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भारतीय महिला हॉकी टीम पेरिस ओलिंपिक की रेस से बाहर, 9 पेनल्टी कॉर्नर गंवाए, जापान ने तोड़ा सपना, फूट-फूटकर रोए खिलाड़ी

भारत ने जापान को पिछले पांच मैचों में हराया था लेकिन 19 जनवरी को कुछ भी उसके पक्ष में नहीं रहा. पहले क्वार्टर में गोल खाने के बाद से वह कभी मुकाबले में नहीं आ सकी.

सविता पूनिया की कप्तानी वाली भारतीय महिला हॉकी टीम पेरिस ओलिंपिक जाने से चूक गई.
authorShakti Shekhawat
Fri, 19 Jan 06:33 PM

Indian Women Hockey Team: भारतीय महिला हॉकी टीम पेरिस ओलिंपिक 2024 में शामिल होने से चूक गई. जापान ने उसे ओलिंपिक क्वालिफायर्स के आखिरी क्वालिफाइंग मैच में 1-0 से मात दी. इसके साथ ही जापान आखिरी महिला हॉकी टीम बन गई जो पेरिस में खेलेगी. जापान ने पहले क्वार्टर में गोल कर बढ़त बना ली थी. छठे मिनट पर पेनल्टी कॉर्नर के जरिए काना उराता ने गोल किया. सविता पूनिया की कप्तानी वाली टीम इंडिया इस गोल से पार नहीं पा सकी. भारत ने इस मैच में नौ पेनल्टी कॉर्नर हासिल किए लेकिन एक भी गोल उसकी तरफ से नहीं हो सका. सविता पूनिया की कप्तानी वाली भारतीय टीम रैंकिंग मे छठे नंबर पर है जबकि जापान 12वें नंबर पर. भारत ने जापान को पिछले पांच मैचों में हराया था लेकिन 19 जनवरी को कुछ भी उसके पक्ष में नहीं रहा. भारतीय टीम टोक्यो ओलिंपिक में चौथे नंबर पर रही थी लेकिन इस बार वह बाहर है.

 

भारत के लिए यह हार किसी सदमे से कम नहीं है. वह अपने घर में क्वालिफायर्स खेल रहा था और केवल दो ही मैच जीत सका. पहले उसने सेमीफाइनल में जर्मनी के हाथों 4-3 से मैच गंवाकर फाइनल में जाकर क्वालिफाई करने का मौका गंवाया. फिर तीसरे स्थान पर रहने के मैच को भी भारतीय टीम जीत नहीं सकी. क्वालिफायर्स में 10 में से टॉप-3 में रहने वाली टीमों को पेरिस का टिकट मिलता. हार के बाद भारतीय खिलाड़ियों का निराश होना स्वाभाविक और लाजमी था. कप्तान सविता समेत कई खिलाड़ी फूट-फूटकर रो रही थीं. 

 

मैच में कब क्या हुआ

 

जापान ने मैच शुरू होते ही हमले बोलने शुरू कर दिए. मैच के दूसरे ही मिनट में वह गोल करने के करीब था लेकिन कप्तान सविता की सतर्कता ने उसे बचा लिया. इसके बाद दो मिनट बाद जापान ने पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया लेकिन उसके खिलाड़ी भुना नहीं पाए. दो मिनट बाद यानी छठे मिनट में फिर से जापान के पक्ष में पेनल्टी कॉर्नर था. इस बार काना उराता ने सविता की कंफ्यूजन का फायदा उठाया और गोल दाग दिया. इसके बाद भारत की ओर से पलटवार हुआ लेकिन कामयाबी नहीं मिली. 12वें और 15वें मिनट में उसके हमले नाकाम रहे.

 

दूसरे क्वार्टर में दोनों ही टीमें गोल करने में नाकाम रही. इसमें जापान को एक पीसी मिला तो भारत को दो लेकिन दोनों ही गोल नहीं कर पाए. जापान ने इस दौरान गोलकीपर बदला. एका नाकामुरा की जगह अकियो टनाका ने ली. दूसरे क्वार्टर के पहले मिनट में जापान ने पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया. लेकिन सविता ने इसे बचा लिया. भारत को 18वें मिनट में पहला पेनल्टी कॉर्नर मिला. दीपिका ने फ्लिक किया लेकिन जापानी डिफेंस ने इसे नाकाम कर दिया. एक मिनट बाद दूसरा पेनल्टी कॉर्नर मिला. दीपिका के शॉट को जापानी गोलची ने डिफ्लेक्ट किया. इसके साथ ही हाफ टाइम तक भारत के खाते में कोई गोल नहीं था.

 

तीसरे क्वार्टर में भी कोई गोल नहीं हुआ. इस दौरान भारत को 36वें तो जापान को 38वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन दोनों ही कामयाब नहीं हुए. 43वें मिनट में भारत ने दो पीसी हासिल किए लेकिन जापानी डिफेंस में सेंध नहीं लगी. 45वें मिनट में फिर से पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन सलीमा टेटे के इंजेक्शन को भारतीय ड्रेग फ्लिकर कलेक्ट ही नहीं कर पाए. आखिरी क्वार्टर में भी ऐसी ही कहानी रही. भारत पजेशन के मामले में मैच में आगे रहा लेकिन उससे गोल नहीं हो सका.

 

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