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R Ashwin ने विदेशों में टेस्ट नहीं खिलाए जाने पर तोड़ी चुप्पी, बोले- निराशा होती है जब अच्छा करने पर भी नहीं खिलाते

R Ashwin press Conference: आर अश्विन धर्मशाला में 100वां टेस्ट खेलेंगे. उन्होंने अपने पसंदीदा टेस्ट बॉलिंग स्पैल बताए तो विदेश में नहीं खेल पाने पर भी बोले.

आर अश्विन और रवींद्र जडेजा भारत की सफलतम टेस्ट बॉलिंग जोड़ियों में से है.
authorShakti Shekhawat
Tue, 05 Mar 04:46 PM

R Ashwin 100th Test: आर अश्विन ने धर्मशाला में अपना 100वां टेस्ट खेलने से पहले विदेशी दौरों पर टीम इंडिया से बाहर रहने पर चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने बताया कि बाहर बिठाए जाने पर कैसा लगता है. भारतीय टीम जब ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और साउथ अफ्रीका जैसे देशों का दौरा करती है तब एक ही स्पिनर को प्लेइंग इलेवन में मौका मिल पाता है. अधिकांश मौकों पर अश्विन की तुलना में रवींद्र जडेजा को शामिल किया जाता है. अश्विन भी इस बात को जानते हैं. उन्होंने भारत और इंग्लैंड के बीच पांचवें टेस्ट से पहले इस बारे में विस्तार से बात की.

 

आर अश्विन का मानना है कि जडेजा को बेहतर बल्लेबाजी के चलते विदेशी दौरों पर तवज्जो मिलती है. वे इस बात को समझ चुके हैं. उन्होंने कहा,

 

जब आप अच्छा कर रहे हो तब देश के लिए नहीं खेल पाने की निराशा होती है. लेकिन आपको इस बात को समझना होता है क्योंकि यह टीम के हित के लिए होता है. मुझे नहीं लगता कि कोई कप्तान या खिलाड़ी ऐसे खिलाड़ी को बाहर करना चाहता है जो काम आ सकता है. दुनिया में भारत जैसी टीमें बहुत कम है. रवींद्र जडेजा बहुत अच्छी बैटिंग करते हैं और अगर आप उनकी औसत देखेंगे तो पता चलेगा कि उसने कहां पर मुझसे ज्यादा रन बनाए हैं. इंग्लैंड और साउथ अफ्रीका में जिस तरह की पिचेज होती है वहां पर बॉलिंग ज्यादा बड़ा फैक्टर नहीं होता है.

 

अश्विन ने बताए पसंदीदा बॉलिंग स्पैल

 

अश्विन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस 2018 के इंग्लैंड दौरे पर बर्मिंघम में अपनी बॉलिंग को सबसे अच्छा स्पैल बताया. इस मैच में उन्होंने सात विकेट लिए थे जिनमें एलिस्टर कुक और जो रूट के विकेट शामिल थे. लेकिन टीम इंडिया 31 रन से हार गई थी. अश्विन ने इस बारे में कहा,

 

हमेशा टेस्ट जीतना सबसे ऊपर होता है. काफी सोचने के बाद मेरे सबसे अच्छे स्पैल में 2018 बर्मिंघम टेस्ट का नाम आता है. मैंने दोनों पारियों में बॉलिंग की थी. मैंने तीसरे दिन सुबह बॉल डाली और तीन विकेट लिए. मैच में मुझे सात विकेट मिले और सोचा कि मैंने भारत को लगभग जीत दिला दी लेकिन ऐसा नहीं हो सका. इसके बाद बेंगलुरु टेस्ट आता है जहां दूसरे दिन सुबह एक स्पैल डाला लेकिन ज्यादा कामयाबी नहीं मिली. इसी तरह 2018-19 में सेंचुरियन टेस्ट का नाम आता है जहां मैंने चार विकेट लिए. 

 

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