icon

WFI विवाद: पहलवानों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए राजी, कहा- आरोप गंभीर, याचिकाकर्ताओं की पहचान जारी करने पर रोक

सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण के आरोपों पर एफआईआर दर्ज न किए जाने का आरोप लगाने वाली सात महिला पहलवानों की याचिका पर सुनवाई को मंजूरी दी है.

WFI विवाद: पहलवानों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए राजी, कहा- आरोप गंभीर, याचिकाकर्ताओं की पहचान जारी करने पर रोक
authorPTI Bhasha
Tue, 25 Apr 04:17 PM

सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण के आरोपों पर एफआईआर दर्ज न किए जाने का आरोप लगाने वाली सात महिला पहलवानों की याचिका पर सुनवाई को मंजूरी दी है. कोर्ट ने कहा कि ये आरोप काफी गंभीर है जिन पर विचार करने की जरूरत है. उसने इस मामले में दिल्ली सरकार और अन्य को नोटिस जारी किए. उच्चतम न्यायालय ने पहले कहा था कि महिला पहलवानों की याचिका को सुनवाई के लिए शुक्रवार को सूचीबद्ध किया जा सकता है. हालांकि, मामले का उल्लेख करने वाले वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल की कुछ दलीलों पर सुनवाई करने के बाद उसने सीधे मामले पर सुनवाई करने का फैसला किया.

 

पीठ ने कहा कि सामान्य तौर पर, दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156 (संज्ञेय मामलों की जांच के लिए पुलिस अधिकारियों की शक्ति) के तहत पुलिस के पास जाने का उपाय उपलब्ध है. पीठ ने पूछा, ‘क्या आरोप हैं.’ सिब्बल ने बताया कि एक नाबालिग पहलवान समेत सात पहलवानों ने यौन शोषण के आरोप लगाए हैं लेकिन इस पहलू पर बहुत स्पष्ट कानून होने के बावजूद अभी तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी है. उन्होंने कहा, ‘ये महिला पहलवान हैं...एक नाबालिग समेत सात हैं. एक समिति की रिपोर्ट है जिसे सार्वजनिक नहीं किया गया है और कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है.’

 

कोर्ट ने क्या कहा


फैसलों का हवाला देते हुए वरिष्ठ वकील ने कहा कि इस प्रकृति के अपराध में प्राथमिकी दर्ज न करने के लिए पुलिसकर्मी पर भी मुकदमा चलाया जा सकता है. दलीलों पर गौर करते हुए पीठ ने कहा, ‘भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले पहलवानों ने याचिका में गंभीर आरोप लगाए हैं. अदालत को इस मामले पर गौर करने की आवश्यकता है. याचिका पर सुनवाई की जाती है. याचिकाकर्ताओं की पहचान जाहिर न की जाए. नोटिस जारी किया जाता है. शुक्रवार तक जवाब दाखिल किया जाए. सीलबंद लिफाफे में दी गयी शिकायतों को फिर से सीलबंद किया जाए.’

 

प्रदर्शन कर रहे पहलवान क्या कह रहे


संक्षिप्त सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय को बताया गया कि डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद भी हैं. याचिका में आरोप लगाया गया है कि प्राथमिकी दर्ज करने में काफी देरी हुई है और शिकायकर्ताओं में एक नाबालिग भी है. कई राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता पहलवान सरकार से सिंह के खिलाफ यौन शोषण के आरोपों की जांच करने वाली समिति के नतीजों को सार्वजनिक करने की मांग को लेकर यहां जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं.

 

प्रदर्शनरत पहलवानों ने सोमवार (24 अप्रैल) को चेतावनी दी थी कि अगर डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी तो वे उच्चतम न्यायालय का रुख करेंगे. शीर्ष महिला पहलवानों ने आरोप लगाया है कि उनका डब्ल्यूएफआई के चुनावों से कोई लेना-देना नहीं है और वे अपने उन आरोपों की उचित जांच की मांग पर जोर देती रहेंगी कि सिंह ने महिला एथलीटों का यौन शोषण किया है.

 

ये भी पढ़ें

बड़ी खबर: खेल मंत्रालय ने WFI चुनाव पर लगाई रोक, भारतीय ओलिंपिक संघ अब बनाएगी नई कमेटी, 45 दिन के भीतर करवाने होंगे चुनाव
ब्रजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवान धरने पर बैठे, विनेश-साक्षी हुईं भावुक, कहा- मेंटल टॉर्चर से गुजर रहे, टूट रहा सब्र का बांध

Quick Links

लोकप्रिय पोस्ट