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U19 World Cup की सबसे कामयाब टीम है भारत, 8 फाइनल खेले, 5 बार बना चैंपियन, जानिए कब, किसे और कैसे दी मात

India's U19 World Cup Record: भारत ने आठ बार अंडर 19 वर्ल्ड कप का फाइनल खेला है और पांच बार वह विजेता बना. 2016 से वह लगातार चार खिताबी मुकाबले खेल चुका है.

भारत ने 2018 अंडर 19 वर्ल्ड कप पृथ्वी शॉ की कप्तानी में जीता था.
authorShakti Shekhawat
Tue, 16 Jan 11:52 PM

India's U19 World Cup Record: भारतीय अंडर-19 क्रिकेट टीम उदय सहारण की कप्तानी में साउथ अफ्रीका में हो रहे अंडर-19 वर्ल्ड कप 2024 में खेलने उतरी. टीम इंडिया इस समय डिफेंडिंग चैंपियन है. उसने पिछले एडिशन में यश धुल की कप्तानी में पांचवीं बार खिताब जीता था. भारत अंडर 19 वर्ल्ड कप की सबसे कामयाब टीम है. 1988 से शुरू हुए इस टूर्नामेंट में पिछले कुछ सालों में उसने अपना सिक्का जमा लिया और उसे हराना सबसे मुश्किल काम होता है. भारत 2016 से अभी तक लगातार चार बार इस टूर्नामेंट का फाइनल खेल रहा है. 19 जनवरी को अंडर-19 वर्ल्ड कप शुरू होने से पहले जान लेते हैं इस टूर्नामेंट में भारत पहली बार कब जीता, कुल कितनी बार जीता है. साथ ही जब-जब वह फाइनल में पहुंचा उसकी क्या कहानी रही.

 

भारत सबसे पहले साल 2000 में अंडर-19 वर्ल्ड कप जीता. इसके बाद उसने 2008, 2012, 2018 और 2022 में भी खिताब जीता. यानी कुल पांच बार वह इस टूर्नामेंट का विजेता बना. इनके अलावा 2006, 2016, 2020 में उपविजेता रहा. भारत ही सबसे ज्यादा बार अंडर-19 वर्ल्ड कप जीतने वाला देश है. उसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने तीन और पाकिस्तान ने दो बार यह टूर्नामेंट जीता है.

 

भारत के पहली बार अंडर-19 वर्ल्ड कप जीतने की कहानी


मोहम्मद कैफ की कप्तानी में टीम खेलने गई जिसमें युवराज सिंह, वेणुगोपाल राव, रीतेंदर सिंह सोढ़ी जैसे नाम भी शामिल रहे. भारत ने तब ग्रुप बी में सबसे ऊपर रहते हुए सुपर लीग के ग्रुप 2 में जगह बनाई. यहां उसने तीनों मैच जीते और सेमीफाइनल में जगह बनाई. यहां ऑस्ट्रेलिया से उसका सामना हुआ और भारत 170 रन से जीत गया. फाइनल में भारत के सामने श्रीलंका था. श्रीलंका ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया. लेकिन शलभ श्रीवास्तव के तीन विकेटों के दम पर भारत ने विरोधी टीम को 178 रन पर समेट दिया. कोलंबो में खेले गए फाइनल में टीम इंडिया ने रीतेंदर सोढ़ी (39) और नीरज पटेल (34) की नाबाद पारियों से 40.4 ओवर में चार विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया. इसके साथ भारत पहली बार विजेता बन गया. सोढ़ी प्लेयर ऑफ दी मैच रहे तो युवराज सिंह को 203 रन व 12 विकेट के लिए प्लेयर ऑफ दी सीरीज चुना गया.

 

2006 में कैसे हारा भारत


भारतीय टीम की कप्तानी रविकांत शुक्ला के पास थी. उनके साथ रोहित शर्मा, चेतेश्वर पुजारा, रवींद्र जडेजा, पीयूष चावला, मनीष पांडे जैसे नाम थे. भारत ने ग्रुप सी टॉप किया. क्वार्टर फाइनल में वेस्ट इंडीज तो सेमीफाइनल में इंग्लैंड को मात दी. फाइनल में उसकी टक्कर पाकिस्तान से हुई. कोलंबो की पिच गेंदबाजों की मददगार थी और इस पर पाकिस्तान के कप्तान सरफराज अहमद ने पहले बैटिंग ली. पीयूष चावला के आठ रन पर चार विकेट के आगे पाकिस्तान 109 रन ही बना सका. जवाब में भारत की हालत इससे भी खराब रही. उसके केवल दो बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा पार कर सके. आठवें नंबर पर उतरे चावला ने सबसे ज्यादा 25 रन बनाए. लेकिन भारत 71 रन पर सिमट गया. अनवर अली ने 35 रन देकर पांच शिकार किए.

 

2008 में कोहली ने बनाया विजेता


विराट कोहली की कप्तानी में गई भारतीय टीम में जडेजा, अभिनव मुकुंद, मनीष पांडे, सिद्धार्थ कौल जैसे प्लेयर थे. भारत ग्रुप बी में था और उसने सारे मैच जीते. क्वार्टर फाइनल में उसने इंग्लैंड को पीटा तो सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड को धूल चटाई. फाइनल में सामना साउथ अफ्रीका से हुआ. साउथ अफ्रीका के कप्तान वेन पार्नेल ने टॉस जीता और बॉलिंग चुनी. बारिश से प्रभावित मैच में तन्मय श्रीवास्तव के 46 रन के बूते भारत ने 159 रन बनाए. जवाब में साउथ अफ्रीकी टीम 25 ओवर में आठ विकेट पर 103 रन ही बना सकी. उसे डकवर्थ लुईस सिस्टम से 116 का लक्ष्य मिला था. भारत 12 रन से जीत गया और दूसरी बार चैंपियन बना.

 

उन्मुक्त चंद ने तीसरी बार बनाया चैंपियन


भारत इस बार ग्रुप सी में था और उसने दूसरे नंबर पर रहते हुए आगे का टिकट कटाया. क्वार्टर फाइनल में भारत ने एक विकेट से पाकिस्तान को मात दी. सेमीफाइनल में उसकी टक्कर न्यूजीलैंड से हुआ और वह नौ रन से जीत गया. खिताबी मुकाबला ऑस्ट्रेलिया से रहा. भारत ने टॉस जीता और पहले बॉलिंग चुनी. संदीप शर्मा के चार विकेट ने ऑस्ट्रेलिया को आठ विकेट पर 225 रन ही बनाने दिए. जवाब में उन्मुक्त चंद ने नाबाद शतक लगाया और भारत को छह विकेट से जीत दिला दी.

 

2016 में टूटा दिल


इशान किशन की कप्तानी में खेलने गई भारतीय टीम खिताब जीतने की तगड़ी दावेदार थी लेकिन वेस्ट इंडीज से फाइनल में हार गई. इस टीम के पास ऋषभ पंत, सरफराज खान, खलील अहमद, वाशिंगटन सुंदर, अनमोलप्रीत सिंह जैसे खिलाड़ी थे. मीरपुर में खेले गए फाइनल में वेस्ट इंडीज के कप्तान शिमरॉन हेटमायर ने टॉस जीता और बॉलिंग चुनी. गेंदबाजों की मददगार पिच पर भारतीय बल्लेबाज टिक नहीं सके और केवल 145 रन बना पाए. अल्जारी जोसफ और रयान जॉन ने तीन-तीन विकेट लिए. भारत की ओर से सरफराज ने सबसे ज्यादा 51 रन बनाए. इसके जवाब में वेस्ट इंडीज ने केसी कार्टी के नाबाद 53 और कीमो पॉल के 40 रन से आखिरी ओवर में मैच जीत लिया.

 

2018 में लगाया जीत का चौका


पृथ्वी शॉ की कप्तानी में भारत न्यूजीलैंड में खेले गए टूर्नामेंट में उतरा. इस टीम में शुभमन गिल, शिवम मावी, रियान पराग, अर्शदीप सिंह,कमलेश नागरकोटी, अभिषेक शर्मा और इशान पोरेल जैसे खिलाड़ी थे. टीम इंडिया ग्रुप बी में अजेय रही. क्वार्टर फाइनल में बांग्लादेश और सेमीफाइनल में पाकिस्तान को धूल चटाई. फाइनल में उसके सामने ऑस्ट्रेलिया था. फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर भारत को बैटिंग के लिए बुलाया. जॉनाथन मर्लो के 76 रन के बावजूद ऑस्ट्रेलिया 216 रन पर सिमट गया. इस लक्ष्य को भारत ने मनजोत कालरा के नाबाद 101 रन के बूते 39वें ओवर में ही हासिल कर लिया. भारत चैंपियन बन गया.

 

2020 में फाइनल में मिली शिकस्त


प्रियम गर्ग की कप्तानी में भारतीय टीम गई. इस टीम से रवि बिश्नोई, ध्रुव जुरेल, यशस्वी जायसवाल, तिलक वर्मा और कार्तिक त्यागी जैसे खिलाड़ी आगे चलकर भारतीय सीनियर टीम से जुड़े. भारत ने फिर से ग्रुप टॉप किया और क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराया. सेमीफाइनल में पाकिस्तान को 10 विकेट से धूल चटाई. खिताबी टक्कर बांग्लादेश के साथ हुई. साउथ अफ्रीका में खेले गए टूर्नामेंट के फाइनल में भारत ने पहले बल्लेबाजी की. यशस्वी जायसवाल ने 88 रन की पारी खेली लेकिन बाकी बल्लेबाज पसर गए. टीम इंडिया 177 रन ही बना सकी. जवाब में बांग्लादेश तीन विकेट से करीबी मुकाबला जीत गया. भारत को एक्स्ट्रा के रूप में दिए गए 33 रन भारी पड़े. इस मैच में दोनों टीमों के खिलाड़ियों की भिड़ंत भी हो गई थी.

 

2022 में भारत ने लगाया जीत का पंजा


दिल्ली के यश धुल के नेतृत्व में भारतीय टीम खेलने गई. इस टीम में राजवर्धन हंगरगेकर जैसे नाम शामिल थे. भारत ग्रुप बी में अजेय रहा. क्वार्टर फाइनल में भारत ने बांग्लादेश को हराया तो सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया को पीटा. फाइनल में भारत के सामने था इंग्लैंड. इंग्लिश टीम ने पहले बैटिंग की लेकिन वह 189 पर सिमट गई. उसकी तरफ से जेम्स रू ने 95 रन बनाए. भारत की ओर से राज बावा ने पांच विकेट लिए. इसके जवाब में शेख राशिद और निशांत सिंधू के अर्धशतकों से भारत चार विकेट से जीत गया. 

 

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