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On This Day : सचिन तेंदुलकर का 'दुश्मन' पैदा हुआ, हाथ धोकर मास्टर ब्लास्टर के पीछे पड़ गया गणित का टीचर

Steve Bucknor: स्‍टीव बकनर इंटरनेशनल फुटबॉल रेफरी और क्रिकेट अंपायर बनने से पहले हाई स्कूल में गणित के टीचर थे. उन्‍हें सचिन तेंदुलकर का 'दुश्मन' माना जाता है. 

साल 2005 में पाकिस्‍तान के खिलाफ ईडन गार्डन टेस्‍ट में अंपायर स्‍टीव बकनर से बात करते सचिन तेंदुलकर (PC: Getty)
authorकिरण सिंह
Fri, 31 May 10:53 AM

स्‍टीव बकनर, क्रिकेट की दुनिया के सबसे अनुभवी अंपायरों में से एक. जिनके नाम 128 टेस्‍ट और 181 वनडे मैचों में अंपायरिंग का अनुभव था. कहते हैं बकनर का जन्‍म ही सचिन तेंदुलकर को आउट देने के लिए हुए था. 31 मई 1946 में जमैका में जन्‍में बकनर इंटरनेशनल फुटबॉल रेफरी और क्रिकेट अंपायर बनने से पहले हाई स्कूल में गणित के टीचर थे. वो वर्ल्‍ड कप क्‍वालिफायर में फीफा के मैच रेफरी थे. बकनर ने 1992, 1996, 1999, 2003 और 2007 क्रिकेट वर्ल्ड कप फाइनल में अंपायरिंग की. जो एक रिकॉर्ड है. वो साल 2005 में 100 टेस्‍ट मैचों में अंपायरिंग करने वाले पहले अंपायर बने थे.

 

बकनर के नाम अंपायरिंग की दुनिया में जितने शानदार रिकॉर्ड दर्ज हैं, उतनी ही गलतियों के भी रिकॉर्ड हैं, जिस वजह से उन्‍हें इतिहास का सबसे खराब अंपायर भी माना जाता है. अंपायरिंग में उनसे इतनी गलतियां हुई कि उन्‍हें समय से पहले ही रिटायरमेंट लेना पड़ा. उनका रिटायरमेंट का साल 2011 में शेड्यूल था, मगर हाई प्रोफाइल गलतियों के कारण उन्‍हें तय समय से दो साल पहले ही अंपायरिंग को अलविदा कहना पड़ा. उन्‍होंने खराब रोशनी के नियमों की गलत व्याख्या की, जिस वजह से बारबाडोस में 2007 के वर्ल्‍ड कप का मजाक बन गया. इसके बाद जनवरी 2008 में सिडनी टेस्ट में भारत की हार में कई विवादास्पद निर्णयों के कारण ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच पर्थ में खेले गए अगले टेस्ट में उन्‍हें रेफरी की भूमिका से ICC ने हटा दिया था.

 

सचिन के खिलाफ बकनर के गलत फैसले 

 

  • बकनर को सचिन तेंदुलकर का दुश्‍मन भी माना जाता है. बात साल 2003 की है. ब्रिस्‍बेन टेस्‍ट में सचिन क्रीज पर थे. उनका खाता भी अभी तक नहीं खुला था. उनके सामने थे जेसन गिलेस्‍पी. 140.7 किमी की रफ्तार से ऑफ स्‍टंप के काफी बाहर गेंद को भारतीय दिग्‍गज ने छोड़ने का फैसला लिया. उन्‍होंने अपने दोनों हाथ ऊपर कर लिए. गेंद उनके पैड पर लगी. गिलेस्‍पी ने अपील की. कमेंटेटर टोनी ग्रेग ने अपने अंदाजे से कहा कि बाउंस बहुत ही ज्‍यादा है. इसके बावजूद बकनर ने उन्‍हें आउट करार दे दिया. ग्रेग ने इसे निराश करने वाला फैसला बताया था. सचिन भी इस फैसले से हैरान थे.

 

  • साल 2005 में पाकिस्‍तान के खिलाफ एक बार फिर सचिन तेंदुलकर और बकनर का आमना-सामना हुआ. स्‍ट्राइक पर सचिन थे  तो अटैक पर रज्‍जाक. गेंद भारत के दिग्‍गज खिलाड़ी के बल्‍ले से काफी दूर थी. रज्‍जाक ने आउट की थोड़ी बहुत अपील की थी, फिर वो भी शांत हो गए, मगर उनके शांत होते ही बकनर ने उंगली ऊपर उठा दी और सचिन को आउट दे दिया. 

 

  • 2008 में भारत के आस्‍ट्रेलिया दौरे पर बकनर ने टीम इंडिया के खिलाफ आठ गल‍त फैसले दिए. बीसीसीआई ने सख्‍त रुख अपनाते हुए आईसीसी से इसकी शिकायत की, जिसके बाद पर्थ में हुए अगले टेस्‍ट से बकनर को हटा दिया गया.

 

बकनर ने अपने रिटायरमेंट के करीब 11 साल बाद स्‍वीकार किया था कि उन्‍होंने दो बार सचिन को गलत आउट दिया था. उन्‍होंने माना कि जेसन गिलेस्पी की गेंद विकेट से काफी ऊपर थी. जबकि 2005 में पाकिस्‍तान के खिलाफ कोलकाता टेस्‍ट में वो विकेट के पीछे आउट हुए थे, मगर रिप्‍ले में साफ दिखा थी कि गेंद बैट को छूकर नहीं निकली थी. 

 

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