अर्शदीप सिंह ने फैंस की गाली और ताली पर तोड़ी चुप्पी, बोले- हम भारत के लिए खेलते हैं और लोग...
भारत के उभरते हुए तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह को करियर के शुरुआती दिनों में ही पता चल गया था कि स्टारडम दोधारी तलवार है.
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Tue - 29 Nov 2022
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भारत के उभरते हुए तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह को करियर के शुरुआती दिनों में ही पता चल गया था कि स्टारडम दोधारी तलवार है. एशिया कप में पाकिस्तान के खिलाफ कैच छोड़ने पर उन्हें काफी ट्रोल किया गया था. उनके लिए बहुत ही गंदे शब्दों को इस्तेमाल किया गया. लेकिन जब वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ मुकाबले में बाबर आजम को खाता खोलने से पहले ही आउट किया तो फैंस ने सिर-आंखों पर बैठा लिया. अर्शदीप सिंह इस बात को समझते हैं. उनका कहना है कि लोग इस खेल से काफी प्यार करते हैं. ऐसे में प्यार भी करते हैं और गुस्सा भी जताते हैं. अर्शदीप सिंह ने यह बयान न्यूजीलैंड के खिलाफ तीसरे वनडे मुकाबले से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिया.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'लोग हमें और हमारे खेल को बहुत प्यार करते हैं. इसलिए जब हम अच्छा खेलते हैं तब लोग प्यार देते हैं और जब हम अच्छा नहीं करते तब लोग निराशा जाहिर करते हैं. इसलिए इसका सामना करने जैसी कोई बात ही नहीं है. वे अपनी भावनाएं जाहिर करते हैं क्योंकि हम भारत के लिए खेलते हैं और फैंस का अधिकार है कि वे प्यार या गुस्सा जताएं. हमें दोनों स्वीकार करने चाहिए.'
अर्शदीप सिंह ने न्यूजीलैंड दौरे पर अपना वनडे डेब्यू किया. इससे पहले जुलाई 2022 में उन्होंने इंग्लैंड दौरे से टी20 इंटरनेशनल के जरिए भारतीय टीम में जगह बनाई थी. टी20 और वनडे के अनुभव के बारेमें पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि एक गेंदबाज के तौर पर दोनों फॉर्मेट में खास अंतर नहीं है. जिस तरह से टी20 में वह शुरुआत में हमला बोलते हैं और बीच के ओवर में डिफेंस को अपनाते हैं ऐसा ही कुछ वनडे में होता है. जब और जहां भी मौका मिलता है तब कोशिश विकेट लेने की ही रहती है.
अब तक के सफर पर क्या बोले अर्शदीप
अर्शदीप सिंह को अभी इंटरनेशनल क्रिकेट खेलते हुए केवल पांच महीने ही हुए हैं लेकिन इस अवधि में वह काफी कुछ देख चुके हैं. वे भारत की तरफ से एशिया कप और टी20 वर्ल्ड कप जैसे बड़े इवेंट खेल चुके हैं तो इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, वेस्ट इंडीज जैसे देशों का दौरा कर चुके हैं. अपने अभी तक के सफर के बारे में उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि मेरी यात्रा आसान या मुश्किल रही है. खिलाड़ी के तौर पर हमारा ध्यान खेलने और प्रोसेस पर रहता है. हम नहीं सोचते कि यह आसान है या चुनौतीपूर्ण. जब हम अच्छा करते हैं तो अच्छा लगता है. मैच दर मैच आगे बढ़ते हैं और इस पर ध्यान नहीं देते कि अगले साल या दो साल में मैं कहा पर जाऊंगा.'
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