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शार्दुल ठाकुर रनों का सूखा झेल रहे अजिंक्य रहाणे-श्रेयस अय्यर के बने रक्षक, बोले- अभी उनका समय ठीक नहीं चल रहा

शार्दुल ठाकुर ने अजिंक्य रहाणे और श्रेयस अय्यर के रणजी ट्रॉफी फाइनल में नाकाम रहने के बाद इनके बचाव में बयान दिया. जानिए उन्होंने क्या कहा.

शार्दुल ठाकुर ने रणजी ट्रॉफी फाइनल में अर्धशतक लगाया.
authorShakti Shekhawat
Sun, 10 Mar 09:22 PM

Shardul Thakur Ranji Final: अजिंक्य रहाणे और श्रेयस अय्यर की खराब फॉर्म का सिलसिला रणजी ट्रॉफी फाइनल में भी जारी रहा. दोनों ही बल्लेबाज सात-सात रन बनाकर आउट हो गए. शार्दुल ठाकुर ने दोनों की फॉर्म को लेकर बचाव किया. उन्होंने रहाणे और अय्यर पर भरोसा जताया और कहा कि दोनों का अभी संघर्ष भरा समय चल रहा है और इन्हें सपोर्ट की जरूरत है. विदर्भ के खिलाफ मुकाबले में मुंबई की टीम रणजी फाइनल की पहली पारी में 224 रन पर सिमट गई. उसकी ओर से शार्दुल ने सबसे ज्यादा 75 रन बनाए और टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया.

 

शार्दुल ने पहले दिन का खेल समाप्त होने के बाद मीडिया से बातचीत में श्रेयस अय्यर और रहाणे की फॉर्म पर बात की. उन्होंने माना कि दोनों अच्छी फॉर्म में नहीं है. लेकिन ये अपने खेल से टीम को कई मैच जिता चुके हैं. शार्दुल ने कहा,

 

अजिंक्य के पूरे सीजन में रन नहीं बने. वह अच्छी फॉर्म में नहीं है. हम उसे दोष नहीं दे सकते क्योंकि यह एक दौर है जहां उसके रन नहीं आ रहे. यह उसका मुश्किल समय है. श्रेयस और अजिंक्य के लिए मैं यही कहूंगा. मुंबई और भारत के लिए दोनों मैच विजेता रहे हैं. अभी उनका समय सही नहीं है. यह समय है कि आलोचना करने की जगह उनका सपोर्ट किया जाए क्योंकि कमियां निकालना आसान है.

 

शार्दुल बोले- रहाणे-अय्यर फील्डिंग में कर रहे कमाल

 

रहाणे ने रणजी ट्रॉफी में आठ मैचों में 12.81 की औसत से केवल 141 रन बनाए हैं. उनके नाम केवल एक फिफ्टी रही. श्रेयस लगातार मुंबई के लिए नहीं खेले. लेकिन तीन मैच में वे केवल 58 रन बना पाए हैं. शार्दुल ने कहा कि रहाणे और श्रेयस दोनों ने मैदान पर फील्डिंग में कमाल का जज्बा दिखाया है और इससे नौजवान खिलाड़ियों को सीखना चाहिए. उन्होंने कहा,

 

अजिंक्य के रन नहीं आए लेकिन फील्डिंग में उसका रवैया अव्वल दर्जे का है. मुंबई में अंडर-23 और अंडर-19 से आने वाले बहुत से क्रिकेटर्स के पास वैसा एटीट्यूड नहीं है. आप उसे स्लिप में देखिए, यहां तक कि 80 ओवर फील्डिंग के बाद भी वह चार रन बचाने के लिए दौड़ता है. श्रेयस टाइगर की तरह मैदान में घूमता है. वह मैदान में सब कुछ झोंक देता है. दोनों रोल मॉडल है.

 

शार्दुल ने मुंबई के बल्लेबाजों को लेकर कहा कि उन्हें टीम को आगे रखते हुए खेलने की जरूरत है. उन्हें जल्दी से सीखना होगा कि मुंबई ड्रेसिंग रूम में अपने बारे में नहीं है. जब आप खेलते हैं तो टीम के लिए खेलते हैं. आपको अपना खेल अलग रखना होता है. 

 

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