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आतंक- भुखमरी को छोड़ा पीछे, रिफ्यूजी कैंप से की क्रिकेट की शुरुआत, अफगानिस्तान है क्रिकेट का डार्क हॉर्स

अफगानिस्तान क्रिकेट का इतिहास काफी पुराना और संघर्षों भरा है.

आंतक- भुखमरी को छोड़ा पीछे, रिफ्यूजी कैंप से की क्रिकेट की शुरुआत, अफगानिस्तान है क्रिकेट का डार्क हॉर्स
SportsTak - Mon, 10 Oct 01:42 PM

अफगानिस्तान क्रिकेट का इतिहास काफी पुराना और संघर्षों भरा है. इस देश के क्रिकेट की पहले जब भी बात होती थी तो दिमाग में सबसे पहला शब्द कमजोर ही आता था. लेकिन बदलते समय के साथ क्रिकेट बदलता चला गया और अफगानिस्तान भी. वर्तमान में अफगानिस्तान की टीम को बड़ा उलटफेर करने वाली टीम माना जाता है. अफगानिस्तान ने गरीबी और भूखमरी का एक लंबा इतिहास देखा है जहां खुशियां और जश्न मनाने का कारण खोजने का मौका इस देश को बहुत बाद में जाकर क्रिकेट के रूप में मिला. आज यह देश देर से सही लेकिन इस खेल में तरक्की की तरफ बढ़ रहा है. अफगानिस्तान में क्रिकेट का इतिहास 1839 में काबुल में ब्रिटिश सैनिकों द्वारा खेले गए मैच से शुरू होता है.

 

अफगानिस्तान में क्रिकेट की शुरुआत
साल 1932 में भारत ने क्रिकेट की शुरुआत हुई. इसके बीस साल बाद पाकिस्तान को इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने वाले देशों में शामिल किया गया. अब अफगानिस्तान के दोनों पड़ोसी देशों ने क्रिकेट की शुरुआत कर दी थी. साल 1926 में अफगानिस्तान स्वतंत्र देश बना लेकिन आतंक के चंगुल से नहीं बच पाया था. हालांकि 70 के दशक में अफगानी पाकिस्तान की तरफ जाने लगे और वहां जाकर एक बार फिर उनकी मुलाकात क्रिकेट से हुई. साल 1992 में पाकिस्तान विश्व चैंपियन बना और इसने पाकिस्तान के अलावा अफगानिस्तान में भी क्रिकेट को लेकर एक तरह का नया जुनून भर दिया था.

 

ताज मलिक ने दिया अफगानिस्तान क्रिकेट को जन्म
16 साल तक रिफ्यूजी कैंप में रहने वाले ताज मलिक ने अफगानिस्तान क्रिकेट की शुरुआत की थी. उन्होंने टेनिस गेंद क्रिकेट से शुरुआत की थी. उस दौरान रिफ्यूजी पाकिस्तान के मैचों को देखते थे. इसके बाद कैंप में धीरे धीरे ताज ने क्रिकेट की शुरुआत की. यहीं उन्होंने क्रिकेट क्लब को जन्म दिया. इसके बाद वो अफगानिस्तान लौटे और अल्लाह दाद नूरी के साथ मिलकर अफगानिस्तान क्रिकेट फेडरेशन बोर्ड का गठन किया. ये साल 1995 था. नूरी अफगानिस्तान क्रिकेट के अध्यक्ष बन गए और मलिक जनरल सेक्रेटरी.

 

क्रिकेट टीम का गठन
साल 2000 में अफगानिस्तान की पहली क्रिकेट टीम का गठन हुआ जिसे अगले साल अमेरिका के दखल के बाद तालिबान से मुक्ति मिलने के साथ ही आईसीसी की एफिलिएट सदस्यता भी मिल गई थी. आईसीसी की मंजूरी के बाद साल 2003 में अफगानिस्तान को एशियन क्रिकेट काउंसिल ने भी अपने ग्रुप में शामिल कर दिया. अफगानिस्तान में क्रिकेट को लेकर बढ़ रही लोकप्रियता और इस देश के खिलाड़ियों के अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए आईसीसी ने अफगानिस्तान को वनडे स्टेटस देने का फैसला किया.

 

2010 में टी20 की शुरुआत
अफगानिस्तान क्रिकेट आगे बढ़ती रही और फिर एक फरवरी साल 2010 के दिन इस टीम ने टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भी आयरलैंड के खिलाफ खेलते हुए अपना आगाज किया. अप्रैल 2010 में आयरलैंड को विश्व कप क्वालीफायर के फाइनल में आठ विकेट से हराकर अफगानिस्तान ने अपनी जगह टी20 विश्व के लिए ग्रुप सी में बना ली. लेकिन टीम को यहां हार मिली. अफगानिस्तान टीम का अगला मकसद साल 2011 विश्व कप में शामिल होना था जिसके लिए इस टीम ने बेहतरीन प्रदर्शन किया लेकिन कनाडा के हाथों मिली हार ने इस टीम से अपना पहला वनडे विश्व कप खेलने का मौका छीन लिया.

 

एसोसिएट सदस्यों की सूची में शामिल
27 जून साल 2013 वह दिन रहा जब अफगानिस्तान को आईसीसी ने अपने एसोसिएट सदस्यों की सूची में शामिल कर लिया था, यहां आकर अफगानिस्तान क्रिकेट फेडरेशन का नाम बदलकर अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड रख दिया गया था. इसके बाद अफगानिस्तान क्रिकेट में बदलाव का दौर शुरु हो गया. इन सब बदलावों का नतीजा यह रहा कि अफगानिस्तान क्रिकेट टीम ने साल 2015 विश्व कप के लिए क्वालीफाई किया और वहां अफगानिस्तान का पहला मुकाबला बांग्लादेश के खिलाफ खेला गया लेकिन इस मैच में अफगानिस्तान को 105 रनों से हार का सामना करना पड़ा. 25 फरवरी साल 2015 के दिन अफगानिस्तान को वनडे वर्ल्ड कप में पहली जीत मिली और वो भी अफगानिस्तान के खिलाफ.

 

टेस्ट नेशन का दर्जा
इसी साल अफगानिस्तान को टेस्ट प्लेइंग नेशन का नाम भी मिला और जल्द ही भारत के खिलाफ इस टीम ने पहला टेस्ट मैच भी खेला जो यह अफगानिस्तान हार गई थी. लेकिन अब यह देश आईसीसी की सबसे सशक्त लिस्ट का हिस्सा बन गया था. लेकिन 2017 में हुए बम ब्लास्ट के बाद अफगानिस्तान क्रिकेट में सबकुछ बदल गया और तब फिर बीसीसीआई की एंट्री हुई. भारतीय बोर्ड ने भारत में अफगानिस्तान का होम ग्राउंड तैयार करवाया. जिसके बाद अफगानिस्तान क्रिकेट टीम अपने सभी मैचों की मेजबानी भारत में ही करता है. वे अपने मैच नोएडा और देहरादून में आयोजित कराते हैं. साल 2019 में अफगानिस्तान ने स्कॉटलैंड को हराकर अपनी पहली टेस्ट जीत हासिल की.

 

क्रिकेट ने बदला देश
वर्तमान में अफगानिस्तान क्रिकेट में दस स्टेडियम, 500 से ज्यादा क्रिकेट क्लब हैं. वहीं कई खिलाड़ी ऐसे हैं जो दुनिया की अलग अलग लीग्स का हिस्सा हैं. अफगानिस्तान के स्टार खिलाड़ियों की बात करें तो इसमें राशिद खान का नाम सबसे पहले आता है. वहीं मोहम्मद नबी, जादरान और मोहम्मद शहजाद ने भी अपने प्रदर्शन से टीम को अलग पहचान दिलाई है.

 

अफगानिस्तान की टी20 वर्ल्ड कप टीम: मोहम्मद नबी (कप्तान), नजीबुल्लाह जादरान (उप कप्तान), रहमानुल्ला गुरबाज (विकेटकीपर), अजमतुल्लाह ओमरजई, दरवेश रसूली, फरीद अहमद मलिक, फजल हक फारूकी, हजरतुल्लाह जजई, इब्राहिम जादरान, मुजीब उर रहमान, नवीन अहमद हक, कैस , राशिद खान, सलीम सफी, उस्मान गनी

रिजर्व: अफसर जजई, शराफ़ुद्दीन अशरफ़, रहमत शाह, गुलबदीन नायबी

 

अफगानिस्तान का शेड्यूल:

22 अक्टूबर – अफगानिस्तान बनाम इंग्लैंड, पर्थ
26 अक्टूबर - अफगानिस्तान बनाम न्यूजीलैंड, मेलबर्न
28 अक्टूबर - अफगानिस्तान बनाम टीबीए, मेलबर्न
01 नवंबर – अफगानिस्तान बनाम टीबीए, ब्रिस्बेन
04 नवंबर – अफगानिस्तान बनाम ऑस्ट्रेलिया, एडिलेड

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