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ईशान किशन का बड़ा खुलासा, अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद पिता नहीं थे खुश, कहा था- ये असली क्रिकेट नहीं है

ईशान किशन का बड़ा खुलासा, अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद पिता नहीं थे खुश, कहा था- ये असली क्रिकेट नहीं है किशन ने कहा कि, मैं बेहद ज्यादा खुश हूं. जब भी मैं व्हाइट बॉल क्रिकेट में अच्छा करता था

ईशान किशन का बड़ा खुलासा, अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद पिता नहीं थे खुश, कहा था- ये असली क्रिकेट नहीं है
SportsTak - Tue, 17 Jan 01:49 PM

टीम इंडिया के धांसू युवा बल्लेबाज ईशान किशन (Ishan Kishan) को पहली बार टीम इंडिया की टेस्ट टीम में मौका मिला है. किशन को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले दो मैचों के लिए टीम में चुना गया है. दोनों टीमों के बीच सीरीज की शुरुआत फरवरी 2023 से होगी. ऐसे में किशन ने बीसीसीआई टीवी शुभमन गिल से खास बातचीत की जिसमें उन्होंने टेस्ट टीम में चुने जाने और आगे की प्लानिंग को लेकर कई अहम खुलासे किए. किशन ने वीडियो में ये भी बताया कि, वो टेस्ट क्रिकेट से कितना ज्यादा प्यार करते हैं.

 

टेस्ट क्रिकेट ही असली है
किशन ने कहा कि, मैं बेहद ज्यादा खुश हूं. जब भी मैं व्हाइट बॉल क्रिकेट में अच्छा करता था मेरे पिता मुझे हमेशा यही कहते थे कि, टेस्ट क्रिकेट ही असली क्रिकेट है. उन्होंने कहा था कि टेस्ट क्रिकेट असली चैलेंज है. ये हमारी स्किल्स को टेस्ट करता है. ऐसे में टेस्ट क्रिकेट खेलना बड़ी बात है. ईशान ने आगे कहा कि, मुझे काफी खुशी हो रही है कि मेरी टेस्ट टीम में एंट्री हो रही है. क्योंकि लोगों को यही असली क्रिकेट लगता है. इसलिए मैं इस फॉर्मेट में अच्छा करने की कोशिश करूंगा.

 

 

 

और मेहनत करना है
ईशान ने आगे कहा कि, मैं जब घर आया और मैंने टेस्ट टीम में चुने जाने की खबर सुनाई. मेरे पिता काफी ज्यादा खुश हुए और उन्होंने कहा कि, ऐसे ही मेहनत करते रहो. बता दें कि किशन ने हाल ही में बांग्लादेश के खिलाफ वनडे में दोहरा शतक लगाया था. लेकिन इसके बावजूद उन्हें श्रीलंका के खिलाफ मौका नहीं मिला. इसके बाद ईशान वापस रणजी खेलने गए, अच्छा खेल दिखाया. और फिर अंत में यही हुआ कि ऑस्ट्रेलिया सीरीज के लिए उन्हें चुन लिया गया.

 

बैटर ने आगे कहा कि, मुझे रेड बॉल से खेलना काफी पसंद है. गेंद काफी ज्यादा स्विंग करती है. लोग आपको स्लेज करते हैं. आपके पास मौका होता है. वहीं दबाव भी कम होता है. इसलिए मुझे ये फॉर्मेट खेलना पसंद है. मुझे इस फॉर्मेट में जो भी पोजिशन मिलेगी मैं उसपर जाकर अपनी जिम्मेदारी निभाऊंगा. अगर मैं मिडिल में जाकर व्हाइट बॉल की तरह बड़े शॉट खेलूंगा तो मैं खुद की टीम को ही निराश करूंगा. इसलिए मैं समझदारी से खेलना चाहूंगा.

 

ईशान ने बताया कि, व्हाइट बॉल और रेड बॉल क्रिकेट में काफी ज्यादा अंतर है. व्हाइट में ज्यादा बॉल स्विंग नहीं करती है. लेकिन रेड बॉल में आपको दिमाग से खेलना होता है. आप यहां दिखावा नहीं कर सकते.
 

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