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बड़ी खबर: इंजीनियरिंग डिग्री वाले भारतीय गेंदबाज ने टीम छोड़ने का किया फैसला, रणजी फाइनल में ली थी हैट्रिक, कहा- मेरा इस्तेमाल...

विदर्भ के लिए खेलने वाले रजनीश गुरबानी ने 34 फर्स्ट क्लास मैचों में 111 विकेट लिए हैं तो 29 लिस्ट ए मैचों में इतने ही शिकार किए. उनकी पहचान स्विंग गेंदबाज के तौर पर रही है.

रजनीश गुरबानी (बीच में) नवदीप सैनी के साथ.
authorShakti Shekhawat
Thu, 27 Jun 10:03 PM

भारतीय घरेलू क्रिकेट के आगामी सीजन से पहले तेज गेंदबाज रजनीश गुरबानी ने टीम में बदलाव किया है. वे अब विदर्भ की ओर से घरेलू क्रिकेट नहीं खेलेंगे. उन्होंने नई टीम के साथ खेलने का फैसला किया है लेकिन अभी बताया नहीं कि नया ठिकाना कौनसा होगा. रजनीश 2017-18 में रणजी ट्रॉफी जिताने वाली विदर्भ टीम का हिस्सा रहे. तब वे टीम की ओर से सर्वाधिक विकेट लेने वाले बॉलर रहे थे. 31 साल के रजनीश ने इंजीनियरिंग की डिग्री ली है और रणजी फाइनल में हैट्रिक लेने का कमाल भी किया है.

 

रजनीश ने सोशल मीडिया के जरिए विदर्भ क्रिकेट से अलग होने की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि उनमें अभी काफी क्रिकेट बाकी है और रजनीश ने इंस्टाग्राम पर लिखा,

 

मैं अत्यंत कृतज्ञता के साथ लिख रहा हूं कि विदर्भ ने मुझे क्रिकेटर के तौर पर नौ साल तक खेलने का मौका दिया. दो बार उनके साथ रणजी ट्रॉफी और ईरानी ट्रॉफी खिताब जीते और इस शानदार टीम का सदस्य रहा. हालांकि आज पूर्ण नम्रता और भारी दिल के साथ मैंने अपनी ग्रोथ और बाकी के अवसरों के लिए विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन से अलग होने का फैसला किया है. मुझे लगता है कि मुझमें काफी क्रिकेट बचा है और देश की दूसरी टीमें मुझे बेहतर तरीके से इस्तेमाल कर सकती हैं.

 

रजनीश गुरबानी का करियर कैसा रहा

 

रजनीश ने 34 फर्स्ट क्लास मैचों में 111 विकेट लिए हैं तो 29 लिस्ट ए मैचों में इतने ही शिकार किए. उनकी पहचान स्विंग गेंदबाज के तौर पर रही है. दाएं हाथ के बल्लेबाजों के लिए बाहर निकलती गेंद से उन्हें काफी कामयाबी मिली. सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री रखने वाले इस खिलाड़ी ने 2016-17 के सीजन से विदर्भ के लिए सीनियर लेवल पर खेलना शुरू किया था. इससे पहले वे अंडर-19 और अंडर-23 लेवल पर खेले थे. रणजी ट्रॉफी में डेब्यू के बाद सौराष्ट्र और दिल्ली दोनों के खिलाफ उन्होंने चार-चार विकेट लिए थे.

 

 

2017-18 में विदर्भ के चैंपियन बनने में रजनीश का अहम योगदान रहा. उन्होंने तब पांच बार एक पारी में पांच विकेट लेने का कमाल किया था. इसके तहत सेमीफाइनल में कर्नाटक के खिलाफ दोनों पारियों में फाइव विकेट हॉल लिया. 68 रन देकर सात विकेट उनका बेस्ट प्रदर्शन रहा और यह उसी मैच में था. दिल्ली के खिलाफ फाइनल में उन्होंने हैट्रिक ली थी.
 

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