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युवराज vs धोनी पर पूर्व श्रीलंकाई कप्तान का बड़ा बयान, कहा- 'जब जरूरत थी तब सिक्सर किंग दबाव नहीं झेल पाए'

टीम इंडिया में युवराज सिंह (Yuvraj Singh) और एमएस धोनी (Ms Dhoni) की दोस्ती सबसे यादगार है. दोनों ने कई साझेदारियां निभाई और भारतीय फैंस को कई ऐसे लम्हें दिए जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता. दोनों ने एक साथ टी20 वर्ल्ड कप (T20 World Cup) 2007 और 2011 वनडे वर्ल्ड कप पर कब्जा किया. धोनी दोनों ही टूर्नामेंट में टीम के कप्तान थे और युवराज सिंह प्लेयर ऑफ द सीरीज. दोनों ही खिलाड़ी बड़े रन बनाने के लिए जाने जाते हैं. लेकिन इन सबके बीच श्रीलंका के पूर्व कप्तान रसेल आर्नोल्ड ने धोनी और युवराज के बीच का अंतर बताया है.

युवराज vs धोनी पर पूर्व श्रीलंकाई कप्तान का बड़ा बयान, कहा- 'जब जरूरत थी तब सिक्सर किंग दबाव नहीं झेल पाए'
SportsTak - Wed, 22 Feb 09:13 PM

टीम इंडिया में युवराज सिंह (Yuvraj Singh) और एमएस धोनी (Ms Dhoni) की दोस्ती सबसे यादगार है. दोनों ने कई साझेदारियां निभाई और भारतीय फैंस को कई ऐसे लम्हें दिए जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता. दोनों ने एक साथ टी20 वर्ल्ड कप (T20 World Cup) 2007 और 2011 वनडे वर्ल्ड कप पर कब्जा किया. धोनी दोनों ही टूर्नामेंट में टीम के कप्तान थे और युवराज सिंह प्लेयर ऑफ द सीरीज. दोनों ही खिलाड़ी बड़े रन बनाने के लिए जाने जाते हैं. लेकिन इन सबके बीच श्रीलंका के पूर्व कप्तान रसेल आर्नोल्ड ने धोनी और युवराज के बीच का अंतर बताया है.

 

युवराज के मुकाबले धोनी दबाव झेलने में थे माहिर


रसेल ने कहा कि, युवराज और धोनी में सबसे बड़ा अंतर यही था कि, धोनी डिफेंसिव क्रिकेट खेला करते थे. और वो ऐसा कंसिस्टेंट तरीके से किया करते थे. बता दें कि रसेल अपने जमाने में फिनिशर का रोल निभाया करते थे. ऐसे में उन्होंने कहा कि, धोनी की ताकत ही उन्हें एक बेहतरीन फिनिशर बनाती है. उन्होंने आगे कहा कि, धोनी दोनों रोल निभा सकते थे और ऐसे बेहद कम क्रिकेटर्स हैं जो ऐसा कर सकते हैं. वो दबाव भी झेल लेते थे और रन भी बना लेते थे.

 

समय के साथ अपना रोल बदलते गए धोनी


बता दें कि धोनी ने अपने करियर की शुरुआत में धांसू बल्लेबाजी से सभी का दिल जीत लिया था. धोनी ने पाकिस्तान के खिलाफ 148 और श्रीलंका के खिलाफ 183 रन बनाए थे. धोनी इसके बाद उस रोल में आए जब टीम को उनकी जरूरत थी. उस दौरान धोनी अपना काम करते थे. पाकिस्तान के खिलाफ टीम का स्कोर 5 विकेट के नुकसान पर 29 रन था और तभी धोनी ने शतक लगाकर टीम के स्कोर को 6 विकेट के नुकसान पर 227 रन तक पहुंचा दिया. इसके बाद आखिरी ओवर में टीम को जीत के लिए 15 रन चाहिए थे और धोनी ने टीम को जीत दिला दी.

 

युवराज दबाव में हो जाते थे फेल


वहीं दूसरी तरफ युवराज सिंह काफी धांसू बल्लेबाज थे. वो भी एंकर का रोल निभाते थे. वहीं वो उस दौरान बल्लेबाजी के लिए जाते थे जब प्लेटफॉर्म सेट होता था. और वो फिर आतिशी पारी खेलना शुरू कर देते थे. रसेल ने कहा कि, मुझे धोनी युवराज से थोड़े बेहतर लगे क्योंकि युवराज दबाव नहीं झेल पाते थे और धोनी इसमें माहिर थे. धोनी तेज भी खेल सकते थे और दबाब भी झेल लेते थे लेकिन युवराज सिर्फ तेज खेल सकते थे और दबाव में फेल हो जाते थे.

 

बता दें कि युवराज सिंह ने भारत के लिए साल 2000 में डेब्यू किया था. वहीं उन्होंने साल 2019 में क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से रिटायरमेंट का ऐलान कर दिया था. दूसरी तरफ धोनी ने साल 2004 में डेब्यू किया था और साल 2020 में उन्होंने क्रिकेट से रिटायरमेंट का ऐलान कर दिया था. धोनी ने अपना आखिरी मैच न्यूजीलैंड के खिलाफ साल 2019 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल खेला था.

 

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