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शाकिब अल हसन बैटिंग में टोना-टोटका और ताबीज नहीं इस चीज की डोरी चबा रहे थे, बांग्लादेश की हार के बाद खुला राज

चेन्नई टेस्ट के दौरान शाकिब अल हसन बैटिंग के दौरान मुंह में एक काले रंग की डोरी को रखे हुए. उनकी इस तरह की कई तस्वीरें सामने आई थी जिनके बाद अटकलें लगाई जा रही थीं.

शाकिब अल हसन
authorShakti Shekhawat
Mon, 23 Sep 05:35 PM

भारत और बांग्लादेश के बीच चेन्नई टेस्ट के दौरान शाकिब अल हसन बैटिंग के दौरान मुंह में एक काले रंग की डोरी को रखे हुए. उनकी इस तरह की कई तस्वीरें सामने आई थी. अटकलें लगाई गईं कि वे फॉर्म में आने के लिए किसी टोने-टोटके के तहत ऐसा कर रहे हैं. कुछ लोगों को लगा कि वे किसी ताबीज की डोरी को मुंह में रखे हुए थे. लेकिन सच्चाई इन सब अटकलों से अलग रही. पिछले साल से शाकिब आंख की एक दिक्कत से परेशान हैं. इस वजह से बल्लेबाजी के दौरान उनका सिर स्थिर नहीं रह पाता. इसे सही रखने के लिए वे गले के इर्द-गिर्द काले रंग की स्ट्रेप लगाकर खेलते हैं. उसी की डोरी को वे मुंह से पकड़ लेते हैं. 

 

शाकिब के मेंटॉर मोहम्मद सलाहुद्दीन और बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड के मुख्य फिजिशियन डॉक्टर देबाशीष चौधरी ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि शकिब ने गेंद का सामना करने के दौरान सिर को आगे की तरफ गिरने से बचाने के लिए यह तरीका ईजाद किया है. इससे पहले उन्होंने सिर को सीधा रखने के लिए नेक ब्रेस पहनी थी.

 

शाकिब आंखों की समस्या का कर रहे हैं सामना

 

शाकिब को देखने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था. इसके बाद उन्होंने चेन्नई, लंदन, ढाका और सिंगापुर में आंखों के डॉक्टर्स से परामर्श किया. तब पता चला कि शाकिब सेंट्रल सेरस कोरियोरेटिनोपैथी से जूझ रहे हैं. इसमें रेटिना के नीचे फ्लूड जमा हो जाता है और इससे साफ दिखाई नहीं देता. ऐसे में शाकिब ने बैटिंग के दौरान गेंद को सही तरह से देखने के लिए कई कदम उठाए हैं.

 

ESPNcricinfo से चौधरी ने शाकिब की कंडीशन को लेकर बताया, 'उसने ही इस स्ट्रेप का इस्तेमाल शुरू किया. यह पूरी तरह से उसका विचार है. हमने उसे ऐसा नहीं कहा. वह बैटिंग के दौरान सिर को स्थिर रखने के लिए काम कर रहा था. उसने पहले नेक ब्रेस से कोशिश की. इसलिए स्ट्रेप को लगाना एक तरह से ट्रायल है. उसने पहले नेट्स में इसे आजमाया.'

 

शाकिब ने टेस्ट से पहले आंखों के डॉक्टर से की थी बात

 

ESPNcricinfo का कहना है कि शाकिब ने पिछले सप्ताह चेन्नई में आंखों के डॉक्टर से बात की थी. तब उन्हें बताया गया कि उनकी कंडीशन में सुधार हो रहा है. सलाहुद्दीन ने शाकिब के स्ट्रेप लगाने पर कहा, 'मुझे लगता है कि यह उसके लिए सही है. मैंने उससे ऐसा करने को नहीं कहा. यह उसी का विचार है. उसने मुझे फोन पर इस बारे में बताया था. वह उसे गर्दन पर लपेटता है और फिर मुंह से पकड़ लेता है. इससे उसकी गर्दन और सिर स्थिर रहते हैं. जब सिर और गर्दन हिलता है तो आंखें भी घूमती है जो बल्लेबाज के लिए सही नहीं है.'

 

शाकिब को हालांकि भारत के खिलाफ पहले टेस्ट में स्ट्रेप से बैटिंग में ज्यादा फायदा नहीं हुआ. वे दोनों पारियों में बड़े रन बनाने में नाका रहे. बॉलिंग में भी उनकी काफी पिटाई हुई. 

 

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