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शुभमन गिल:100 रुपये का चैलेंज और चारपाई वाली बॉलिंग, जानिए कैसे पंजाब के गांव से मिला भारतीय क्रिकेट का प्रिंस

शुभमन गिल को बचपन मे उनके पिता प्रैक्टिस कराया करते थे. फिर बेटे के लिए उन्होंने खेती-किसानी छोड़ दी और मोहाली शिफ्ट हो गए. जानिए आगे शुभमन का सफर कैसा रहा.

शुभमन गिल को भारतीय क्रिकेट का प्रिंस कहा जाता है.
authorShakti Shekhawat
Tue, 07 Nov 05:08 PM

भारतीय क्रिकेट के प्रिंस बताए जा रहे शुभमन गिल ने पिछले एक साल में जबरदस्त खेल दिखाया है. वनडे और टी20 फॉर्मेट में तो उन्होंने नए कीर्तिमान बनाते हुए सबका ध्यान खींच लिया. ऐसे में उन्हें सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली का उत्तराधिकारी माना जा रहा है. बतौर ओपनर खेलने वाले गिल भारत की अंडर 19 टीम से खेलते हुए सुर्खियों में आए. फिर आईपीएल में चमके-दमके. यहां से जब भारतीय टीम में दाखिल हुए तो वहां भी सिक्का जमाया और सबसे तेज एक हजार वनडे रन बनाने वाले भारतीय बन गए. अब वर्ल्ड कप 2023 में रोहित शर्मा के साथ ओपनिंग का जिम्मा संभाल रहे हैं. जान लेते हैं पंजाब के फाजिल्का के एक छोटे से गांव से निकलकर कैसे शुभमन गिल इंटरनेशनल स्तर पर पहुंचे.

 

गिल का जन्म फजिल्का जिले के एक गांव चक खेरेवाला में हुआ. उनके पिता लखविंदर सिंह किसानी करते थे लेकिन जब देखा कि बेटा क्रिकेट खेलने का शौक और हुनर दोनों रखता है तो उन्होंने गांव छोड़ दिया. वह बेटे को लेकर मोहाली शिफ्ट हो गए ताकि शुभमन को तैयारी करने के शानदार मौके मिल सके. इससे पहले छुटपन में वे उन्हें रोजाना घर पर ही बॉलिंग कराते. लखविंदर ने एक बार कहा था कि वह रोज 500 से 700 गेंद खिलाया करते थे. वे शुभमन की तैयारी के लिए चारपाई पर गेंद डालकर खिलाते. उनका कहना था कि इससे उसे शॉर्ट पिच गेंदों की तैयारी में मदद मिलती. इसके अलावा वे गांव के बच्चों से भी शुभमन को बॉलिंग के लिए कहते.

 

100 रुपये की शर्त का क्या है किस्सा

 

शुभमन के पिता का एक किस्सा काफी मशहूर है. इसके तहत वह गांव के बच्चों को 100 रुपये की चुनौती देते और कहते कि जो शुभमन को आउट करेगा उसे यह पैसे मिलेंगे. इसके चलते शुभमन की घंटों की प्रैक्टिस होती. गांव से मोहाली शिफ्ट होने के बाद उनका दाखिला सुखविंदर सिंह टिंकू की क्रिकेट एकेडमी में करा दिया. तब शुभमन की उम्र आठ साल थी. तब वह अपने दादा से मिले बल्ले से खेला करते थे. यह बल्ला घर पर ही बनाया गया था. इस बल्ले के बीच में गेंद की साइज का गड्ढ़ा हो रखा था. शुभमन का ट्रायल लेने के बाद उन्होंने अपने साथ जोड़ लिया. इसके बाद इस खिलाड़ी का करियर नई दिखा में आगे बढ़ा.

 

14 साल की उम्र में खेली 351 रन की पारी 

 

14 साल की उम्र में शुभमन ने एक ऐसी पारी खेली जिससे सब तरफ उनकी चर्चा होने लगी. यह इंटर डिस्ट्रिक्ट अंडर-16 मैच था जिसमें मोहाली और अमृतसर की टक्कर थी. शुभमन ने मोहाली की ओर से खेलते हुए 351 रन की पारी खेली और निर्मल सिंह (267) के साथ 587 रन की पार्टनरशिप की. इस मुकाबले के दौरान शतक लगाने के बाद शुभमन ने एक हल्का शॉट खेला लेकिन उनका कैच छूट गया. सुखविंदर ने ब्रेक के दौरान उनसे कहा कि केवल शतक से खुश मत हो. आगे जाओ. फिर शुभमन ने 150, 200 करते हुए 351 रन बना डाले.

 

अंडर-19 से आईपीएल और टीम इंडिया में दाखिला

 

एज लेवल क्रिकेट में लगातार रन बरसाने की वजह से उन्हें 2018 अंडर 19 वर्ल्ड कप की भारतीय टीम में मौका मिला. पृथ्वी शॉ की कप्तानी में भारत ने खिताब जीता और शुभमन टूर्नामेंट में दूसरे सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज बने. उन्होंने पांच पारियों में 124 की औसत से 372 रन बनाए. इसमें सेमीफाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ शतक शामिल रहा. इसी टूर्नामेंट के दौरान शुभमन आईपीएल टीम कोलकाता नाइट राइडर्स का हिस्सा बन गए. यहां उन्होंने अच्छा खेल दिखाया. 2019 में पहली बार भारतीय टीम में मौका मिला. न्यूजीलैंड दौरे पर वनडे डेब्यू किया लेकिन नौ रन बना सके. 2020 में भारतीय टेस्ट और 2023 में टी20 डेब्यू किया. तब से इन दोनों फॉर्मेट में लगातार खेल रहे हैं. 

 

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