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ज्यादा घास, बड़ी बाउंड्री... World Cup 2023 के लिए ICC ने निकाला ओस का तोड़, टॉस जीतने वाली टीम को नहीं होगा फायदा

वनडे वर्ल्ड कप 2023 में सबसे बड़ी दिक्कत ओस की हो सकती है. इसलिए आईसीसी ने भारतीय पिच क्यूरेटर्स को मैदान को लेकर नए निर्देश जारी किए हैं जिससे बड़ी बाउंड्री और ज्यादा घास की बात कही गई है.

ज्यादा घास, बड़ी बाउंड्री... World Cup 2023 के लिए ICC ने निकाला ओस का तोड़, टॉस जीतने वाली टीम को नहीं होगा फायदा
authorSportsTak
Wed, 20 Sep 10:44 AM

वनडे वर्ल्ड कप 2023 (ODI WC 2023) की शुरुआत 5 अक्टूबर से होनी है. पूरा टूर्नामेंट 19 नवंबर तक चलेगा जिसका आयोजन भारत के 10 स्टेडियमों में किया जाएगा. इस दौरान उत्तर भारत में हल्की हल्की ठंड रहेगी और ओस भी गिरेगी. ऐसे में डे नाइट मैचों में खिलाड़ियों को दिक्कत भी हो सकती है. इसी को देखते हुए आईसीसी (ICC) ने भारतीय पिच क्यूरेटर्स के लिए नया फरमान जारी किया है जिससे मैच पर टॉस का ज्यादा इम्पैक्ट न हो और दोनों ही टीमों के बीच बराबरी का मैच हो. अक्टूबर- नवंबर के महीने में ज्यादातर स्टेडियमों में भारी ओस गिरने का अनुमान है.

 

पेसर्स की मदद के लिए रखी जाएगी ज्यादा घास


यूएई में खेले गए टी20 वर्ल्ड कप 2021 में भी ओस ने काफी ज्यादा तंग किया था. भारतीय कंडीशन में स्पिनर्स को काफी ज्यादा मदद मिलती है. लेकिन आईसीसी ने क्यूरेटर्स से कहा है कि, सीमर्स को फायदा मिले इसलिए पिच पर ज्यादा से ज्यादा घास रखें. इसका मतलब ये हुआ कि कोई भी टीम प्लेइंग 11 फिर ज्यादा सीमर्स खिलाने पर फोकस करेगी.

 

टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, नॉर्थ, वेस्ट और ईस्ट के राज्यों में इस दौरान भारी ओस देखने को मिल सकती है. वहीं चेन्नई और बैंगलोर के मैचों पर हल्की हल्की बारिश का अनुमान है. इसलिए आईसीसी ये चाहती है कि टॉस से मैच पर ज्यादा फर्क न पड़े. यानी की ऐसा न हो कि जो टीम टॉस जीते वो मैच भी जीत जाए.

 

गेंदबाजी के लिए की जाएगी बड़ी बाउंड्री


वहीं बल्ले और गेंद के बीच बैलेंस हो इसके लिए आईसीसी ने हर मैदान की बाउंड्री को बड़ी करने का आदेश दिया है. सभी स्टेडियमों को कह दिया गया है कि, बाउंड्री का साइज 70 मीटर होना चाहिए. इंटनरेशनल मैचों में बाउंड्री का न्यूनतम साइज 65 मीटर होता है जबकि अधिकतम साइज 85 मीटर का होता है. पुराने स्टेडियमों में बाउंड्री साइज 70-75 मीटर के बीच होता है. लेकिन अब बाउंड्री की साइज को 70 मीटर से ज्यादा करना होगा.

 

भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने भी पिच क्यूरेटर्स को निर्देश दिए हैं कि वो मैदान पर ओस को कम करने के लिए सुखाने वाले तत्व का इस्तेमाल करें. और ये वही होना चाहिए जो आईसीसी ने कहा है. बता दें कि भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ स्पिनिंग पिच पर खेलना पसंद करेगी. चेन्नई में भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 8 अक्टूबर को खेलना है और यहां ओस की ज्यादा दिक्कत नहीं होगी. लेकिन लखनऊ में 29 अक्टूबर को होने वाले मुकाबले में ओस तंग कर सकती है.

 

वहीं चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर पहले कह चुके हैं कि, ओस की दिक्कत रहेगी, इसलिए हम टीम में बैलेंस रखेंगे, यानी की स्पिनर्स और सीमर्स का परफेक्ट कॉम्बिनेशन देखने को मिलेगा. 
 

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