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Paris Olympics 2024 : मां बनने के बाद धनुष उठाने में भी हुई मुश्किल, खत्‍म होता दिख रहा था करियर, अब 19 महीने की बेटी से दूर होकर भारत को मेडल दिलाने में जुटी दीपिका कुमारी

स्‍टार तीरंदाज दीपिका कुमारी को पेरिस ओलिंपिक के लिए अपनी 19 महीने की बेटी से दूर रहना पड़ रहा है. वो पिछले दो महीने से अपनी बेटी से दूर हैं.

दीपिका कुमारी का ये चौथा ओलिंपिक है
authorकिरण सिंह
Sat, 20 Jul 05:13 PM

एक समय था जब दीपिका कुमारी भारत ने आर्चरी की पहचान बन गई थी. जब भी वो हाथ में धनुष उठाती तो रिकॉर्ड टूट जाते थे. फिर उनके करियर में एक समय ऐसा भी आया, जब उन्‍हें 19 किलो का धनुष उठाने में मुश्किल होने लगी. उन्‍हें अपना करियर खत्‍म होता दिख रहा था, मगर उन्‍होंने धनुष नहीं छोड़ा और वापसी की. अब वो भारत को पेरिस ओलिंपिक में मेडल दिलाने के जुटी हुई हैं, मगर यहां तक पहुंचने के लिए उन्‍हें बहुत बड़ा त्‍याग करना पड़ा. उन्‍हें अपनी 19 महीने की बेटी से दूर रहना पड़ रहा है. जो उनके लिए बिल्‍कुल भी आसान नहीं है, मगर उनका कहना है कि ओलिंपिक मेडल के सपने को पूरा करने के सामने ये त्‍याग तो बहुत  छोटा है.


दीपिका चौथी बार ओलिंपिक में हिस्सा ले रही है, लेकिन उन्हें अब भी इन खेलों में अपने पहले पदक का इंतजार है. दीपिका को बेटी से दूर रहने की निराशा है, लेकिन ओलिंपिक मेडल के सामने उन्हें इससे कोई शिकायत नहीं है. पीटीआई को दिए इंटरव्‍यू में उन्‍होंने कहा कि अपनी बेटी से दूर होने के दर्द को बयां करना मुश्किल है, लेकिन यह उस चीज को हासिल करने के बारे में भी है जिसके लिए वो इतने सालों से लगातार मेहनत कर रहे हैं. ओलिंपिक की तैयारियों के लिए लगभग दो महीने तक वो बेटी से दूर रहीं. पेरिस के लिए उड़ान भरने से पहले पुणे के सेना खेल संस्थान में वह कुछ समय के लिए अपने पति तीरंदाज अतनु दास और बेटी के साथ रही थीं. दीपिका ने कहा-


मुझे उसकी काफी कमी खलती है, लेकिन इसमें कुछ नहीं कर सकते है.

 

 

धनुष उठाना हो गया था मुश्किल

 

दीपिका के लिए दिसंबर 2022 में मां बनने के बाद खेलों में वापसी करना काफी मुश्किल था. उनकी मांसपेशियों में जकड़न आ गई थी और उनके लिए 19 किलो का धनुष उठाना लगभग असंभव हो गया. अतनु ने उस समय को याद करते हुए कहा-


हमने इस तरह से योजना बनाई थी कि हम पेरिस में प्रतिस्पर्धा कर सकें, लेकिन मां बनने के बाद दीपिका के लिए सब कुछ जीरो से शुरू करने जैसा था. तीर चलाने के लिए धनुष उठाना तो दूर की बात थी, वो अपने दैनिक काम को भी करने में सक्षम नहीं थीं. उन्‍होंने धीरे-धीरे जॉगिंग करना शुरू किया और फिर जिम में बहुत मेहनत की.

 

दीपिका को तो यहां तक लग गया था कि उनका करियर खत्म हो गया है. उन्होंने कहा-

 

दीपिका उस समय मुझ से कहती थीं कि लगता है करियर खत्म हो गया. मैं तीरंदाजी नहीं कर पाउंगी.

 

दीपिका ने हालांकि हिम्मत नहीं हारी और कड़ी मेहनत के साथ पिछले साल गोवा में हुए नेशनल गेम्‍स में दो गोल्‍ड और एक सिल्‍वर मेडल जीतकर शानदार वापसी की. उन्होंने इसके बाद कोरिया के दिग्गज कोच किम ह्युंग-टाक की देखरेख में अभ्यास करने का फैसला किया. 30 साल की ये खिलाड़ी ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई करने में सफल रही, जबकि अतनु इसमें जगह बनाने से चूक गए थे. 

 

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