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Paris Olympics 2024: स्‍कोर बराबर होने के बावजूद कुश्‍ती के इस नियम से रितिका का गोल्‍डन सपना चकनाचूर?

रितिका हुड्डा और किर्गिस्तान की मेदेट क्यजी के बीच वीमेंस 76 फ्रीस्‍टाइल वेट कैटेगरी का क्‍वार्टर फाइनल मुकाबला खेला गया था.

किर्गिस्तान के खिलाफ रितिका हुड्डा
authorकिरण सिंह
Sat, 10 Aug 05:12 PM

रितिका हुड्डा का पेरिस ओलिंपिक 2024 में गोल्‍ड जीतने का सपना चूकनाचूर हो गया है. वीमेंस 76 फ्रीस्‍टाइल वेट कैटेगरी के क्‍वार्टर फाइनल में उन्‍हें कुश्‍ती के एक नियम से हार का सामना करना पड़ा. उन्‍होंने दुनिया की नंबर एक पहलवान किर्गिस्तान की स्‍टार पहलवान मेदेट क्यज़ी ऐपेरी को कांटे की टक्‍कर दी, मगर स्‍कोर लाइन 1-1 से बराबर होने के बावजूद भारतीय पहलवान को दिल तोड़ने वाली हार का सामना करना पड़ा. 

 

दरअसल इस मुकाबले में दोनों पहलवानों को एक पैसेविटी पॉइंट (तकनीकी) मिला. पहला पॉइंट रितिका को मिला तो दूसरा पॉइंट किर्गिस्तान की पहलवान को मिला. इस मुकाबले में किर्गिस्तान की पहलवान को आखिरी पैसेविटी पॉइंट (तकनीकी) मिला था और उन्‍हें काउंटबैक के आधार पर विजेता घोषित किया गया. रितिका ने मेदेट क्यजी को कड़ी टक्‍कर दी. मुकाबले के आखिरी कुछ सैकंड में तो उन्‍होंने दबाव बना दिया था, मगर टॉप सीड का डिफेंस भी काफी मजबूत था. 

 


 

मेडल की उम्‍मीद बरकरार

 

कुश्‍ती के इस नियम के चलते रितिका स्‍कोर बराबर होने के बावजूद मुकाबला हार गईं. उनका गोल्‍ड मेडल का सपना तो चकनाचूर हो गया, मगर मेडल की उम्‍मीद अभी तक बरकरार है. अगर मेदेट क्यजी फाइनल में पहुंच जाती हैं तो रितिका को रेपेशाज खेलने का मौका मिलेगा, जहां वो देश की झोली में ब्रॉन्‍ज डाल सकती है. 

 

रितिका ने प्री क्‍वार्टर फाइनल में टेक्निकल सुपीरियरिटी के आधार पर 12-2 से जीत हासिल की थी. उन्‍होंने हंगरी की नेज को हराया था. उनके पास अभी भी इतिहास रचने का मौका है. उन्‍होंने एशियन रेसलिंग ओलिंपिक क्‍वालीफिकेशन टूर्नामेंट में पेरिस ओलिंपिक का कोटा हासिल किया था. वो हैवीवेट में कोटा हासिल करने वाली पहले भारतीय बनी थीं.

 

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