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जैवलिन थ्रोअर शिवपाल सिंह को बड़ी राहत, चार साल का बैन हुआ कम, इस वजह से हुआ फैसला

भारत के भाला फेंक खिलाड़ी शिवपाल सिंह का प्रतिबंध मंगलवार (10 जनवरी) को चार साल से घटाकर एक साल कर दिया गया.

जैवलिन थ्रोअर शिवपाल सिंह को बड़ी राहत, चार साल का बैन हुआ कम, इस वजह से हुआ फैसला
SportsTak - Wed, 11 Jan 04:29 PM

भारत के भाला फेंक खिलाड़ी शिवपाल सिंह का प्रतिबंध मंगलवार (10 जनवरी) को चार साल से घटाकर एक साल कर दिया गया. राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) के अपील पैनल ने उनका यह पक्ष स्वीकार कर लिया कि ‘खाने के सप्लीमेंट में गड़बड़ी’ के कारण वह डोप परीक्षण में विफल रहे थे. उनके वकील ने यह जानकारी दी. नाडा के डोपिंग रोधी अनुशासन पैनल ने टोक्यो ओलिंपिक में हिस्सा लेने वाले शिवपाल को पिछले साल 16 अगस्त को चार साल के लिए प्रतिबंधित किया था क्योंकि सितंबर 2021 में प्रतियोगिता के इतर परीक्षण के दौरान उनका डोप नमूना स्टेरॉयड के लिए पॉजीटिव पाया गया था.

 

उत्तर प्रदेश के इस एथलीट का प्रतिबंध 21 अक्टूबर 2021 से शुरू हुआ था और मंगलवार के आदेश के बाद वह प्रतिस्पर्धा करने के लिए स्वतंत्र हैं. शिवपाल के वकील पार्थ गोस्वामी ने पीटीआई से कहा, ‘शिवपाल ने अपील पैनल के समक्ष पक्ष रखा कि पॉजीटिव नतीजा उनकी जानबूझकर की गई गलती का नतीजा नहीं था और ऐसा फर्जी/गड़बड़ी वाले खाने के सप्लीमेंट के कारण हुआ. नमूना एकत्रित करते समय डोपिंग नियंत्रण फॉर्म में खिलाड़ी ने उपरोक्त सप्लीमेंट का खुलासा किया था. यह फर्जी सप्लीमेंट हर्बल पावर फार्मेसी से खरीदा गया था और यह सप्लीमेंट स्टोर बाद में गड़बड़ी वाला सप्लीमेंट बेचने में लिप्त पाया गया और उसके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई.’

 

शिवपाल ने जिस सप्लीमेंट का सेवन किया था उसका राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला (एनडीटीएल) में परीक्षण किया गया. गोस्वामी ने कहा, ‘एनडीटीएल ने पुष्टि की कि सप्लीमेंट में गड़बड़ी थी और साथ ही इसमें मेथाडाईनोन होने की पुष्टि भी की जो खिलाड़ी के नमूने में पाया गया था.’ शिवपाल ने अपने वकीलों के जरिए पक्ष रखा कि उन्होंने पूरी सतर्कता बरती थी और उन्होंने सप्लीमेंट का लेबल भी देखा था जिसमें किसी प्रतिबंधित पदार्थ का जिक्र नहीं था.

 

सेफ सप्लीमेंट वाली दुकानों की पहचान का आदेश

गोस्वामी ने कहा, ‘अपील पैनल ने कहा कि वे संतुष्ट हैं कि शिवपाल ने सतर्कता बरती और इंटरनेट पर सर्च करके सामग्री की जांच की और उसके बाद सप्लीमेंट लिया और पैनल ने यह भी कहा कि शिवपाल लापरवाह नहीं थे.’ गोस्वामी ने दावा किया कि उच्चतम न्यायालय के वकील अभिनव मुखर्जी की अध्यक्षता वाले अपील पैनल ने नाडा को सुनिश्चित करने को कहा कि ‘फर्जी सप्लीमेंट’ देश के खिलाड़ियों तक नहीं पहुंचे. उन्होंने साथ ही कहा कि नाडा को देश भर में सुरक्षित स्रोत के रूप में दुकानों को प्रमाणित करने के लिए नीति तैयार करने को कहा गया है जहां से खिलाड़ी बिना किसी डर के सप्लीमेंट खरीद सकें.

 

प्रतियोगिता के इतर परीक्षण में विफल रहने के बाद शिवपाल को अक्टूबर 2021 में अस्थाई रूप से निलंबित किया गया था. उनके शरीर में प्रतिबंधित पदार्थ मेथाडाईनोन पाया गया था. डोपिंग रोधी अनुशासन पैनल ने पिछले साल अगस्त में फैसला दिया था लेकिन नाडा की वेबसाइट पर विस्तारित आदेश अपलोड नहीं किया गया था.

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