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Olympic Flag Bearers : बलबीर सिंह सीनियर से लेकर मैरी कॉम तक, ओलिंपिक इतिहास में इन 19 खिलाड़ियों को मिला भारत का ध्वजवाहक बनने का सौभाग्य
Olympic Flag Bearers : भारत के लिए अभी तक कितने एथलीट बन चुके हैं ओलिंपिक खेलों में धवज वाहक, शुरुआत से लाकर अंत तक सभी खिलाड़ियों की जानें लिस्ट.
Olympic Flag Bearers : किसी भी एथलीट का अपने देश के लिए ओलिंपिक ध्वजवाहक होना सबसे बड़ा सम्मान है. खेलों में अपना बेस्ट देने वाले एथलीट्स जब हाथ में अपने देश का झंडा लेकर दल की अगुआई करते हैं, तो पूरा देश उनपर गर्व करता है. पेरिस ओलिंपिक 2024 में भारत के ध्वजवाहक शरत कमल इस सम्मान को हासिल करेंगे. ऐसे में चलिए जानते हैं कि अबतक के भारत के सभी ध्वजवाहक कौन-कौन से एथलीट रह चुके हैं.
पुरमा बनर्जी पहले धव्जवाहक
भारत के लिए ओलिंपिक खेलों में पहले ध्वजवाहक होने का श्रेय पुरमा बनर्जी को जाता है. स्प्रिंटर पुरमा ने 1920 में एंटवर्प में हुए ओलिंपिक खेलों में भारत के झंडे को हाथ में लेकर दल की अगुवाई कर इतिहास रचा था.
आजाद भारत के पहले ध्वजवाहक
1947 में आजाद हुए भारत के लिए 1948 का लंदन ओलिंपिक कई मायनों में खास था. आजाद भारत के पहले ओलिंपिक में तालीमेरेन एओ को ध्वजवाहक होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था. डॉ. तालीमेरेन एओ भारत के पहले फुटबॉल कप्तान थे. उन्होंने आजादी के बाद अपने पहले मैच में भारतीय फुटबॉल टीम की कप्तानी की थी.
भारत की पहली महिला ध्वजवाहक
ओलिंपिक में भारत की भागेदारी के 92 सालों बाद नारी शक्ति ने पुरूषों से ध्वजवाहक कहलाने का तमगा छीना. साल 1992 में बार्सिलोना ओलिंपिक में स्प्रिंटर शाइनी अब्राहम विल्सन भारत की पहली महिला ओलिंपिक ध्वजवाहक बनीं. उनके बाद अन्नू बॉबी जार्ज और मैरी कॉम को यह सम्मान पाने का मौका मिला है.
दो बार ध्वजवाहक बनने वाले इकलौते खिलाड़ी
ओलिंपिक में भारतीय हॉकी के दबदबे से सभी वाकिफ हैं. 13 ओलिंपिक मेडल जीतने वाली इंडियन हॉकी के खिलाड़ियों ने सबसे ज्यादा बार (6) भारत के ध्वजवाहक होने का गौरव हासिल किया है. इसमें भी तीन बार के ओलिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट बलबीर सिंह सीनियर दो बार भारत के ध्वजवाहक बनने वाले इकलौते एथलीट हैं. वो 1952 और 1956 में भारत के ध्वजवाहक रहे.
पिछले पांच ध्वजवाहक ओलिंपिक मेडलिस्ट
भारत की ओर से अब तक 18 एथलीट्स ओलिंपिक ध्वजवाहक रहे हैं, जिनमें से पिछले पांच ध्वजवाहकों ने ओलिंपिक मेडल भी जीते हैं. इनमें 2008 के ध्वजवाहक राज्यवर्धन सिंह राठौर ने 2004 में निशानेबाजी का रजत पदक जीता था. इसके बाद 2012 में ध्वजवाहक रहे सुशील कुमार ने दो ओलिंपिक पदक जीते हैं. 2016 के ध्वजवाहक अभिनव बिंद्रा ने बीजिंग ओलिंपिक में भारत को पहला व्यक्तिगत गोल्ड मेडल दिलाया था. 2020 टोक्यो ओलिंपिक में भारत के लिए पहली बार मैरी कॉम और मनप्रीत सिंह के रूप में दो ध्वजवाहक थे. मैरी कॉम ने 2012 ओलिंपिक में कांस्य पदक जीता था. जबकि मनप्रीत सिंह ने बतौर कप्तान भारतीय हॉकी टीम को साल 1980 के बाद कोई ओलिंपिक मेडल (कांस्य पदक) जिताकर 40 सालों का सूखा समाप्त किया था.
भारत के ध्वजवाहकों की पूरी लिस्ट :-
• 1920: पुरमा बनर्जी (एथलेटिक्स)
• 1932: लाल शाह भोकारी (हॉकी)
• 1936: ध्यानचंद (हॉकी)
• 1948: तालिमेरेन एओ (फुटबॉल)
• 1952: बलबीर सिंह सीनियर (हॉकी)
• 1956: बलबीर सिंह सीनियर (हॉकी)
• 1964: गुरबचन सिंह रंधावा (एथलेटिक्स)
• 1972: डेसमंड-नेविल डिवाइन जोन्स (मुक्केबाजी)
• 1984: ज़फ़र इक़बाल (हॉकी)
• 1988: करतार सिंह ढिल्लों (कुश्ती)
• 1992: शाइनी-अब्राहम विल्सन (एथलेटिक्स)
• 1996: परगट सिंह (हॉकी)
• 2000: लिएंडर पेस (टेनिस)
• 2004: अंजू बॉबी जॉर्ज (एथलेटिक्स)
• 2008: राज्यवर्धन सिंह राठौर (निशानेबाजी)
• 2012: सुशील कुमार (कुश्ती)
• 2016: अभिनव बिंद्रा (निशानेबाजी)
• 2020: मैरी कॉम (मुक्केबाजी) और मनप्रीत सिंह (हॉकी)
• 2024: शरत कमल (टेबल टेनिस)
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