नोवाक जोकोविच ने रोजर फेडरर को पीछे छोड़ते हुए बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड, फिर भारतीयों को दिया सरप्राइज, Video
Exclusive: सानिया मिर्जा ने अचानक क्यों लिया टेनिस से संन्यास, पोस्ट रिटायरमेंट प्लान का किया खुलासा
भारत की दिग्गज टेनिस स्टार सानिया मिर्जा और रोहन बोपन्ना का ऑस्ट्रेलियन ओपन 2023 में उस वक्त सफर खत्म हो गया जब दोनों को लुईसा स्टेफेनी और राफेल माटोस की जोड़ी ने मिक्स्ड डबल्स के फाइनल में हराकर ट्रॉफी जीतने का सपना तोड़ दिया. भारतीय जोड़ी को 7-6 (7-2), 6-2 से हार का सामना करना पड़ा. इसका नतीजा ये रहा कि, सानिया मिर्जा का करियर 6 मेजर टाइटल्स के साथ खत्म हो गया. फाइनल मेजर टूर्नामेंट में एंट्री करने से पहले सानिया के पास तीन डबल्स और कई सारे मिक्स्ड डबल्स की ट्रॉफियां थीं. ऐसे में स्पोर्ट्स तक से खास बातचीत में सानिया ने कई अहम खुलासे किए, जिसमें उन्होंने पोस्ट रिटायरमेंट प्लान को लेकर भी अपनी बात रखी.
इसलिए लिया संन्यास
सानिया ने इंटरव्यू में अपनी रिटायरमेंट को लेकर कहा कि, ये एक ऐसा फैसला था जिसके बारे में मैं काफी पहले से सोच रही थी. मुझे पता था कि इस लेवल पर खेलने के लिए मुझे क्या क्या करना होगा. और मुझे नहीं पता कि मेरे अंदर वो अब है या नहीं. इसलिए मैंने ये अहम फैसला लिया. मेरे पास खेल बचा है लेकिन मैं शारीरिक और मानसिक तौर पर इसके लिए तैयार नहीं हूं. मैं इस उम्र में इंजरी नहीं झेल पाउंगी. मैं नहीं चाहती की मैं फिजियों के साथ घंटों बिताऊं. बता दें कि, ग्रैंड स्लैम फाइनल में हार के बाद सानिया ने कहा था कि, मैं आपको पहले ही बता देना चाहती हूं कि अगर मैं आज रोऊंगी तो ये मेरे खुशी के आंसू होंगे न कि दुख के. मैं अभी और टूर्नामेंट्स खेलूंगी. लेकिन मेरे प्रोफेशनल करियर की शुरुआत मेलबर्न में साल 2005 में हुई थी जब तीसरे राउंड में मेरा मुकाबला सरेना विलियम्स के साथ हुआ था. मैं काफी खुशकिस्मत हूं कि मुझे बार बार यहां आने का मौका मिला. कुछ जीते कुछ हारे और कई शानदार फाइनल खेले. रोड लेवर हमेशा ही खास रहेगा. करियर को अंत करने का इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता.
अपनी स्पीच पर सानिया ने स्पोर्ट्स तक से कहा कि, मैं खेलते वक्त अपना इमोशन ज्यादा नहीं दिखाती. चाहे मैं जीतूं या हारूं, मैं हमेशा अपने इमोशन को कंट्रोल में रखती हूं. लेकिन उसे दिन मैं ऐसा नहीं कर पाई. इसका मतलब ये नहीं कि मैं ज्यादा इमोशनल हूं. मुझे पता था कि मैं आखिरी बार ग्रैंड स्लैम में हिस्सा ले रही हूं और इसलिए मेरे लिए ये काफी भावुक कर देने वाला पल था.
पोस्ट रिटायरमेंट प्लान
सानिया ने अपने पोस्ट रिटायरमेंट प्लान को लेकर कहा कि, वो भारतीय टेनिस में अपना अहम योगदान देना चाहती हैं. मैं अगले जनरेशन के खिलाड़ियों को तैयार करना चाहती हूं. हमें पता है कि हमारे यहां कोई सिस्टम नहीं न ही कोई आइडल है. हमारे पास कोई चैंपियन नहीं इसलिए मैं हर मुमकिन कोशिश कर युवा टेनिस खिलाड़ियों की मदद करना चाहती हूं.
लोकप्रिय पोस्ट
Monte Carlo Masters: सुमित नागल की ऐतिहासिक जीत, 42 सालों में ऐसा करने वाले पहले भारतीय बने
रोहन बोपन्ना बने ATP मास्टर्स 1000 का खिताब जीतने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी, नंबर वन का भी ताज फिर हासिल किया
रोहन बोपन्ना ने 44 की उम्र में रचा इतिहास, लिएंडर पेस के बाद इस कमाल को करने वाले दूसरे भारतीय बने, फिर नंबर वन बनने के भी करीब पहुंचे
Miami Open: रोहन बोपन्ना और एबडेन की मियामी ओपन के सेमीफाइनल में एंट्री, पेरिस ओलिंपिक की राह भी हुई आसान
बड़ी खबर: वर्ल्ड कप विजेता और IPL चैंपियन को तृणमूल कांग्रेस ने Lok Sabha चुनाव के लिए बनाया उम्मीदवार, इस बड़े नेता के खिलाफ मैदान में उतारा
Indian wells: राफेल नडाल को रिप्लेस करने वाले सुमित नागल ने एक घंटे 28 मिनट में गंवाया मौका, ओपनिंग मैच में मिली हार
Indian Wells: सुमित नागल ने राफेल नडाल को किया रिप्लेस, जानें क्या है 'लकी लूजर' नियम, जिसके कारण भारतीय खिलाड़ी को मिला बड़ा मौका
रोहन बोपन्ना ने पाकिस्तान के सबसे बड़े टेनिस खिलाड़ी को चटाई धूल, कभी साथ खेलकर ग्रैंडस्लैम में रचा था इतिहास
एंडी मरे ने साल की दूसरी जीत हासिल करने के बाद की फेडरर जोकोविच के '500 के क्लब' में एंट्री, फिर बोले-मेरे पास कुछ महीने बचे हैं?