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Paris Olympics: निकहत जरीन के मेडल की उम्मीद को एक लड़ाई के चलते कैसे लगा झटका? भारतीय स्टार को नहीं मिली वरीयता
Paris Olympics 2024: पेरिस ओलिंपिक में भारत की सबसे बड़ी मेडल उम्मीद स्टार मुक्केबाज निकहत जरीन को मुश्किल ड्रॉ मिला है.
भारत की स्टार मुक्केबाज निकहत जरीन को पेरिस ओलिंपिक 2024 में मेडल का सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा है, मगर उनकी मेडल उम्मीद को उस वक्त झटका लगा, जब एक लड़ाई के चलते उन्हें मुश्किल ड्रॉ मिला. इंटरनेशनल ओलिंपिक कमिटी और इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन के बीच लड़ाई के चलते निकहत को इस ओलिंपिक सायकिल में कई मेडल जीतने के बावजूद वर्ल्ड चैंपियनशिप 2023 और एशियन गेम्स 2023 के बाद ओलिंपिक में भी वरीयता नहीं मिली, जिस वजह से उन्हें मुश्किल ड्रॉ मिला.
निकहत को उनकी वेट कैटेगरी में दुनिया के बेस्ट मुक्केबाजों के ग्रुप में डाला गया है. दरअसल इंटरनेशनल ओलिंपिक कमिटी ने पेरिस ओलिंपिक के लिए जो वरीयता दी है, उससे विभिन्न देशों के कई टॉप मुक्केबाज एक ही ब्रैकेट में आ गए हैं.
निकहत को मुश्किल ड्रॉ
28 साल की स्टार मुक्केबाज निकहत जरीन 50 किग्रा भार वर्ग में जर्मनी की मैक्सी क्लॉटजर के खिलाफ अपने अभियान की शुरुआत करेंगी, जिसके बाद उनका सामना एशियाई खेलों की शीर्ष वरीयता प्राप्त और मौजूदा फ्लाईवेट विश्व चैंपियन चीन की वू यू से हो सकता है. वू यू को पेरिस ओलंपिक में टॉप सीड मिली है और वो 52 किग्रा में वर्ल्ड चैंपियन 2023 की गोल्ड मेडलिस्ट है. जरीन के खिलाफ मुकाबला वू की इस ओलिंपिक में पहली बाउट होगी. यदि निकहत चीनी चुनौती को पार कर लेती तो उनका सामना अगले दौर में थाइलैंड की चुथामत रक्सट होगा, जो निकहत को हमेशा सिरदर्द बनती है. अगर निकहत इस चुनौती को भी पार कर लेती हैं तो अगले दौर में उनका सामना उज्बेकिस्तान की सबीना बोबोकुलोव से हो सकता है.
आखिर क्यों निकहत को मिला मुश्किल ड्रॉ?
दरअसल इंटरनेशनल ओलिंपिक समिति ने इंटरनेशनल मुक्केबाजी संघ को मान्यता नहीं दी, जिसके कारण इस ओलिंपिक सायकिल में दोनों वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतने के बावजूद निकहत को अपने वर्ग में टॉप वरीयता नहीं मिली. पेरिस 2024 बॉक्सिंग यूनिट (PBU) ने वरीयता देने का एक अलग तरीका निकाला. जिसके अनुसार हर वर्ग में कुल आठ मुक्केबाजों को वरीयता दी गई, जिसमें महाद्वीपीय क्वालीफायर को प्राथमिकता दी गई. महाद्वीपीय खेलों (एशियाई, यूरोपीय खेल) के सभी पांच चैंपियन को वरीयता मिली. इसके अलावा एशियाई, यूरोपीय और अमेरिकी महाद्वीपीय इवेंट में दूसरे स्थान पर रहने वाले मुक्केबाज को भी वरीयता दी गई. इसी वजह से निकहत और निशांत देव जैसे मुक्केबाज वरीयता पाने से चूक गए, जिस वजह से उन्हें सीधे राउंड 16 खेलने का मौका नहीं मिला. निकहत ने 2022 और 2023 वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड जीता था. जबकि एशियन गेम्स 2022 में वो ब्रॉन्ज मेडल ही जीत पाई थी.
लवलीना को मिली सीड
टोक्यो ओलिंपिक की ब्रॉन्ज मेडलिस्ट लवलीना बोरेगोहन को 8वीं वरीयता मिली है. पहले दौर में नॉर्वे की सुन्नीवा हॉफस्टैड की चुनौती मिलेगी. क्वार्टर फाइनल में उनके सामने चीन की ली कियान के रूप में कड़ी चुनौती मिल सकती है, जो एशियाई खेलों की चैंपियन और दो बार ओलिंपिक और विश्व पदक विजेता हैं. प्रीति पंवार (54 किग्रा) पहली बार ओलिंपिक खेलों में भाग ले रही हैं. पहले दौर में उनका मुकाबला वियतनाम की वो थी किम अन्ह से होगा. एक अन्य मुक्केबाज जैस्मीन लाम्बोरिया (57 किग्रा) को भारतीय खिलाड़ियों में सबसे मुश्किल ड्रॉ मिला है. वो अपने शुरुआती मुकाबले में फिलीपींस की टोक्यो ओलिंपिक की सिल्वर मेडलिस्ट और पूर्व विश्व चैंपियन नेस्टी पेटेसियो से भिड़ेंगी.
बाकी मुक्केबाजों के ड्रॉ
अनुभवी अमित पंघाल (51 किग्रा) को पहले दौर में बाई मिली है राउंड 16 में उनका सामना अफ्रीकी खेलों के चैंपियन जाम्बिया के पैट्रिक चिन्येम्बा से होगा. पंघाल का क्वार्टर फाइनल में एशियाई खेलों के रजत पदक विजेता थाईलैंड के थितिसन पनमोद से सामना हो सकता है. निशांत को पहले दौर में बाई मिली है. वो प्री क्वार्टर फाइनल में इक्वाडोर के रोड्रिगेज टेनोरियो से भिड़ेंगे. अगर निशांत टेनोरियो को हरा देते हैं तो क्वार्टर फाइनल में उनका सामना मैक्सिको के मर्को वर्डे से हो सकता है.
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