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यशस्वी जायसवाल के पानी पूरी बेचने की कहानी बचपन के कोच को नहीं पसंद, बोले- गरीबी के एंगल के बजाए...

यशस्वी जायसवाल के बचपन के कोच ज्वाला सिंह ने सोमवार (1 मई) को कहा कि जायसवाल जो क्रिकेटर हैं वो वह आजाद मैदान पर एक समय पानी पूरी बेचकर नहीं बल्कि अपनी कड़ी मेहनत से बने हैं.

यशस्वी जायसवाल के पानी पूरी बेचने की कहानी बचपन के कोच को नहीं पसंद, बोले- गरीबी के एंगल के बजाए...
SportsTak - Mon, 01 May 10:46 PM

यशस्वी जायसवाल (Yashasvi Jaiswal) के बचपन के कोच ज्वाला सिंह ने सोमवार (1 मई) को कहा कि जायसवाल जो क्रिकेटर हैं वो वह आजाद मैदान पर एक समय पानी पूरी बेचकर नहीं बल्कि अपनी कड़ी मेहनत से बने हैं. मुंबई इंडियन्स के खिलाफ राजस्थान रॉयल्स की ओर से 62 गेंद में 124 रन की पारी खेलने वाले जायसवाल का जून के अंत और जुलाई की शुरुआत में वेस्टइंडीज के खिलाफ अमेरिका में होने वाली पांच मैच की टी20 अंतरराष्ट्रीय सीरीज के लिए भारतीय टीम में चुना जाना लगभग तय है.

 

हालांकि पिछले कुछ सत्र में उनके शानदार प्रदर्शन के बावजूद सोशल मीडिया पर हमेशा सबसे पहले यह कहानी वायरल होती है कि उन्हें मुंबई में रहने के लिए पानी पूरी बेचनी पड़ी थी. वर्ष 2013 में जायसवाल को अपना शागिर्द बनाने वाले ज्वाला ने अपने इस शिष्य को अपने साथ रखा. इस कहानी को हालांकि जब जायसवाल की क्रिकेट उपलब्धियों पर वरीयता दी जाती है तो ज्वाला नाराज हो जाते हैं. ज्वाला ने पीटीआई से कहा, ‘मुझे वास्तव में कहानी (पानी पूरी बेचना) पसंद नहीं है. वह कड़ी मेहनत के कारण क्रिकेट खेल रहे हैं. कई लोगों ने आजाद मैदान के पास अपने स्टॉल लगाए. कभी-कभी जब वह शाम को खाली होते थे, तो उनकी थोड़ी मदद करते थे. उन्होंने खुद स्टॉल नहीं लगाया. ऐसा नहीं है कि उसने पानी पूरी बेची और भारत के लिए खेला.’