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Exclusive: मनु भाकर ने जीते दो मेडल फिर भी कोच ने नहीं मनाने दिया जश्न, जानें पॉकेट में हाथ रखने और आइसक्रीम से जुड़ी मजेदार कहानी

Manu Bhaker: मनु भाकर ने कहा कि पॉकेट में हाथ रखने का स्टाइल नेचुरल है. वहीं दो मेडल के बाद उन्होंने इसलिए जश्न नहीं मनाया क्योंकि आखिरी इवेंट पर उनका पूरा फोकस था.

शूटिंग पर फोकस करतीं मनु भाकर
authorNeeraj Singh
Sat, 03 Aug 10:00 PM

पेरिस ओलिंपिक में भारत को दो मेडल दिलाने वाली शूटर मनु भाकर ने वो प्रदर्शन किया जो हमेशा के लिए इतिहास में दर्ज हो गया. मनु भाकर मेडल की हैट्रिक लगा सकती थीं लेकिन वो महिलाओं की 25 मीटर शूटिंग इवेंट में चूक गई. भाकर को अंत में चौथा पायदान मिला. 22 साल की खिलाड़ी ने फाइनल में 28 पांट्स हासिल किए और ऐतिहासिक तीसरा मेडल जीतने से चूक गई. हालांकि भाकर इससे पहले महिलाओं की 10 मीटर पिस्टल शूटिंग और मिक्स्ड इवेंट में पहले ही दो ब्रॉन्ज मेडल जीत चुकी हैं.

 

ऐसे में भाकर ने एक्सक्लूसिव तौर पर स्पोर्ट्स टुडे से बातचीत की जिसमें उन्होंने कई मजेदार कहानियां भी सुनाईं. भाकर ने अपनी उपलब्धि को लेकर कहा कि मैं फैंस के सपोर्ट के लिए सभी का शुक्रिया अदा करना चाहती हूं. वहीं मैं उन लोगों का भी धन्यवाद करती हूं जिनकी वजह से मैं ये मेडल जीत पाई.

 

 

 

क्यों नहीं मनाया जश्न?


मनु भाकर से जब ये पूछा गया कि जैसे रोहित शर्मा ट्रॉफी जीतने के बाद उसके साथ ही सोए थे.  ऐसे में क्या आपने भी मेडल्स के साथ कुछ ऐसा ही किया था. इसपर भाकर ने हंसते हुए कहा कि, मैं दो मेडल्स जीत चुकी थी और मेरा पूरा फोकस तीसरे मेडल पर था. मैं इस मैच के बाद ही दूसरी चीजों के बारे में सोचना चाहती थी. मेरे कोच ने भी मुझे यही समझाया कि जो हो गया सो हो गया. तुम्हारा पूरा फोकस अब तीसरे मेडल पर होना चाहिए और उसके बाद ही तुम जश्न मनाना. इसलिए मैंने ऐसा कुछ नहीं किया और वर्तमान पर फोकस किया.

 

 

 

पॉकेट में क्यों रखती हैं हाथ?

 

मनु से जब ये पूछा गया कि शूटिंग के दौरान दूसरे खिलाड़ियों के मुकाबले उनका अलग स्वैग था. वहीं शूटिंग के दौरान पॉकेट में हाथ रखने का तरीका क्या कुछ खास है? इसपर मनु ने कहा कि ऐसा कोई अलग स्टाइल नहीं है. ये सबकुछ नेचुरल है. वहीं स्वैग को लेकर उन्होंने कहा कि ये सबकुछ कॉन्फिडेंस का कमाल है. कई बार आपको कॉन्फिडेंस आता है और कई बार नहीं आता. लेकिन आपको अपना सिर ऊंचा रखना होता है. मेरे परिवार और दोस्तों ने काफी साथ दिया है.

 

 

 


आइसक्रीम क्यों नहीं खाती


मनु भाकर से जब ये पूछा गया कि 8 साल पहले वो लंच कर रहीं थीं और उस दौरान उन्होंने आइसक्रीम खाने से मना कर दिया था. तो क्या अब जीत के बाद वो आइसक्रीम खाएंगी. इसपर मनु ने कहा कि, हमारे स्पोर्ट में भी वेट मेंटेनेंस करना पड़ता है. ऐसे में मैंने अब ये गेम खेलते खेलते ये स्किल्स सीख ली है कि अगर मुझे कोई चीज नहीं खानी है तो फिर मैं उसे नापसंद करना शुरू कर देती हूं. मुझे अब मीठा खाना पसंद नहीं है. अगर मुझे पता चलता है कि इससे मेरे खेल को नुकसान पहुंचेगा तो मैं उसे छोड़ देती हूं.

 

बता दें कि मनु भाकर ने आखिरी इवेंट में हार के बाद कहा कि मैं काफी ज्यादा नर्वस थी. मैं हर शॉट के लिए पूरी कोशिश कर रही थी. लेकिन चीजें मेरे हिसाब से नहीं हुईं. हर बार आपको अगला मौका मिलता है. ऐसे में मैं अगले चैलेंज को देख रही हूं. मैंने अपना बेस्ट दिया और दो मेडल्स जीते. 

 

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