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महेंद्र सिंह धोनी: कैप्‍टन कूल और 7 नंबर की जुगलबंदी, वो रिश्ता जिसने भारत को बनाया वर्ल्ड चैंपियन

महेंद्र सिंह धोनी भारत ही नहीं दुनिया के सबसे कामयाब कप्तानों में से एक. जो भी टूर्नामेंट खेला उसमें टीम इंडिया को चैंपियन बनाया.

महेंद्र सिंह धोनी: कैप्‍टन कूल और 7 नंबर की जुगलबंदी, 2011 वर्ल्‍ड कप की ये कहानी भी है बेहद मशहूर
SportsTak - Sun, 30 Oct 05:04 PM

महेंद्र सिंह धोनी भारत ही नहीं दुनिया के सबसे कामयाब कप्तानों में से एक. जो भी टूर्नामेंट खेला उसमें टीम इंडिया को चैंपियन बनाया. तीन बार भारत को आईसीसी ट्रॉफी जिताई. चार बार आईपीएल जीता. साथ ही भारत को एशिया कप दिलाया, ऑस्ट्रेलिया में सीबी सीरीज जीती. टेस्ट में भारत को नंबर वन रैंकिंग तक लेकर गए. धोनी के लिए कहा जाता है कि उन्हें किस्मत का काफी सहारा मिला है. उनके लिए नंबर 7 को लकी माना जाता है. कहते हैं कि जब जब भी सात का साथ धोनी को मिला है तो उन्होंने कमाल किया है. तो क्या है धोनी का ये नंबर सात कनेक्शन जिसकी इतनी बात होती है. आइए जानते हैं.

 

धोनी नंबर सात की जर्सी पहनकर क्रिकेट खेले हैं. फिर चाहे वो टीम इंडिया हो या चेन्नई सुपर किंग्स. उनकी जर्सी का नंबर सात ही रहा है. इसके बाद से ही उनका इस नंबर से कनेक्शन जुड़ गया. धोनी खुद कहते रहे हैं कि जिस समय वे टीम इंडिया में आए तब सात नंबर किसी के पास नहीं था. ऐसे में उन्हें यह नंबर मिल गया. उन्होंने कुछ सोचा नहीं था. लेकिन कहानी इतनी सी नहीं है. टीम इंडिया के पूर्व कप्तान का जन्म सात जुलाई को हुआ है. सात तारीख के साथ ही साल का सातवां महीना. ऐसे में धोनी का सात से नाता अपने आप ही जुड़ गया.

 

धोनी क्या कहते हैं

धोनी ने इस बारे में कहा था, 'बहुत से लोगों को लगता है कि सात मेरा लकी नंबर है. मैंने जर्सी चुनते हुए कहा कि मैं अपनी जन्मतिथि को चुनूंगा. मैं इसको लेकर अंधविश्वासी नहीं हूं लेकिन यह मेरे दिल के करीब है.' धोनी के नंबर सात कनेक्शन से जुड़ी एक और बात है. उनकी शादी साल के सातवें महीने यानी जुलाई में ही हुई है. इसकी तारीख 4 जुलाई है और इसके तीन दिन बाद उनका बर्थडे. इन्हें जोड़ने पर भी सात ही आता है.

 

धोनी और नंबर सात की एक कहानी और है. उन्होंने करियर के शुरुआती दिनों में मैक्स मोबाइल से एंडॉर्समेंट डील की थी. इसे साइन करने के लिए उन्होंने सात दिसंबर का दिन चुना. साथ ही धोनी ने इस डील को साइन करने के लिए सुबह सात बजे का समय चुना. अभी कहानी खत्म नहीं हुई है. यह डील सात साल के लिए साइन की गई थी. यह अपने आप में बड़ी बात थी क्योंकि इतने लंबे समय के लिए डील बहुत कम ही होती हैं. 

 

करियर और कप्तानी के सातवें साल में धमाल

धोनी ने अपने करियर के सातवें साल में ही भारत को 2011 का वर्ल्ड कप जिताया था. उन्होंने दिसंबर 2004 में डेब्यू किया था. साथ ही कप्तान के रूप में पहले सात साल में उन्होंने तीन आईसीसी ट्रॉफी जीत ली थी. वे 2007 में कप्तान बने थे और उसी साल टी20 वर्ल्ड कप जीता. फिर 2011 में वनडे वर्ल्ड कप और 2013 जो कप्तान के रूप में उनका सातवां साल था उसमें चैंपियंस ट्रॉफी फतेह की.

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