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10 साल, 9 टूर्नामेंट और 3 कप्तान, टीम इंडिया हर बार खाली हाथ, कभी फाइनल तो कभी सेमीफाइनल में हो रहे परास्त

विश्व क्रिकेट में अपने रुतबे के बावजूद भारतीय टीम (Indian Cricket Team) के आईसीसी खिताब जीतने पर लगा ग्रहण अभी टलने का नाम नहीं ले रहा.

10 साल, 9 टूर्नामेंट और 3 कप्तान, टीम इंडिया हर बार खाली हाथ, कभी फाइनल तो कभी सेमीफाइनल में हो रहे परास्त
authorPTI Bhasha
Sun, 11 Jun 06:37 PM

विश्व क्रिकेट में अपने रुतबे के बावजूद भारतीय टीम (Indian Cricket Team) के आईसीसी खिताब जीतने पर लगा ग्रहण अभी टलने का नाम नहीं ले रहा. अब ऑस्ट्रेलिया (Australia Cricket Team) से 209 रन से हारकर रोहित शर्मा की टीम लगातार दूसरी बार विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप खिताब (World Test Championship Final) से दूर रह गई. जीत के लिये 444 रन के विश्व रिकॉर्ड लक्ष्य के जवाब में आखिरी दिन सभी की नजरें विराट कोहली और आईपीएल के ‘वंडर ब्वॉय’ रवींद्र जडेजा पर लगी थी लेकिन स्कॉट बोलैंड ने दोनों को एक ही ओवर में रवाना करके ऑस्ट्रेलिया की जीत दीवार पर लिखी इबारत की तरह साफ कर दी. भारत ने आखिरी दिन पहले ही सत्र में सात विकेट 70 रन के भीतर गंवा दिये और दूसरी पारी में 234 रन पर सिमट गई.

 

भारत ने आखिरी आईसीसी खिताब 2013 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में इंग्लैंड को हराकर चैम्पियंस ट्रॉफी के रूप में जीता था. उसके बाद से टीम 2014 टी20 विश्व कप फाइनल, 2015 वनडे विश्व कप और 2016 टी20 विश्व कप सेमीफाइनल, चैम्पियंस ट्रॉफी 2017 फाइनल, वनडे विश्व कप 2019 सेमीफाइनल, 2021 टी20 विश्व कप में सुपर 12 चरण में, 2022 टी20 विश्व कप सेमीफाइनल और विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप 2021 फाइनल हार गई. 2013 के बाद से भारत ने तीन आईसीसी फाइनल और चार सेमीफाइनल गंवाए हैं. एक बार यह टीम नॉकआउट राउंड से पहले बाहर हुई है. इस दौरान एमएस धोनी के अलावा विराट कोहली और रोहित शर्मा ने आईसीसी ट्रॉफी में भारत की कप्तानी संभाली है.

 

डब्ल्यूटीसी फाइनल में कैसे हारा भारत


चयन के गलत फैसले हों या आईपीएल खेलने के परिणाम, बल्लेबाजों की नाकामी हो या गेंदबाजी आक्रमण की कमजोरी. सिक्के की उछाल के अलावा इस मैच में भारत के पक्ष में कुछ नहीं रहा. आईपीएल में रनों के अंबार लगाने वाले उसके बल्लेबाजों के बल्लों को मानों जंग लग गई और गेंदबाज दहशत पैदा नहीं कर सके. पिछली बार न्यूजीलैंड से हारने वाली भारतीय टीम इस बार ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी वही कहानी दोहरा गई. ऑस्ट्रेलिया के पहली पारी के 469 रन के जवाब में भारत ने 296 रन बनाए थे. ऑस्ट्रेलिया ने दूसरी पारी आठ विकेट पर 270 रन पर घोषित करके भारत को 444 रन का लक्ष्य दिया था.

 

टीम इंडिया की बैटिंग ने किया निराश


भारत को उसके दमदार बल्लेबाजी क्रम ने पूरी तरह निराश किया. रोहित, शुभमन गिल, चेतेश्वर पुजारा और कोहली बड़े मैच में चल नहीं सके. पांचवें दिन कोहली और रहाणे क्रीज पर उतरे तो दर्शकों को उम्मीद बंधी थी लेकिन बॉलैंड ने सातवें ओवर में ही कोहली और जडेजा को रवाना करके आस्ट्रेलिया के पक्ष में पटकथा लिख डाली. कोहली चौथे दिन जिस फॉर्म में दिख रहे थे, ऐसा लगा था कि वह भारत को चमत्कारिक जीत दिलायेंगे और 76वां शतक ठोकेंगे. लेकिन पेचीदा पिच की असमान उछाल पर विकेट नहीं बचा सके. उन्होंने दूसरी स्लिप में स्टीव स्मिथ को कैच थमाया.

 

चंद रोज पहले ही चेन्नई सुपर किंग्स को आईपीएल फाइनल में यादगार जीत दिलाने वाले जडेजा दो गेंद बाद विकेटकीपर को आसान कैच दे बैठे. रहाणे और केएस भरत ने कुछ अच्छे स्ट्रोक्स लगाए लेकिन मिचेल स्टार्क ने वापसी करते हुए रहाणे को आउट किया. इसके बाद बस भारत की हार का इंतजार ही बाकी रह गया था.

 

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