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25 की उम्र तक पीठ में 4 स्ट्रेस फ्रेक्चर, घुटने में भी इंजरी, वर्ल्ड कप विजेता भारतीय सालभर तक नहीं खेल पाया, कहा- गिरूंगा, उठूंगा और...

2018 में अंडर 19 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम इंडिया का हिस्सा रहे शिवम मावी ने अब उत्तर प्रदेश टी20 लीग से वापसी की. वे यहां पर काशी रुद्राज टीम का हिस्सा हैं.

शिवम मावी (बाएंं) भारत के लिए टी20 खेल चुके हैं.
authorShakti Shekhawat
Wed, 28 Aug 09:01 AM

भारतीय क्रिकेट टीम पिछले कुछ समय से लगातार खिलाड़ियों के चोटिल होने की समस्या का सामना कर रही है. जसप्रीत बुमराह, रवींद्र जडेजा, प्रसिद्ध कृष्णा, मोहम्मद शमी, श्रेयस अय्यर, हार्दिक पंड्या, सूर्यकुमार यादव, वॉशिंगटन सुंदर और केएल राहुल ऐसे नाम हैं जिन्हें अलग-अलग चोटों का सामना करना पड़ा. इन सबमें एक नाम ऐसा भी है जिसे भारतीय तेज गेंदबाजी का भविष्य माना जा रहा है लेकिन चोट की वजह से उसका करियर आगे नहीं बढ़ पा रहा. यह खिलाड़ी हैं- उत्तर प्रदेश से आने वाले शिवम मावी. भारत के लिए छह टी20 इंटरनेशनल मैच खेल चुके हैं और डेब्यू में चार विकेट लिए थे. लेकिन पिछले 12 महीने उनके लिए काफी बुरे रहे. वे पीठ में चोट की वजह से खेल ही नहीं पाए. न घरेलू क्रिकेट में उतर सके और न ही आईपीएल में दिख सके.

 

2018 में अंडर 19 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम इंडिया का हिस्सा रहे मावी ने अब उत्तर प्रदेश टी20 लीग से वापसी की. वे यहां पर काशी रुद्राज टीम का हिस्सा हैं. इससे पहले वे आखिरी बार अगस्त 2023 में खेले थे. इसके बाद से खेल से दूर हो गए. आईपीएल 2024 से पहले लखनऊ सुपर जायंट्स का हिस्सा बने लेकिन यहां पर प्री सीजन कैंप में चोटिल हो गए. इसके चलते उन्हें टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ा. मावी ने अपनी इंजरी को लेकर दी इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा अब तो उन्होंने अपनी छोटी-मोटी चोटों को गिनना ही छोड़ दिया है. उन्होंने कहा,

 

मेजर वाला चलेगा क्या, माइनर अब काउंट नहीं करता. अभी तक पीठ में चार स्ट्रेस फ्रेक्चर हो चुके हैं और घुटने में एक ग्रेड दो की इंजरी भी मिला लीजिए और मैं अभी केवल 25 साल का हूं.

 

वाजपेयी की इस कविता से लेते हैं मोटिवेशन

 

मावी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविता की एक लाइन सुनाते हुए कहते हैं इतनी सारी चोटों के बाद यही उनकी मोटिवेशन हैं. उन्होंने बताया,

 

मैं हार नहीं मानूंगा. मुझे केवल दौड़ना और बॉलिंग करना आता है. मैं और कुछ नहीं जानता. आप इसे जूनुन या प्यार कह सकते हैं. लेकिन मैं 25 की उम्र में कैसे हार मान लूं. मुझमें भारत के लिए तीनों फॉर्मेट में खेलने की भूख है. यही मेरी सर्वोच्च प्रेरणा है. गिरूंगा, उठूंगा और फिर से गिर के उठूंगा.

 

मावी ने बुमराह-शमी से क्या सीखा

 

मावी ने चोटिल होने के बाद बेंगलुरु में नेशनल क्रिकेट एकेडमी में रहकर रीहैब किया. यहां पर उनकी मुलाकात जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी से हुई. इन दोनों धुरंधरों को करियर खत्म कर देने वाली चोटों का सामना करना पड़ा है. मावी ने इनसे मिले सबके बारे में कहा, 'मेरी जस्सी भाई और शमी भाई से बात हुई. उनका ओपिनियन लिया. उनसे बात करने के बाद मैंने एक बात जानी कि मैं चोटों पर काबू नहीं पा सकता. दोनों ने कहा कि चोट पर नियंत्रण नहीं हो सकता. तेज गेंदबाजी आसान काम नहीं है, हर कोई तेज गेंदबाजी नहीं कर सकता.'

 

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