BWF वर्ल्ड चैंपियनशिप का खिताब जीतने से चूके किदांबी श्रीकांत, रजत जीत रचा इतिहास
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Sun - 19 Dec 2021
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नई दिल्ली। भारतीय बैडमिंटन के इतिहास में किदांबी श्रीकांत ने फाइनल में पहुंचकर अपना नाम सुनहरे अक्षरों में तो दर्ज करवा लिया लेकिन वो इसे जीत नहीं पाए. फाइनल मुकाबले में उन्हें सिंगापुर के खिलाड़ी लोह कीन यू से हार का सामना करना पड़ा. लोह कीन यू शुरू से ही श्रीकांत पर भारी थे. लोह ने श्रीकांत को पहले गेम में मात दी और इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा. श्रीकांत ने कल भारत के ही लक्ष्य सेन को सेमीफाइनल में हराकर फाइनल में एंट्री की थी. मैच में भले ही उन्हें हार मिली हो लेकिन इसके बावजूद उन्होंने इतिहास बना दिया है. वो सिल्वर मेडल जीतने वाले पहले भारतीय बैडमिंटन शटलर बन गए हैं. उन्हें मैच के दोनों गेम में 15-21, 20-22 से हार का सामना करना पड़ा.
श्रीकांत पर भारी पड़े लोह
रविवार को फाइनल के दौरान, श्रीकांत ने पहले गेम में 9-3 की बढ़त ले ली, लेकिन लोह ने पहले गेम को 21-15 से अंत में जीत लिया. लोह को दूसरे गेम में श्रीकांत ने कड़ी टक्कर दी फिर भी लोह ने मैच को पलट दिया और 22-20 से जीत अपने नाम कर ली.
लक्ष्य सेन को हराकर फाइनल में पहुंचे थे श्रीकांत
कल के सेमीफाइनल मुकाबले में किदांबी श्रीकांत ने लक्ष्य सेन को हराया था. लक्ष्य को जहां ब्रॉन्ज मेडल मिला है तो वहीं किदांबी को सिल्वर मेडल से संतुष्ट होना पड़ा है. सेमीफाइनल में पहुंचने वाले लक्ष्य चौथे भारतीय पुरूष खिलाड़ी बन चुके हैं. जबकि इइश्रीकांत कॉम्पिटिशन में सिल्वर मेडल जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने. इससे पहले प्रकाश पादुकोण ने साल 1983 में ब्रॉन्ज, और एचएस प्रणॉय ने साल 2019 में ब्रॉन्ज और लक्ष्य सेन ने इसी टूर्नामेंट में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया है.
वर्ल्ड चैंपियनशिप के महिला सिंगल्स में भारत की सुपरस्टार शटलर पीवी सिंधु ने 2 बार सिल्वर, 2 बार ब्रॉन्ज और एक बार गोल्ड मेडल (2019) जीता है. वहीं, डबल्स में ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा की जोड़ी ने 2011 में ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया था. साइना नेहवाल ने एक बार सिल्वर और एक ब्रॉन्ज इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में अपने नाम किया है.
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