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T20 World Cup: इंग्लैंड 2 मैच जीतकर भी सुपर-8 में B1 और टॉप करने वाला ऑस्ट्रेलिया B2 कैसे, जानिए क्या था फॉर्मूला

आईसीसी ने टी20 वर्ल्ड कप 2024 में 20 टीमों को पांच-पांच के चार ग्रुप में बांटा था. हरेक ग्रुप से सबसे ऊपर रहने वाली दो-दो टीमों को सुपर-8 में जगह मिली.

ऑस्ट्रेलिया के कप्तान मिचेल मार्श (दाएं) और कोच एंड्रयू मैक्डॉनल्ड.
authorShakti Shekhawat
Sun, 16 Jun 02:49 PM

टी20 वर्ल्ड कप 2024 में सुपर-8 की सात टीमें तय हो चुकी हैं. ऑस्ट्रेलिया के स्कॉटलैंड को हराते ही इंग्लैंड ने भी ग्रुप स्टेज से आगे जगह बना ली. अब ग्रुप डी से केवल एक जगह खाली है जिसके लिए बांग्लादेश और नेदरलैंड्स दावेदार हैं. ऑस्ट्रेलिया ग्रुप बी में चारों मैच जीतकर आगे गया तो इंग्लैंड दो मैच में जीत और बेहतर नेट रन रेट से सुपर-8 में दाखिल हुआ. अगर आप सुपर-8 का शेड्यूल देखकर सोच रहे हैं कि ग्रुप बी में टॉप करने वाला ऑस्ट्रेलिया B2 जबकि दो मैच जीतने वाला इंग्लैंड B1 क्यों है तो इस खबर में जानिए पूरी डिटेल.

 

आईसीसी ने 20 टीमों को पांच-पांच के चार ग्रुप में बांटा था. हरेक ग्रुप से सबसे ऊपर रहने वाली दो-दो टीमों को सुपर-8 में जगह मिली. सुपर-8 में आठ टीमों को चार-चार के दो ग्रुप में बांटा गया है. इसके तहत ग्रुप ए से भारत, अमेरिका, ग्रुप बी से ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, ग्रुप सी से अफगानिस्तान, वेस्ट इंडीज और ग्रुप डी से साउथ अफ्रीका, बांग्लादेश/नेदरलैंड्स सुपर-8 में होंगे. आईसीसी ने इस बार सुपर-8 में जाने वाली टीमों के लिए पहले से ही सीडिंग तय कर दी थी. ऐसे में हर ग्रुप की टॉप-2 टीमों को सीड दे दी गई.

 

टी20 वर्ल्ड कप 2024 में ग्रुपवाइज टीमों की सीडिंग


A1- भारत, A2- पाकिस्तान.
B1- इंग्लैंड, B2- ऑस्ट्रेलिया.
C1- न्यूजीलैंड, C2- वेस्ट इंडीज.
D1- साउथ अफ्रीका, D2- श्रीलंका.

 

ग्रुप ए की पहली सीडिंग को A1 तो दूसरी सीडिंग को A2 माना गया. इसके तहत ग्रुप ए में भारत A1 था तो पाकिस्तान A2. अगर इनमें से कोई टीम सुपर-8 में नहीं जा पाती तो उसकी जगह जो टीम जाती उसे वह सीड मिल जाती. जैसे- पाकिस्तान बाहर हो गया तो अमेरिकी टीम A2 बन गई. इस तरह से न्यूजीलैंड बाहर हुआ तो अफगानिस्तान C1 बन गया. इसी तरह से ऑस्ट्रेलिया ने भले ही ग्रुप बी में चारों मैच जीतकर पहले नंबर पर जगह बनाई लेकिन उसकी सीडिंग B2 तो वह उसी तरह से सुपर-8 में गया.


ऐसे में टीमों के ग्रुप टॉप करने का फायदा नहीं हुआ क्योंकि उनकी सीडिंग पहले से तय थी तो सुपर-8 में जाने पर उनके मुकाबले भी तय थे. हालांकि टीमों को अपने-अपने ग्रुप में टॉप दो टीमों में रहना जरूरी था क्योंकि इससे ही उन्हें सुपर-8 में जगह मिलती.

 

आईसीसी ने पहले से क्यों दी सीडिंग 

 

इस सीडिंग के जरिए आईसीसी को सुपर-8 का शेड्यूल बनाने में आसानी हुई. साथ ही फैंस को भी अपनी टीम के हिसाब से टिकट खरीदने को लेकर सहूलियत मिली. आईसीसी ने जो सीडिंग दी उससे सुपर-8 के ग्रुप का बंटवारा भी पहले से हो गया. इसके तहत ग्रुप एक में A1, B2, C1 और D2 सीड वाली टीमें रहीं तो ग्रुप दो में A2, B1, C2 और D1 में रहीं. 

 

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