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'पैसे से आपको मेडल नहीं मिलेंगे, ये सक्सेस की गारंटी नहीं देता', ओलिंपिक में भारत में पिछड़ने पर अभिनव बिंद्रा बड़ा बयान
भारत ने पेरिस ओलिंपिक में एक सिल्वर और पांच ब्रॉन्ज मेडल समेत कुल छह मेडल जीते. भारत मेडल टैली में 71वें स्थान पर रहा.
पेरिस ओलिंपिक में भारत ने एक सिल्वर और पांच ब्रॉन्ज समेत कुल छह मेडल जीते और 71वें स्थान रहा. इस ओलिंपिक में भारत गोल्ड मेडल हासिल नहीं कर पाया. नीरज चोपड़ा भारत की सबसे बड़ी गोल्ड की उम्मीद थे, मगर वो सिल्वर ही जीत पाए. पेरिस ओलिंपिक के सिलसिले में भारत के पहले इंडिविजुल गोल्ड मेडलिस्ट अभिनव बिंद्रा पेरिस में ही थे. वो इंटरनेशनल ओलिंपिक कमिटी एथलीट कमीशन के सदस्य हैं. पेरिस में वो जितने दिन भी रहे, उन्हें हर दिन ओलिंपिक में भारत के गोल्ड मेडल जीतने में असमर्थता के बारे में सवाल का सामना करना पड़ा. बिंद्रा ने माना कि उनके पास इसका कोई आसान जवाब नहीं है.
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में ओलिंपिक ऑर्डर का सम्मान हासिल करने वाले बिंद्रा ने भारत के अभियान पर बात की. उन्होंने ओलिंपिक में भारत के पिछड़ने पर पूरा एनालिसिस किया.
उन्होंने बताया कि पेरिस में उनसे लगभग हर रोज पूछा जाता था कि कितने पदक जीते. बिंद्रा से जब पूछा गया कि वो इसके जवाब में क्या कहते थे. बिंद्रा ने कहा-
शायद कई खेलों में हमने सुधार किए. एथलेटिक्स जैसे खेल अच्छी तरह से हुए. पेरिस में डबल डिजिट तक नहीं पहुंच पाए. तो लॉस एंजिलिस के लिए क्या आकांक्षा होनी चाहिए? घर जाने पर हमेशा पुनर्मूल्यांकन और अध्ययन करने का समय होता है कि क्या सही हुआ और कई चीजें गलत हुई हैं.
पैसे सफलता की गारंटी नहीं
सब कुछ आसानी से मिल जाने से प्लेयर्स के जीतने की भूख पर असर पड़ने के सवाल पर बिंद्रा ने कहा कि पैसे से मेडल नहीं मिलते. उन्होंने कहा-
मुझे लगता है कि भूख नेचर में है. एक राष्ट्र के रूप में, हमें यह भी समझना होगा कि पैसा केवल सहारा देता है. पैसे से आपको मेडल नहीं मिलेंगे. आपको खून, पसीना और आंसू, खेल के मैदान पर दिखाई गई कड़ी मेहनत और लचीलापन वहां तक पहुंचाएगा और भूख इसका एक बहुत ही अहम पहलू है. संसाधन जो दिए जा रहे हैं, वो केवल मदद के लिए हैं और आपको इसकी जरूरत है. मेरा मतलब है, आप इसे और कैसे कर सकते हैं? आपको ट्रेनिंग, प्रतिस्पर्धा, ट्रेवल, सपोर्ट स्टाफ के लिए पैसों की जरूरत होती है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि यह एक वेंडिंग मशीन है. आप अधिक खर्च कर सकते हैं, आप कम खर्च कर सकते हैं. ये आपको सफलता की गारंटी नहीं देगा.
भारत के मेडल पर अपनी भावनाओं पर बात करते हुए बिंद्रा का कहना है कि उन्हें नहीं पता कि वो कैसा महसूस कर रहे हैं. उन्हें लगता है कि ये एथलीट ने अच्छा प्रदर्शन किया और इसे सामने और केंद्र में रखना चाहिए. उनका कहना है कि हो सकता है कि सभी पदक ना जीते हों, लेकिन कुल मिलाकर सुधार हुआ है.
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