Exclusive : 'भारतीय क्रिकेट की वजह से ही दौलत बनाई तो वफादारी...', सुनील गावस्कर ने टेस्ट क्रिकेट से भागने वाले खिलाड़ियों को सुनाया
IND vs ENG, Sunil Gavaskar : रांची टेस्ट मैच में भारत की जीत के बाद रोहित शर्मा के समर्थन में उतरे सुनील गावस्कर, टेस्ट क्रिकेट से भागने वाले खिलाड़ियों को सुनाया.
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IND vs ENG, Sunil Gavaskar : रोहित शर्मा के समर्थन में उतरे सुनील गावस्कर
IND vs ENG, Sunil Gavaskar : इशान किशन और श्रेयस अय्यर की इशारों में लगाई क्लास
IND vs ENG : भारत और इंग्लैंड के बीच जारी पांच टेस्ट मैचों की सीरीज पर रोहित शर्मा की कप्तानी वाली टेस्ट टीम इंडिया ने 3-1 से कब्जा जमाया. रांची में टेस्ट मैच के साथ सीरीज पर कब्जा जमाने के बाद टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा ने उन खिलाड़ियों पर निशाना साधा, जिनका मन टेस्ट क्रिकेट खेलने में नहीं लग रहा है. रोहित ने इशारों ही इशारों में इशान किशन और श्रेयस अय्यर जैसे खिलाड़ियों पर निशाना साधा. अब रोहित के इसी बयान पर भारतीय क्रिकेट के दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने भी टीम इंडिया के कप्तान की बात का समर्थन किया और खिलाड़ियों को सुना डाला.
स्पोर्ट्स तक को दिए ख़ास इंटरव्यू में सुनील गावस्कर ने रांची टेस्ट मैच में भारत की जीत के बाद कहा,
जो खिलाड़ी भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलना चाहता है सिर्फ उनकी तरफ ही देखना चाहिए. भारतीय क्रिकेट की वजह से ही खिलाड़ी इस समय जहां कहीं भी है और उसके पास जो भी धन और दौलत है, इसके पीछे सिर्फ हमारे देश के क्रिकेट का ही योगदान है. इसलिए भारतीय क्रिकेट के प्रति भी खिलाड़ी की थोड़ी वफादारी तो बनती है. अब खिलाड़ी अगर ऐसा करेंगे कि हमें ये नहीं खेलना वो नहीं खेलना. ऐसे में रोहित शर्मा ने सही कहा कि उन्हीं खिलाड़ियों को वरीयता दी जानी चाहिए जिनमें भूख है. मेरे विचार से यही बात सिलेक्शन कमेटी को भी ध्यान रखना चाहिए. लेकिन पिक एंड चूस (खिलाड़ियों की मनमर्जी) नहीं होनी चाहिए.
रोहित शर्मा ने क्या कहा ?
दरअसल, बीसीसीआई ने आदेश दिया था कि अगर खिलाड़ियों को टीम इंडिया में जगह बनानी है तो उन्हें रणजी ट्रॉफी क्रिकेट खेलना होगा. मगर इस आदेश के बावजूद इशान किशन और श्रेयस अय्यर जैसे खिलाड़ियों ने रणजी ट्रॉफी में खेलना सही नहीं समझा. इन सब चीजों को लेकर ही रोहित ने रांची टेस्ट मैच के बाद कहा,
जिन प्लेयर्स को टेस्ट क्रिकेट की भूख है हम उन्हीं को मौका देंगे. अगर भूख नहीं है तो उनको खिलाने का कोई मतलब नहीं है. मैंने कोई ऐसा खिलाड़ी नहीं देखा, जिसके अंदर भूख नहीं है, इसमें वह भी शामिल हैं जो यहां नहीं हैं. टेस्ट क्रिकेट में आपको बहुत कम मौके मिलते हैं और अगर आप उनको नहीं भुना पते हैं तो फिर आप भुला दिए जाते हैं.
बीसीसीआई को गावस्कर की बड़ी सलाह
वहीं बीसीसीआई को आगे गावस्कर ने बड़ी सलाह देते हुए कहा,
मैं कई खिलाड़ियों के रणजी क्रिकेट नहीं खेलने को लेकर बीसीसीआई से रिक्वेस्ट करना चाहता हूं कि वह घरेलू क्रिकेट में सबसे आखिरी की बजाए सबसे पहले रणजी ट्रॉफी करवाए. जो अक्टूबर से शुरू होनी चाहिए. इससे क्या होगा कि भारत भी अंतरराष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट ज्यादातर दिसंबर या उसके बाद से खेलता है तो खिलाड़ियों को रणजी ट्रॉफी खेलने से मुमेंटम भी मिलेगा, जबकि आईपीएल की भी टेंशन नहीं रहेगी. रणजी ट्रॉफी के बाद वनडे और टी20 घरेलू क्रिकेट होना चाहिए. जिससे उनको फिर आईपीएल के लिए भी मदद मिलती नजर आएगी.
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