पटका उतारने के लिए कहा गया. अराटिया के अध्यक्ष पेड्रो ओरमज़ाबल ने कहा कि, वह पिछले पांच सालों से ऐसे ही खेल रहा है और इस दौरान उसे कोई परेशानी नहीं हुई. साथ ही टीम के खिलाड़ियों ने भी इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई. यह ऐसी चीज है जो पूर्ण सामान्यता के साथ की गई है, लेकिन मैच के दौरान खिलाड़ी गुरप्रीत की पगड़ी को लेकर रेफरी के जरिए सवाल उठाए गए जो गलत है.
गुरप्रीत को मिला सपोर्ट
अराटिया के बाकी खिलाड़ी जहां लोकल टीम के मुकाबला खेल रहे थे उन्होंने इसका विरोध जताया और रेफरी को गलत ठहराया. लेकिन रेफरी फुटबॉल नियम का हवाला देता गया जिसका नतीजा ये रहा कि, गुरप्रीत के साथी खिलाड़ियों ने मैदान को छोड़ दिया. बता दें कि इस विवाद के बाद विरोधी टीम भी अब गुरप्रीत का समर्थन कर रही है. वहीं जो फैंस वहां मैच देखने आए थे वो भी इसे गलत ठहरा रहे हैं.
जसकीरत कौर नामक यूजर ने इंस्टाग्राम पर कहा कि, रेफरी को यहां खुला सोच रखना चाहिए और जिस तरह से उन्होंने आज किया वो जिद थी. लेकिन मुझे काफी अच्छा लगा कि फैंस, गुरप्रीत की टीम और विरोधी टीम ने उसका साथ दिया. बता दें कि फीफा नियमों के अनुसार फुटबॉल में पुरुष खिलाड़ी पगड़ी पहन सकता है. युवा खिलाड़ी अक्सर मुकाबले के दौरान छोटी पगड़ी पहनते हैं जिसे पटका कहा जाता है.
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