icon

टीम इंडिया में खत्‍म किया 12 साल का इंतजार, अब रणजी में हैट्रिक समेत 8 विकेट लेकर इस भारतीय गेंदबाज ने मचाई धूम

भारतीय क्रिकेट टीम में जयदेव उनादकट (Jaydev Unadkat) ने 12 साल बाद वापसी कर ये साबित कर दिया कि उन्होंने अभी भी टीम इंडिया में खेलने की उम्मीद नहीं छोड़ी है.

टीम इंडिया में खत्‍म किया 12 साल का इंतजार, अब रणजी में हैट्रिक समेत 8 विकेट लेकर इस भारतीय गेंदबाज ने मचाई धूम
SportsTak - Tue, 03 Jan 02:11 PM

भारतीय क्रिकेट टीम में जयदेव उनादकट (Jaydev Unadkat) ने 12 साल बाद वापसी कर ये साबित कर दिया कि उन्होंने अभी भी टीम इंडिया में खेलने की उम्मीद नहीं छोड़ी है. बांग्लादेश (Bangladesh) के खिलाफ दूसरे टेस्ट में इस गेंदबाज ने अच्छा प्रदर्शन किया था और कुल 3 विकेट अपने नाम किए थे. ऐसे में टीम ने सीरीज पर 2-0 से कब्जा कर लिया था. उनादकट अब वापस रणजी में आ चुके हैं और सौराष्ट्र की कप्तानी संभाल रहे हैं. दिल्ली के खिलाफ सौराष्ट्र के मुकाबले में उनादकट ने वो कर दिखाया जो आज तक रणजी के 88 साल के इतिहास में कोई नहीं कर पाया था. इस गेंदबाज ने मैच के पहले ही ओवर में हैट्रिक लेकर इतिहास रच दिया. उनादकट की गेंदों को दिल्ली का कोई भी बल्लेबाज पढ़ नहीं पाया और पूरी टीम 133 के कुल स्कोर पर पवेलियन लौट गई.

 

8 विकेट के साथ हैट्रिक भी
जयदेव उनादकट ने 12 ओवर फेंके और उसमें उन्होंने 39 रन देकर कुल 8 विकेट लिए. वहीं इस गेंदबाज ने मैच के पहले ओवर में ही हैट्रिक लेकर दिल्ली के टॉप 3 बल्लेबाजों को बिना खाता खोले पवेलियन भेज दिया. जयदेव ने अपने पहले ओवर की तीसरी, चौथी और पांचवीं गेंद पर विकेट लिया और हैट्रिक पूरी की. उन्होंने पहले ओवर की तीसरी गेंद पर ध्रुव शोरे, चौथी पर वैभव रावल और पांचवी पर यश ढुल को पवेलियन भेजा. जयदेव ने सौराष्ट्र के पहले दो मुकाबले मिस किए थे. वो उस दौरान टीम इंडिया की टेस्ट टीम का हिस्सा थे. दिल्ली की टीम के ज्यादातर खिलाड़ी चोट के चलते बाहर थे. ऐसे में जो टीम में थे उनके पास उनादकट की गेंदों का जवाब नहीं था.

 

21वां 5 विकेट हॉल
उनादकट हैट्रिक तक ही सीमित नहीं रहे. इसके अगले ही ओवर में उन्होंने 2 और विकेट लिए. और इस तरह इस गेंदबाज ने 2 ओवरों में कुल 5 विकेट अपने नाम कर लिए. उनादकट ने अपने फर्स्ट क्लास करियर का 21वां 5 विकेट हॉल लिया. दिल्ली का हाल इतना खराब हो चुका था कि टीम ने 6 रन के कुल स्कोर पर 5 विकेट गंवा दिए थे और वो भी 3 ओवरों में.  टीम के टॉप 5 बल्लेबाज 0 पर पवेलियन लौट चुके थे. उनादकट इसके बाद भी नहीं रुके और उन्होंने लक्ष्य, शिवांक वशिष्ठ और कुलदीप यादव को पवेलियन भेज अंत में कुल 8 विकेट अपने नाम कर लिए.

 

हालांकि यहां दिल्ली की टीम अपने नाम बेहद खराब रिकॉर्ड करने से बच गई. और इसका श्रेयस प्रांशू वियरन और ऋतिक शौकीन को जाता है. दोनों ने दिल्ली को रणजी इतिहास में सबसे कम स्कोर पर आउट होने से बचाया. इससे पहले हैदराबाद की टीम राजस्थान के खिलाफ साल 2010-11 सीजन में सिर्फ 21 रन पर ऑलआउट हो गई थी. दिल्ली की तरफ से सबसे ज्यादा 68 रन ऋतिक शौकीन और 38 रन शिवांक ने बनाए. वहीं उनादकट ने 3.25 की इकॉनमी से रन दिए. उनके अलावा चिराग जानी और और प्रेरक मांकड़ को 1-1 विकेट मिला.
 

लोकप्रिय पोस्ट