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ICC के नए चेयरमैन जय शाह के सामने हैं ये तीन सबसे बड़े चैलेंज, पाकिस्तान का मुद्दा सबसे अहम

आईसीसी का चेयरमैन बनने के बाद जय शाह के सामने तीन बड़े चैलेंज हैं जिसमें पाकिस्तान में चैंपियंस ट्रॉफी, ओलिंपिक में क्रिकेट, टेस्ट क्रिकेट को बचाना और खेल को ग्लोबल लेवल पर पहुंचाना शामिल है.

मीडिया को धन्यवाद करते जय शाह
authorNeeraj Singh
Tue, 27 Aug 10:45 PM

बीसीसीआई सचिव जय शाह मंगलवार को आईसीसी के नए चेयरमैन के लिए निर्विरोध चुने जाने के बाद 1 दिसंबर को अगले आईसीसी अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालेंगे.  इसी के साथ वो इस पद पर बैठने वाले पांचवें भारतीय बन जाएंगे. 35 साल के शाह जो 2019 से बीसीसीआई सचिव हैं वो 62 साल के मौजूदा ग्रेग बार्कले से पदभार संभालेंगे. बार्कले लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए चुनाव लड़ने से मना कर दिया था.

 

शाह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे हैं. ऐसे में वो बीसीसीआई की सालाना आम बैठक में अपना पद छोड़ देंगे, जो अगले महीने के अंत में या अक्टूबर में होने की संभावना है. शाह दिवंगत जगमोहन डालमिया, शरद पवार, एन श्रीनिवासन और शशांक मनोहर के बीच हाई-प्रोफाइल पद संभालने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय बन गए हैं. ऐसे में नए चेयरमैन के सामने कई बड़े चैलेंज भी होंगे. तो चलिए जानते हैं उन तीन बड़े चैलेंज के बारे में.

 

जय शाह के सामने होंगे ये तीन बड़े चैलेंज

 

चैंपियंस ट्रॉफी

 

शाह के सामने सबसे बड़ी चुनौती पाकिस्तान में चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन करना होगा. एशियाई क्रिकेट परिषद के अध्यक्ष के रूप में शाह हाइब्रिड मॉडल के बड़े समर्थक थे. जिसके तहत पाकिस्तान और श्रीलंका ने साल 2023 में एशिया कप वनडे इवेंट की सह-मेजबानी की थी. ऐसे में आईसीसी के अध्यक्ष शाह इस मामले को कैसे संभालते हैं यह देखना होगा. क्योंकि भारत सरकार टीम को पाकिस्तान की यात्रा करने की अनुमति नहीं दे सकती है.

 

ऐसा माना जा रहा है कि एक बार फिर 'हाइब्रिड मॉडल' ही इसका समाधान हो सकता है क्योंकि पाकिस्तान अपने मैच घर पर खेलेगा और भारत के खिलाफ दुबई में खेलेगा.

 

साल 2028 ओलिंपिक गेम्स

 

एक और महत्वपूर्ण चुनौती ओलिंपिक में क्रिकेट को बढ़ावा देना है क्योंकि इसकी शुरुआत 2028 में लॉस एंजेलिस में होगी. जय शाह क्रिकेट को ओलिंपिक खेलों में कैसे पेश करते हैं ये सबकुछ उनकी प्लानिंग पर निर्भर करेगा. इसके अलावा कितनी टीमें खेलेंगी, क्या फॉर्मेट रहेगा और कैसे टूर्नामेंट को जल्द से जल्द खत्म किया जा सकेगा, जय शाह के सामने सबसे बड़ा चैलेंज यही होगा. क्रिकेट को हर कोई जानता है लेकिन कई देशों में ये खेल भी नहीं खेला जाता है. जय शाह ने ओलिंपिक में क्रिकेट को लेकर कहा,"एलए 2028 में ओलिंपिक में हमारे खेल को शामिल करना क्रिकेट के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ का प्रतिनिधित्व करता है, और मुझे विश्वास है कि यह खेल को अभूतपूर्व तरीके से आगे बढ़ाएगा."

 

वर्ल्ड लेवल पर क्रिकेट का प्रमोशन और टेस्ट क्रिकेट


जय शाह ने बीसीसीआई का सचिव रहते हुए महिला क्रिकेट को भारत में बढ़ावा दिया. वहीं उन्होंने डोमेस्टिक क्रिकेट को भी बदला जिससे अब हर खिलाड़ी डोमेस्टिक में भी खेलेगा. वहीं डोमेस्टिक में खिलाड़ियों को प्राइज मनी दी जाएगी ये भी जय शाह ने ही ऐलान किया है. इसके अलावा उनके सामने टेस्ट क्रिकेट को बचाना भी सबसे बड़ा चैलेंज है. टी20 क्रिकेट के चलते लोगों की टेस्ट क्रिकेट में दिलचस्पी कम हो गई है. ऐसे में इस फॉर्मेट में क्या बदलाव करने से ये बच पाएगा शाह को इसपर भी नजर रखनी होगी. वहीं वर्ल्ड लेवल पर क्रिकेट को कैसे प्रमोट किया जा सकता है और बढ़ावा दिया जा सकता है ये भी जय शाह की प्लानिंग का हिस्सा होगा. खिलाड़ियों की कमाई, ट्रैवलिंग, आईसीसी इवेंट्स के दौरान लगातार भाग दौड़ इन सब पर भी जय शाह नजर बनाए रखेंगे. इसके अलावा युवाओं को इस खेल के लिए कैसे आकर्षित किया जा सके जय शाह के एजेंडे में ये भी शामिल है.
 

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