सात्विक और चिराग की जोड़ी ने वापस हासिल किया अपना वर्ल्ड नंबर वन का ताज, Thailand Open 2024 जीतकर लगाई छलांग
Candidates Chess: डी गुकेश ने रचा इतिहास, सबसे कम उम्र में कैंडिडेट्स शतरंज टूर्नामेंट जीतकर तोड़ा 40 साल पुराना रिकॉर्ड
Candidates Chess Tournament : भारत के 17 साल के युवा ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने टोरंटो में कैंडिडेट्स शतरंज टूर्नामेंट का खिताब जीतकर इतिहास रच डाला.
Candidates Chess: भारत के 17 साल के युवा स्टार चेस ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने टोरंटो में इतिहास रच डाला. गुकेश ने कनाडा में जारी कैंडिडेट्स शतरंज टूर्नामेंट का खिताब अपने नाम किया और 40 साल पुराना रिकॉर्ड ध्वस्त कर डाला. गुकेश अब सबसे कम उम्र में कैंडिडेट्स शतरंज टूर्नामेंट जीतने वाले दुनिया के पहले चेस मास्टर बन गए हैं. उनसे 40 साल पहले ये कारनामा महान गैरी कास्पारोव ने 22 साल की उम्र में किया था.
ऐसा करने वाले गुकेश बने दूसरे भारतीय
गुकेश ने फाइनल मुकाबले यानि 14वें और अंतिम राउंड में अमेरिका के हिकारू नाकामुरा के साथ आसान ड्रॉ खेला और बाजी बराबर करने के साथ ही टूर्नामेंट के 14 में से 9 अंक हासिल करते हुए वह विजेता बने. जिससे गुकेश अब विश्वनाथन आनंद के बाद कैंडिडेट्स शतरंज टूर्नामेंट जीतने वाले दूसरे भारतीय भी बन गए हैं. कैंडिडेट्स शतंरज टूर्नामेंट जीतने वाला खिलाड़ी आगे चलकर वर्ल्ड चैंपियन को चुनौती भी देता है.
अब वर्ल्ड चैंपियन से कब होगा मुकाबला
गुकेश अब कैंडिडेट्स शतंरज टूर्नामेंट जीतने के बाद इस साल के आखिर में वर्तमान वर्ल्ड चैंपियन चीन के डिंग लिरेन को चुनौती देते नजर आएंगे. इस तरह गुकेश अगर चीनी खिलाड़ी को मात देते है तो वह इस साल के आखिर तक वर्ल्ड चैंपियन भी बन सकते हैं.
गुकेश ने जीत के बाद क्या कहा ?
चेन्नई के इस युवा खिलाड़ी ने जीत के बाद कहा,
मुझे इससे बहुत राहत और बहुत ज्यादा ख़ुशी हुई. मैं फैबियो कारुआना और इयान नेपोमनियाच्ची के खेल को फॉलो कर रहा था. इसके बाद मैंने एक अन्य खिलाड़ी ग्रेगोरज गाजेव्स्की से बातचीत भी की, जिससे काफी ज्याद मदद मिली और मैं सफल हो सका.
गुकेश को कितने रुपये मिले
गुकेश को कैंडिडेट्स शतरंज टूर्नामेंट का खिताब जीतने के बाद 88,500 यूरो (लगभग 78.5 लाख रुपये) का कैश प्राइज मिला. जबकि उम्मीदवारों की कुल पुरस्कार राशि 5 लाख यूरो थी. वहीं पांच बार के वर्ल्ड चैंपियन विश्वनाथन आनंद ने ये खिताब आखिरी बार साल 2014 में जीता था. जिसके 10 साल बाद कोई भारतीय इसी उपलब्धि को दोहरा सका.
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