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केदार जाधव ने 37 की उम्र में किया कमाल, सालभर बाद की वापसी, अब 4 मैच में 110 की स्ट्राइक से ठोके 553 रन

केदार जाधव ने रणजी ट्रॉफी 2022-23 में जोरदार बल्लेबाजी का सिलसिला जारी रखा है.

केदार जाधव ने 37 की उम्र में किया कमाल, सालभर बाद की वापसी, अब 4 मैच में 110 की स्ट्राइक से ठोके 553 रन
SportsTak - Tue, 24 Jan 08:06 PM

केदार जाधव ने रणजी ट्रॉफी 2022-23 में जोरदार बल्लेबाजी का सिलसिला जारी रखा है. उन्होंने 24 जनवरी को मुंबई के खिलाफ 128 रन की शतकीय पारी खेली. उन्होंने 168 गेंद में 18 चौकों और एक छक्के की मदद से यह रन बनाए. इस पारी के बूते महाराष्ट्र ने मुंबई के खिलाफ ग्रुप राउंड के आखिरी मुकाबले के पहले दिन छह विकेट पर 314 रन का स्कोर खड़ा किया. केदार जाधव ने रणजी ट्रॉफी में इस सीजन का दूसरा और फर्स्ट क्लास करियर का 16वां शतक लगाया. उन्होंने इस सीजन में चार ही मैच खेले हैं और इनमें 283, 56, 15, 71 व 128 के स्कोर बनाए हैं.

 

जाधव एक साल तक क्रिकेट से दूर रहे थे और नवंबर में विजय हजारे ट्रॉफी से वापसी की थी. तब दो मैच खेले थे. हालांकि बड़ा स्कोर नहीं बना सके थे लेकिन दिखाया था कि वे अभी भी खेलने के लिए फिट हैं. 37 साल के हो चले इस क्रिकेटर की फॉर्म और फिटनेस को लेकर कई सवाल थे. लेकिन रणजी में अभी तक जिस तरह का खेल उन्होंने दिखाया है उससे सबकी बोलती बंद हो गई. मुंबई के खिलाफ मुकाबले में ऋतुराज गायकवाड़ और राहुल त्रिपाठी जैसे बड़े नाम महाराष्ट्र की टीम से बाहर थे. साथ ही टीम ने 23 रन पर दो विकेट गंवा दिए थे. इस स्थिति में उन्होंने मोर्चा संभाला और शतक लगाया. जिस पिच पर बाकी बल्लेबाज रन बनाने के लिए तरस रहे थे उस पर वे डट गए. टीम को 200 के पार पहुंचाने के बाद वे दिन के आखिरी विकेट के रूप में आउट हुए.

 

शतक ठोककर क्या बोले जाधव

महाराष्ट्र को रणजी ट्रॉफी के क्वार्टर फाइनल में पहुंचने के लिए इस मैच को जीतने की जरूरत है. ऐसे में जाधव ने कहा कि उन्होंने इस मैच से ज्यादा दबाव झेला है. उन्होंने स्पोर्टस्टार से कहा, 'मैंने सब कुछ देखा है, पहले भी ऐसी कंडीशन में रहा हूं और खेला हूं. मैं 37 साल का हूं और इससे ज्यादा प्रेशर वाले मैचों में शामिल रहा हूं. यह एक ऐसा ही दिन था जहां दोनों टीमों को अगले राउंड में जाने के लिए पहली पारी की बढ़त चाहिए. केवल यही दबाव था.'

 

जाधव अभी कुछ साल तक खेलने की इच्छा रखते हैं. उन्होंने  कहा, 'मुझे महसूस हुआ कि ऐसा कुछ नहीं है जो मैं नहीं कर सकता और इससे मुझे खुशी मिलती है. साथ ही इससे मैं फिट भी रहा. इसलिए मैंने सोचा कि वापसी की जाए और खेला जाए. देखूंगा कि क्या मुझे मजा आता है तब मैं तब तक खेलता रहूंगा जब तक फिट हूं और रन बन रहे हैं. मैं खेलने का भूखा था इसलिए मैंने जीरो से शुरू किया.'  

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