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अगर सूर्यकुमार पाकिस्तान में होते तो वह शिकार...पूर्व पाकिस्तानी कप्तान का बड़ा बयान, इस बात पर जताया दुख

टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज

अगर सूर्यकुमार पाकिस्तान में होते तो वह शिकार...पूर्व पाकिस्तानी कप्तान का बड़ा बयान, इस बात पर जताया दुख
SportsTak - Mon, 09 Jan 08:33 AM

टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव (Suryakumar Yadav) अलग रंग में नजर आ रहे हैं. श्रीलंका के खिलाफ तीसरे और आखिरी टी20 मुकाबले में इस बल्लेबाज ने अपनी आक्रामक पारी से टीम को सीरीज जीत दिला दी. सूर्य ने शानदार शतक लगाया और पूरा गेम की पलट डाला. राजकोट में खेले गए इस मुकाबले में सिर्फ 51 गेंद पर ही 7 चौके और 9 छक्के जड़ सूर्य ने 112 रन की पारी खेल दी. लिमिटेड ओवर फॉर्मेट में ये सूर्य का तीसरा शतक था जबकि भारतीय जमीन पर पहला. पिछले 6 महीनों के भीतर सूर्य ने 3 शतक लगाए हैं जिसमें इंग्लैंड के खिलाफ जुलाई 2022 और न्यूजीलैंड के खिलाफ नवंबर 2022 शामिल है. ऐसे में एक तरफ जहां पूरी दुनिया सूर्य की तारीफ कर रही है. वहीं पाकिस्तान के पूर्व कप्तान सलमान बट ने बड़ा बयान दिया है.

 

पूर्व कप्तान का बड़ा बयान
सलमान बट ने कहा कि, सूर्यकुमार ‘भाग्यशाली’ है कि वह भारत की तरफ से खेल रहे हैं, और सबसे बड़ी बात उन्हें 30 के बाद डेब्यू का मौका मिला, जो पाकिस्तान में होने से रहा. आपको बता दें, रमीज राजा के नेतृत्व में पीसीबी ने कथित तौर पर 30 या उससे अधिक की उम्र वाले खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में मौका नहीं देने की नीति बनाई थी.

 

बता दें कि, सूर्यकुमार यादव ने 31 साल की उम्र में 2021 में भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया. सूर्या ने अब तक 16 वनडे और 45 टी20 मैच खेले हैं. सूर्य ने इस लिमिटेड ओवर फॉर्मेट में 46.41 की औसत से 1578 रन बनाए हैं, जिसमें तीन शतक और 13 अर्धशतक शामिल हैं. टी20 में उनका स्ट्राइक रेट 180 से अधिक है.

 

बल्लेबाजी पर खोला राज
सूर्य ने पोस्ट मैच के बाद टीम के हेड कोच राहुल द्रविड़ के साथ खास बातचीत में अपनी बल्लेबाजी को लेकर कहा कि, मैं जब भी नेट्स पर या कहीं भी प्रैक्टिस करने के लिए जाता हूं मेरा लक्ष्य यही रहता है कि गेंद जब बल्ले पर लगती है तो उसकी आवाज कैसी है. अगर बढ़िया से गेंद बल्ले पर कनेक्ट हो रही है बेहतरीन साउंड आ रहा है तो बस वही मेरी प्रैक्टिस है. इसके अलावा मैं प्रैक्टिस में भी फील्ड सेट करके और छोटे-छोटे टारगेट रख कर अभ्यास करता हूं. जिससे काफी मदद मिलती है. लेकिन मेरा असली टारगेट यही रहता है कि जब तक गेंद के बल्ले से लगने की जो आवाज है वह अच्छी नहीं आती मैं प्रैक्टिस करता रहता हूं. अगर ये आवाज शुरुआती 10 मिनट में सुनाई दे जाती है तो इसका मतलब होता है कि मैं सेट हूं और मैं नेट्स से चला जाता हूं. बाकी किसी चीज से मतलब नहीं होता है."

 

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