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कुश्‍ती ट्रायल्‍स में फिर बवाल, विनेश फोगाट ने शुरू नहीं होने दिए मुकाबले, परेशान होते रहे बाकी के पहलवान

Vinesh Phogat,Wrestling trials: विनेश फोगाट ने दो वेट कैटेगरी के ट्रायल्स शुरू नहीं होने दिए. वो 50 किग्रा और 53 किग्रा दोनों वेट कैटेगरी में हिस्‍सा लेने की अनुमति मांगी

विनेश ने दो वेट कैटेगरी में हिस्‍सा लेने की अनुमति मांगी
authorकिरण सिंह
Mon, 11 Mar 03:02 PM

Vinesh Phogat,Wrestling trials: ओलिंपिक क्‍वालीफायर के लिए हो रहे कुश्‍ती सेलेक्‍शन ट्रायल्‍स में फिर बवाल मच गया. स्‍टार पहलवान विनेश फोगाट ने दो वेट कैटेगरी में ट्रायल्‍स शुरू नहीं होने दिए. जिस वजह से बाकी के पहलवान परेशान होते रहे. विनेश की नजर पेरिस ओलिंपिक टिकट पर है, मगर उससे पहले उन्‍हें ओलिंपिक क्‍वालीफायर के लिए भारतीय टीम में जगह बनानी होगी. टीम सेलेक्‍शन के लिए सेलेक्‍शन ट्रायल्‍स में महिला पहलवानों ने चुनौती पेश की. 

 

स्‍टार पहलवान विनेश फोगाट ने महिलाओं के 50 किलो और 53 किलो वर्ग में चयन ट्रायल शुरू नहीं होने दिए. उन्‍होंने अधिकारियों से लिखित आश्वासन मांगा कि 53 किलो भारवर्ग के आखिरी ट्रायल ओलिंपिक से पहले होंगे.

डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने और लंबे चले प्रदर्शन की अगुआई करने वाली विनेश 50 किग्रा कैटेगरी के ट्रायल के लिए साइ केंद्र पहुंची थी. वो पहले 53 किग्रा वेट कैटेगरी में उतरती थी, उस कैटेगरी में अंतिम पंघाल को कोटा मिलने के कारण उन्‍होंने अपनी वेट कैटेगरी को कम किया.

 

विनेश ने दो वेट कैटेगरी की परमिशन मांगी

विनेश ने लिखित आश्वासन की मांग करते हुए ट्रायल्‍स शुरू नहीं होने दिए. उन्‍होंने दोनों वेट कैटेगरी में हिस्‍सा लेने की अनुमति मांगी, जिससे अजीब स्थिति बन गई.  इस वजह से 50 किग्रा वेट कैटेगरी के पहलवान शिकायत करने लगे. उनका कहना था कि वो घंटों से इंतजार कर रहे हैं. 

 

53 किग्रा वेट कैटेगरी का आखिरी ट्रायल

दरअसल आईओए की गठित तदर्थ समिति पहले ही साफ कर चुकी है कि 53 किग्रा वेट कैटेगरी के लिए ये आखिरी ट्रायल होगा, ट्रायल के विजेता को अंतिम से मुकाबला करना होगा और उसे जीतने वाली पहलवान भारत का प्रतिनिधित्व करेगी. ट्रायल के दौरान मौजूद एक कोच ने कहा- 

 

विनेश सरकार से आश्वासन चाहती हैं. उन्‍हें डर है कि अगर डब्ल्यूएफआई के हाथ में फिर कमान आ गई तो चयन नीति बदल सकती है. पर सरकार इस पर आश्वासन कैसे दे सकती है. सरकार चयन मामलों में दखल नहीं दे सकती.

 

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