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Paris Olympic 2024 : पिता के कहने पर छोड़ा हैंडबॉल, अब कुश्ती में मेडल लाने को बेताब देश की बेटी ने खोले दिल के राज

Paris Olympic 2024 : 26 जुलाई से शुरू होने वाले पेरिस ओलिंपिक 2024 मैं हैंडबॉल छोड़कर पहलवान बनने वाली रितिका अब मेडल के लिए लगाएंगी दांव पेंच.

एक कुश्ती मैच के दौरान रितिका हुड्डा
authorShubham Pandey
Sat, 20 Jul 06:53 PM

Paris Olympic 2024 : 26 जुलाई से शुरू होने वाले पेरिस ओलिंपिक 2024 के लिए हैंडबॉल की एक महिला खिलाड़ी ने पिता के कहने पर अपना गेम बदला तो भी उन्हें कोई पछाड़ नहीं सका. आधे रास्ते से हैंडबॉल छोड़ने के बाद रितिका ने पिता के कहने पर कुश्ती में दांव पेंच लगाए और अब वह ओलिंपिक में मेडल लाने को बेताब हैं. जिससे पहले रितिका ने दिल की बात कही और बताया कि कैसे हैंडबॉल को छोड़कर उन्होंने रेसलिंग में जगह बनाई.

 

बचपन में हैंडबॉल खेलती थी रितिका 


हरियाण के रोहतक की 22 साल की इस पहलवान के लिए कुश्ती पहली पसंद नहीं थी. रीतिका बचपन में हैंडबॉल खेलती थी और यहां तक कि जूनियर राष्ट्रीय स्तर पर वह राज्य टीम में जगह बनाने में सफल रही. उन्होंने राज्य टीम में जगह बनाने की खुशी को जब अपने परिवार के साथ साझा किया तो उनके पिता ने उनसे टीम खेल के बजाय व्यक्तिगत खेल चुनने का सुझाव दिया.

 

इसके बाद रीतिका ने कुश्ती को चुना और साल 2015 में इस खेल में अपना हाथ आजमाया. रितिका ने पीटीआई-भाषा को दिये साक्षात्कार में कहा, 

 

मेरे पिता मुझे छोटू राम अखाड़े में ले गए. मेरे कोच मनदीप ने मुझे एक खास अटैक करने के लिए कहा और वह मेरे प्रदर्शन से खुश थे, इसलिए उन्होंने मुझे इसमें ले लिया. मेरे लिए अब कुश्ती ही सब कुछ है. मैं कुश्ती के बारे में सोचती हूं, उसी के सपने देखती हूं.मैं किसी और चीज के बारे में नहीं सोच सकती.

 

रीतिका की मां ने क्या कहा ?

 

रीतिका की मां नीलम ने बताया उनके पिता जगबीर चाहते थे कि उनकी बेटी व्यक्तिगत खेल चुने. नीलम ने कहा, “उसे राज्य हैंडबॉल टीम के गोलकीपर के रूप में राष्ट्रीय स्तर पर खेलने के लिए चुना गया था. वह घर आई और खुशी से उसने अपने चयन के बारे में बताई. उसके पिता ने पूछा कि क्या वह वास्तव में खेल को गंभीरता से लेना चाहती है और जब रीतिका ने हां में सिर हिलाया, तो उन्होंने कहा कि तुम्हें कोई व्यक्तिगत खेल खेलना चाहिए .”


रीतिका ने पेरिस ओलंपिक के बारे में पूछे जाने पर कहा, 

 

मैं अपनी तरफ से पूरी मेहनत कर रही हूं. अगर आप जी-जान से कुछ चाहते है तो आप उसे हासिल कर सकते है.मैंने अंडर-23 विश्व चैम्पियनशिप जीतने के बारे में नहीं सोचा था. मुझे फाइनल में पता भी नहीं था कि मैं विश्व चैम्पियन (अमेरिका की कैनेडी ब्लेड्स) के खिलाफ खेल रही हूं. नियति को हालांकि मेरी जीत मंजूर थी.


रीतिका 76 किग्रा भार वर्ग में ओलंपिक में कठिन ड्रॉ  को लेकर हतोत्साहित नहीं है. उन्होंने कहा, "मुझे वास्तव में बड़े पहलवानों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करने में मजा आता है. पेरिस में 16 पहलवान होंगे. मैंने यूडब्ल्यूडब्ल्यू वीडियो और यूट्यूब के माध्यम से प्रत्येक पहलवान की खेल शैली का अध्ययन किया है.

 

(इनपुट - भाषा)

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