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टीम इंडिया के बल्लेबाज क्यों नहीं करते बॉलिंग? राहुल द्रविड़ का जवाब कर सकता है हैरान!

पहले सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, युवराज सिंह जैसे स्टार बॉलिंग करते थे. अभी भारतीय क्रिकेट टीम का कोई बल्लेबाज बॉलिंग नहीं करता है. राहुल द्रविड़ ने इसकी वजह बताई.

टीम इंडिया के बल्लेबाज क्यों नहीं करते बॉलिंग? राहुल द्रविड़ का जवाब कर सकता है हैरान!
authorPTI Bhasha
Thu, 21 Sep 10:45 PM

भारतीय क्रिकेट टीम का ‘थिंक टैंक’ हाल के सालों में ज्यादा ऑलराउंडर्स को खिलाने पर जोर दे रहा है. इसकी बड़ी वजह टॉप ऑर्डर के बल्लेबाजों की मौजूदा पीढ़ी का गेंदबाजी नहीं करना है. बीते समय में भारत के सीनियर क्रिकेटर ऐसा किया करते थे. भारतीय टीम की अक्षर पटेल या वाशिंगटन सुंदर को मैदान पर उतारने की बेताबी दो चीजों पर आधारित है कि बल्लेबाज इतनी गेंदबाजी नहीं कर रहे हैं और पुछल्ले बल्लेबाज बल्ले से अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं. तो क्या बदलाव हुआ है? टीम इंडिया के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने इस सवाल का जवाब दिया है.

 

द्रविड़ ने अपनी टीम में विशेषकर विराट कोहली, रोहित शर्मा, श्रेयस अय्यर और सूर्यकुमार यादव (जो गेंदबाजी नहीं करते) के बचाव में कहा, ‘मुझे लगता है कि ऐसा नियम बदलने की वजह से हो सकता है. अचानक से ही आप सर्कल के अंदर चार क्षेत्ररक्षकों से पांच क्षेत्ररक्षकों को रखने लगे. मुझे लगता है कि इससे कामचलाऊ गेंदबाज की मध्य के चरण में गेंदबाजी करने की काबिलियत में तेजी से बदलाव हुआ है.’

 

सूर्या और धवन की बॉलिंग पर लगी थी रोक

 

सूर्यकुमार को कुछ साल पहले मुंबई इंडियंस के मैच के दौरान संदिग्ध गेंदबाजी एक्शन के लिए बुलाया गया था जिसके बाद से उन्होंने कभी गेंदबाजी नहीं की. सूर्यकुमार से पहले शिखर धवन कभी कभार ऑफ स्पिन किया करते थे लेकिन घरेलू क्रिकेट में उन्हें संदिग्ध एक्शन के लिए बुलाया गया और इसके बाद उन्होंने गेंदबाजी बिलकुल बंद ही कर दी.

 

सचिन, गांगुली, युवी ने बॉलिंग में भी कर रखा है कमाल

 

वहीं अगर बीते समय की बात की जाये तो सचिन तेंदुलकर इनस्विंगर, आउटस्विंगर, लेग ब्रेक, ऑफ ब्रेक किया करते थे जिससे उन्होंने 154 वनडे विकेट झटके. सौरव गांगुली ने भी 100 विकेट झटके हैं जबकि युवराज सिंह की गेंदबाजी ने भारत को 2011 विश्व कप जिताने में अहम भूमिका अदा की जिन्होंने 111 विकेट हासिल किये. ये सभी विशेषज्ञ बल्लेबाज शीर्ष पांच बल्लेबाजी क्रम में शामिल थे. वीरेंद्र सहवाग ने 96 विकेट झटके और सुरेश रैना ने 36 विकेट हासिल किए.

 

द्रविड़ ने क्या कहा

 

द्रविड़ ने कहा, ‘अगर आप याद करो और इन नामों (सचिन, सौरव, सहवाग, युवराज, रैना) की गेंदबाजी का जिक्र इस चरण में करो तो इनमें से ज्यादातर खिलाड़ियों ने तब गेंदबाजी शुरू की जब सर्कल में केवल चार क्षेत्ररक्षक हुआ करते थे. इस परिस्थिति (सर्कल के अंदर पांच क्षेत्ररक्षक) में आप कामचलाऊ गेंदबाज गंवा सकते हो और ऐसा हमारे साथ ही नहीं हुआ बल्कि काफी टीमों ने ऐसा किया. अगर आप ध्यान दो तो अन्य टीमों में भी कामचलाऊ गेंदबाजों की संख्या में कमी आयी है. ऐसा सिर्फ भारतीय टीम के लिए नहीं है.’

 

द्रविड़ ने माना कि कोच और कप्तानों की रक्षात्मक सोच की वजह से पार्ट टाइम बॉलिंग कम हुई है. उन्होंने कहा, 'ज्यादा से ज्यादा कप्तान और कोच नियमों को जानते हैं और इसलिए वे एक स्पेशलिस्ट बॉलर को ही हमेशा लेना चाहते हैं क्योंकि दो नई गेंद होती है और घेरे में पांच फील्डर रहते हैं.' 

 

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