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रवींद्र जडेजा के परिवार से बिगड़े रिश्ते! कई साल से बातचीत बंद, पिता बोले- क्रिकेटर न बनाता तो सही रहता

Ravindra Jadeja father Anirudhsinh: रवींद्र जडेजा के पिता अनिरुद्ध का दावा है कि बेटे की शादी के कुछ महीने बाद ही प्रॉपर्टी को लेकर घर में विवाद शुरू हो गया था.

पत्‍नी रीवाबा के साथ रवींद्र जडेजा
authorकिरण सिंह
Fri, 09 Feb 12:18 PM

Ravindra Jadeja father Anirudhsinh: रवींद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) हैमस्ट्रिंग की चोट के कारण इंग्‍लैंड के खिलाफ दूसरा टेस्‍ट मैच नहीं खेल पाए थे. वो एनसीए में रिहैब पर हैं और जल्‍द से जल्‍द मैदान पर वापसी करने की कोशिश कर रहे हैं. इसी बीच जडेजा पर उनके पिता ने गंभीर आरोप लगाकर सनसनी मचा दी है. जडेजा ने पिता अनिरुद्ध सिंह का कहना है कि उनका बेटे और बहु रीवाबा (Rivaba Jadeja) से कोई लेना देना नहीं है. 


दैनिक भास्‍कर के अनुसार जडेजा की शादी के दो- तीन महीने बाद ही घर में विवाद होने लगा था. रिपोर्ट के अनुसार अनिरुद्ध अपने बेटे से अलग जामनगर में अकेले रहते हैं. अनिरुद्ध ने आगे कहा कि अगर उनके बेटे की शादी न होती तो ज्‍यादा अच्‍छा होता. अगर वो क्रिकेटर नहीं बनते तो ज्‍यादा अच्‍छा होता. वो लोग इस हाल में नहीं होते. उन्‍होंने कहा कि बेटे की शादी के तीन महीने बाद ही रीवाबा ने प्रॉपर्टी को लेकर परिवार को परेशान करना शुरू कर दिया था. वो अकेले रहना चाहती थीं.  रवींद्र की बहन नयनाबा से भी उनके रिश्‍ते खराब हैं.

 

जडेजा की सास का दखल

अनिरुद्ध का दावा है कि उन्‍होंने पिछले पांच  साल से अपनी पोती का चेहरा तक नहीं देखा. रवींद्र जडेजा और रीवाबा साल 2016 में शादी के बंधन में बंधे थे.  दोनों साल 2017 में एक बेटी के माता - पिता बने थे. अनिरुद्ध का कहना है कि उनके परिवार में रीबावा के मां यानी रवींद्र जडेजा की सास का काफी दखल है. उनका कहना है कि उनका एक होटल है, जिसे उनकी बेटी नयनाबा संभालती हैं. शादी के महीनेभर बाद ही रीवाबा होटल पर मालिकाना हक मांगने लगी.  जिसके बाद रवींद्र ने अपनी बहन यानी नयनाबा को फोन करके होटल रीवाबा के नाम करने के लिए कहा.  नयनाबा होटल देने के लिए भी तैयार हो गई थीं.


दो कमरों के फ्लैट में रहते हैं जडेजा के पिता

भारतीय स्‍टार ऑलराउंडर के पिता दो कमरों के फ्लैट में रहते हैं और पत्‍नी की 20 हजार की पेंशन से उनका खर्च चलता है. उनके फ्लैट में आज भी बेटे के लिए एक अलग कमरा है. पहले जडेजा उसी कमरे में रहते थे. उस कमरे में उनकी शील्‍ड और जर्सी सजाकर रखी गई है. आज भी उनके मैच पर पिता की नजरें टिकी रहती हैं. साल 2009 में इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्‍यू करने वाले जडेजा का बचपन काफी मुश्किलों में बीता था. 

 

बहन ने मां की तरह जडेजा को संभाला

रवींद्र जडेजा जब 17 साल के थे तो एक हादसे में उनकी मां की मौत हो गई थी. उस वक्‍त उनके पिता के पास नौकरी तक नहीं थी और उन पर तीन बच्‍चों की जिम्‍मेदारी थी. भारत के लिए 69 टेस्‍ट, 197 वनडे और 66 टी20 मैच खेलने वाले जडेजा के पिता चाहते थे कि वो आर्मी जॉइन करें, मगर उन्‍होंने मां के सपने को पूरा करने के लिए क्रिकेटर बनने का फैसला लिया. जडेजा को उस मुकाम तक पहुंचाने में उनकी बहन नयनाबा को बहुत बड़ा हाथ रहा. मां के निधन के बाद जडेजा को उनकी बड़ी बहन ने ही संभाला.


सियासी मैदान पर आमने सामने हुई थी ननद भाभी 

गुजरात चुनाव 2022 में बीजेपी ने रीवाबा को जामनगर से टिकट दिया था, जहां जडेजा की पत्‍नी ने जीत दर्ज की थी. जडेजा की बहन और कांग्रेस नेता नयनाबा ने विरोध भी किया था. इसके बाद नयनाबा ने उसी सीट के लिए रीवाबा के विरोधी कांग्रेस उम्‍मीदवार दीपेन्‍द्र सिंह‍ का प्रचार किया था. 

 

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