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भारतीय स्टार सालभर तक खाली बैठा रहा, किसी ने नहीं खिलाया, अब T20-वनडे सब जगह बरसा रहा रन, कहा- सुबह उठता हूं तो...

करुण नायर कर्नाटक टीम में मौके नहीं मिलने के बाद विदर्भ के लिए घरेलू क्रिकेट खेलने लग गए जहां पहले रणजी ट्रॉफी सीजन में उन्होंने 690 रन बनाए थे.

करुण नायर टीम इंडिया से 2017 में बाहर हो गए थे.
authorShakti Shekhawat
Tue, 20 Aug 01:17 PM

करुण नायर ने जब साल 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ तिहरा शतक लगाया था तब वे यह कमाल करने वाले दूसरे ही भारतीय बल्लेबाज बने थे. उनके अलावा वीरेंद्र सहवाग ही ऐसा कर सके हैं. इन दोनों के अलावा और कोई भारतीय अभी तक टेस्ट में तिहरा शतक नहीं लगा सका है. लेकिन करुण नायर का करियर उस ऐतिहासिक करिश्मे के बाद ढलान की तरफ चला गया. 2017 के बाद वे भारतीय टीम का हिस्सा नहीं बन पाए. 2020 के बाद से उन्हें आईपीएल में कोई मैच खेलने को नहीं मिला. 2022 आते-आते वे कर्नाटक रणजी टीम से भी बाहर होने लगे और 2023 में उन्हें टीम बदलनी पड़ी. लेकिन अब यह बल्लेबाज बल्लेबाज फिर से रंग में आ रहा है. टी20 से लेकर लिस्ट ए और फर्स्ट क्लास, सभी फॉर्मेट में लगातार रन बना रहे हैं. वे फिर से भारत की टेस्ट टीम में जगह बनाना चाहते हैं.

 

करुण नायर अभी महाराजा टी20 ट्रॉफी में खेल रहे हैं. यहां उन्होंने 19 अगस्त को मैसूरु वॉरियर्स की कप्तानी करते हुए शतक लगाया. पिछले साल यही टीम फाइनल में गई थी और तब करुण ने 162.69 की स्ट्राइक रेट से 532 रन बनाए थे. पिछले ही साल वे कर्नाटक से विदर्भ गए और वहां रणजी ट्रॉफी में 690 रन बनाए. विदर्भ ने फाइनल खेला. इसी टीम के लिए विजय हजारे ट्रॉफी में 230 तो सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में भी उपयोगी योगदान दिया. उन्होंने अपने खेल को लेकर ESPNcricinfo से बात करते हुए कहा,

 

मैं बस यह कोशिश कर रहा हूं कि अगर मौके मिलते हैं तो उनका फायदा उठाया जाए जिससे कि मैं फिर से ऊपर जा सकूं. अगर आप मुझसे पिछले सीजन की शुरुआत में कहते कि मैं इतने रकन बनाऊंगा तो मैं उन्हें ले लेता. मैं एक साल तक घर पर रहा, कोई मौका नहीं मिला और जब कुछ नहीं हो रहा था तब मैंने खुद से पूछा कि मैं क्या कर सकता हूं. इसलिए जब मौका मिला तो फिर से योगदान देकर अच्छा लगा. मुश्किल भरे सालों ने मुझे पूरा जोर लगाने में मदद की. मेरे लिए जो मैच मैं खेल रहा हूं वह सबसे अहम है. फिर चाहे वह लीग मैच हो या घरेलू मैच.

 

करुण नायर फिर से खेलना चाहते हैं टेस्ट क्रिकेट

 

करुण खेल की तलाश में इंग्लैंड गए और वहां पर काउंटी क्रिकेट में नॉर्थम्पटनशर की ओर से खेले. यहां 11 पारियों में 487 रन बनाए जिनमें एक नाबाद 202 रन की पारी भी शामिल थी. अब भारत आने के बाद वे घरेलू सीजन शुरू होने से पहले रनों की तलाश में हैं. उन्होंने कहा,

 

मुझे लगता है कि मैं पहले की तरह की बैटिंग कर रहा हूं. मैं अच्छी स्थिति में हूं. मैं बस यह कोशिश कर रहा हूं कि मौके मिलते रहे. हर सुबह उठने और टेस्ट क्रिकेट फिर से खेलने का रास्ता हासिल करने का सपना देखने को लेकर उत्साहित हूं. इसी वजह से मैं आगे बढ़ रहा हूं. मैं ट्रॉफी जीतना चाहूंगा. पिछले साल हमने रणजी मिस कर दी थी. इस साल इसे जीतना चाहेंगे.
 

 

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