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Hockey World Cup 2023: टीम इंडिया के सामने स्पेन की चुनौती, 48 साल बाद मेडल जीतने का है लक्ष्य

ओलिंपिक में आठ स्वर्ण पदक जीत चुकी भारतीय टीम ने एकमात्र विश्व कप 1975 में कुआलालम्पुर में अजितपाल सिंह की कप्तानी में जीता था.

hockey world cup 2023: टीम इंडिया के सामने स्पेन की चुनौती, 48 साल बाद मेडल जीतने का है लक्ष्य
SportsTak - Thu, 12 Jan 05:40 PM

भारतीय हॉकी टीम शुक्रवार (13 जनवरी) को स्पेन के खिलाफ पुरुष हॉकी विश्व कप 2023 के पहले मैच में उतरेगी. इसके जरिए उसका इरादा विश्व कप में पदक के लिए 48 साल का इंतजार खत्म करने का होगा. भारत ने टोक्यो ओलिंपिक में कांस्य पदक जीतकर पुराना गौरव लौटाने की दिशा में पहला कदम रखा था. ओलिंपिक में आठ स्वर्ण पदक जीत चुकी भारतीय टीम ने एकमात्र विश्व कप 1975 में कुआलालम्पुर में अजितपाल सिंह की कप्तानी में जीता था. उसके बाद से टीम सेमीफाइनल में भी नहीं पहुंच सकी है. इससे पहले 1971 में पहले विश्व कप में भारत ने कांस्य और 1973 में रजत पदक जीता था.

 

इसके बाद 1978 से 2014 तक भारत ग्रुप चरण से आगे नहीं जा सका. पिछली बार भी भुवनेश्वर में हुए विश्व कप में भारत क्वार्टर फाइनल में नेदरलैंड्स से हारकर बाहर हो गया था. हरमनप्रीत सिंह की कप्तानी वाली भारतीय टीम इस बार अपनी सरजमीं पर पदक के प्रबल दावेदारों में से है. विश्व रैंकिंग में छठे स्थान पर काबिज भारत ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच मैचों की सीरीज में अच्छा प्रदर्शन किया था हालांकि उसे 1-4 से पराजय का सामना करना पड़ा.

 

ग्राहम रीड की टीम ने ऑस्ट्रेलिया जैसी दमदार टीम को एक मैच में हराकर छह साल बाद उसके खिलाफ जीत दर्ज की. भारत ने एफआईएच प्रो लीग में भी 2021-22 सत्र में तीसरा स्थान हासिल किया. रीड के 2019 में कोच बनने के बाद से भारत का कद अंतरराष्ट्रीय हॉकी में बढ़ा है. रीड खिलाड़ियों से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कराने में कामयाब रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘हम अभ्यास के दौरान भी मैच हालात के अनुरूप खेलते हैं. मसलन एक गोल से पिछड़ने के बाद कैसे खेलेंगे या फिर दस खिलाड़ियों तक सिमटने के बाद कैसा प्रदर्शन होगा.’

 

इन खिलाड़ियों पर भारत का भरोसा

इस वर्ष एफआईएच के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी और भारत के कप्तान हरमनप्रीत सिंह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ड्रैग फ्लिकर में से हैं. उनके अलावा अनुभवी गोलकीपर पी आर श्रीजेश, मनप्रीत सिंह, हार्दिक सिंह और मनदीप सिंह पर सफलता का दारोमदार होगा. डिफेंडर अमित रोहिदास भी काफी अनुभवी हैं और पेनल्टी कॉर्नर विशेषज्ञ भी हैं. फॉरवर्ड आकाशदीप सिंह पर भी सभी की नजरें होंगी. भारत का सामना स्पेन से होगा और मेजबान की मंशा जीत के साथ शुरुआत करने की होगी ताकि क्वार्टर फाइनल में सीधे जगह बना सके. हर ग्रुप से शीर्ष टीम सीधे क्वार्टर फाइनल में पहुंचेगी. दूसरे वतीसरे स्थान की टीमों के बीच क्रॉसओवर मैच होंगे.

 

कम नहीं है स्पेन की टीम

क्रॉसओवर के जरिए अंतिम आठ में पहुंचने पर सामना गत चैम्पियन बेल्जियम जैसी कठिन टीमों से हो सकता है. रीड ने कहा, ‘पहला मैच काफी महत्वपूर्ण है और हम उसी पर फोकस कर रहे हैं.’ विश्व रैकिंग में आठवें स्थान पर काबिज स्पेन भारत के लिये कभी आसान प्रतिद्वंद्वी नहीं रहा हालांकि वह टूर्नामेंट की सबसे युवा टीमों में से है. स्पेन 1971 और 1998 में उपविजेता रहा और 2006 में कांस्य पदक जीता. अर्जेंटीना के मैक्स काल्डास की कोचिंग और अलवारो इग्लेसियास की कप्तानी में स्पेन ने पिछले साल अक्टूबर नवंबर में भुवनेश्वर में हुए प्रो लीग मैचों में भारत को पहले मैच में 3- 2 से हराया था. दूसरा मैच पेनल्टी शूटआउट तक पहुंचा था.

 

पिछले साल फरवरी में प्रो लीग मैचों में स्पेन ने पहला मैच 5-3 से जीता जबकि दूसरा भारत ने 5-4 से अपने नाम किया. भारत ने 1948 से अब तक स्पेन के खिलाफ 30 में से 13 मैच जीते जबकि स्पेन ने 11 मैच जीते जबकि छह मैच ड्रॉ रहे. अलवारो ने कहा, ‘हमारे अधिकांश खिलाड़ी पहली बार विश्व कप खेल रहे हैं लेकिन हम किसी से भयभीत नहीं हैं. हम अपनी शैली में खेलेंगे और विश्व कप के लिए तैयार हैं.’

 

करीब 21000 की दर्शक क्षमता वाले बिरसा मुंडा स्टेडियम पर पहला मैच इंग्लैंड और वेल्स के बीच होगा. टूर्नामेंट का पहला मैच भुवनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम पर अर्जेंटीना और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेला जायेगा. खिताब की प्रबल दावेदार ऑस्ट्रेलियाई टीम पूल ए के अन्य मैच में फ्रांस से खेलेगी. गत चैम्पियन और प्रबल दावेदार बेल्जियम का सामना पूल बी में शनिवार को दक्षिण कोरिया से होगा. कलिंगा स्टेडियम पर 24 और बिरसा मुंडा स्टेडियम पर 20 मैच खेले जायेंगे.

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